tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post1875544232838307603..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: खोलो अपनी पिटारी रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger33125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-88287678917756991802013-10-23T14:48:32.016+05:302013-10-23T14:48:32.016+05:30सही है आपकी लेखनी को प्रणाम कितनी आसानी से और सरल ...सही है आपकी लेखनी को प्रणाम कितनी आसानी से और सरल शब्दों में आप दिल को छू लेती हैं हमेशा माँ की तरह :) सही है यह ज़िंदगी जितनी बड़ी और लंबी नज़र आती है, उतनी है नहीं। इसलिए ख़ामोशी से बेहतर है कुछ कहते सुनते रहना क्या पता यह बाते यह मुलाकातें कल हो ना...और रह जाये केवल शून्य और एक कभी न ख़त्म होने वाला मौन... Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-70859735432880957952013-10-21T10:33:44.194+05:302013-10-21T10:33:44.194+05:30आज कल तो मेरी पिटारी ही खो गयी है ...कैसे खोलूँ मु...आज कल तो मेरी पिटारी ही खो गयी है ...कैसे खोलूँ मुंह उसका :):) भावों से ओत - प्रोत रचना संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-8150464010623419402013-10-20T21:07:00.312+05:302013-10-20T21:07:00.312+05:30 पता है न
पलक झपकते सारे दृश्य बदल जाते हैं
इंतज... पता है न <br />पलक झपकते सारे दृश्य बदल जाते हैं <br />इंतज़ार के सारे मौके ख़त्म हो जाते हैं <br />और तब <br />सन्नाटा बहुत भयानक होता है <br />शून्य में कही अपनी बातें <br />ख़ुद तक लौट आती हैं <br />और -------<br /><br />जीवन का सच है,जब तक कोई रहता है बातें नहीं हो पाती<br />पर जब मौन सन्नाटा छाने लगता है तो लगता है ढेर सारी<br />बातें हों,लेकिन सन्नाटा जब स्थिर हो जाता है तो हम शून्य में<br />समा जाते हैं------<br />रह जाता है बातों का अधूरापन<br /><br />मार्मिक और भावुकता से लिखी गहन अनुभूति<br /><br />सादर Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-79413722197485274922013-10-19T22:21:10.211+05:302013-10-19T22:21:10.211+05:30प्रभावशाली रचना..प्रभावशाली रचना..रश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-34701112790858889062013-10-19T21:25:00.409+05:302013-10-19T21:25:00.409+05:30सबके मन की सोच को लिखने में आप माहिर है दीदी ...बह...सबके मन की सोच को लिखने में आप माहिर है दीदी ...बहुत खूब Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-37469754950698077572013-10-19T19:56:41.905+05:302013-10-19T19:56:41.905+05:30दीदी,
आपकी कविताओं पर चट से रेडीमेड कमेन्ट करना बह...दीदी,<br />आपकी कविताओं पर चट से रेडीमेड कमेन्ट करना बहुत मुश्किल होता है.. कविता को पढने और फिर उसे गुनने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.. बहुत ही दार्शनिक अन्दाज़ में लिखी कविता!!<br />चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-72731577184523714412013-10-18T23:46:11.563+05:302013-10-18T23:46:11.563+05:30प्रभावशाली सशक्त रचना |
मेरी नई रचना:- "झारख...प्रभावशाली सशक्त रचना |<br /><br />मेरी नई रचना:- <a href="http://bit.ly/1cBCrDo" rel="nofollow"><b>"झारखण्ड की सैर"</b></a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12634209491911135236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-68597163768080647772013-10-18T19:46:08.108+05:302013-10-18T19:46:08.108+05:30 बेहद प्रभावशाली रचना , आभार.. बेहद प्रभावशाली रचना , आभार..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-81475522486827482272013-10-18T14:50:48.105+05:302013-10-18T14:50:48.105+05:30बहुत ही उम्दा...... शब्द तो आपके हाथ में आते है सं...बहुत ही उम्दा...... शब्द तो आपके हाथ में आते है संवर जाते हैं |इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-37287282704187853102013-10-18T10:39:39.227+05:302013-10-18T10:39:39.227+05:30बहुत सुन्दर रचना,तन मन कुछ दिनों से अस्वस्थ था पर ...बहुत सुन्दर रचना,तन मन कुछ दिनों से अस्वस्थ था पर इस रचना ने प्रेरणा दी !चित्र तो देखकर ही मुस्कराहट खिल गई चेहरे पर, आभार :)Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-17859623860372862152013-10-18T09:59:37.241+05:302013-10-18T09:59:37.241+05:30खालीपन कभी मुस्कुराता नहीं .....gahan bhaw rashmi ...खालीपन कभी मुस्कुराता नहीं .....gahan bhaw rashmi jee .......Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-64844237500745603902013-10-18T09:16:42.568+05:302013-10-18T09:16:42.568+05:30यूँ ही बैठे बिठाये बन गई कुछ बातें …पिटारी तो आ...यूँ ही बैठे बिठाये बन गई कुछ बातें …पिटारी तो आपकी गज़ब है ही !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-28787304961833440062013-10-18T09:02:49.715+05:302013-10-18T09:02:49.715+05:30मैंने लिखा था कि बन्द पिटारी खोली तो----। अच्छी ...मैंने लिखा था कि बन्द पिटारी खोली तो----। अच्छी रचना है, सभी की पिटारी में कुछ न कुछ है। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-76677909945312390822013-10-18T08:00:14.207+05:302013-10-18T08:00:14.207+05:30पिटारी बड़े काम की होती है !
बहुत सुंदर !पिटारी बड़े काम की होती है !<br />बहुत सुंदर !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-58601286778003913612013-10-18T07:51:25.903+05:302013-10-18T07:51:25.903+05:30.....कुछ तुम बोलो, कुछ मैं बोलूं और बढ़ता ही रहे पि........कुछ तुम बोलो, कुछ मैं बोलूं और बढ़ता ही रहे पिटारे का दायरा. <br /><br />उम्मीद है पिटारा से जितना निकलेगा उतना ही भरता जाएगा. अति सुन्दर. ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-73499577468046823682013-10-17T20:07:56.824+05:302013-10-17T20:07:56.824+05:30वाकई जब खामोशी के पलों में सन्नाटों की दीवारों पर ...वाकई जब खामोशी के पलों में सन्नाटों की दीवारों पर कुछ मनभावन बातों और यादों के खुशनुमां चित्र मन बहलाने को मिल जाते हैं तो सब कुछ बहुत सुहाना सा लगने लगता है ! इसलिए इन चित्रों को उकेरने और सहेजने से कतराना नहीं चाहिये ! बहुत सुंदर रचना रश्मिप्रभा जी ! बधाई ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-83865520115341275812013-10-17T19:07:15.016+05:302013-10-17T19:07:15.016+05:30सशक्त भाव..... अपने आप से साक्षात्कार करवाते से .....सशक्त भाव..... अपने आप से साक्षात्कार करवाते से ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-26756412473909281152013-10-17T19:01:05.259+05:302013-10-17T19:01:05.259+05:30सन्नाटा एक संकेत है, कुछ बड़ा होने को है, पलक झपकन...सन्नाटा एक संकेत है, कुछ बड़ा होने को है, पलक झपकने के बाद।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-4712470151052638222013-10-17T18:58:50.535+05:302013-10-17T18:58:50.535+05:30सच दी !!
खिला चेहरा देख खालीपन भी हैरान हो जाय कि ...सच दी !!<br />खिला चेहरा देख खालीपन भी हैरान हो जाय कि आखिर क्या गुदगुदा गया इसे !!<br />बहुत बहुत सुन्दर रचना...<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-72137842052544212812013-10-17T17:50:32.142+05:302013-10-17T17:50:32.142+05:30आपकी लिखी रचना मुझे बहुत अच्छी लगी .........
शनिवा...<i><b> आपकी लिखी रचना मुझे बहुत अच्छी लगी .........<br />शनिवार 19/10/2013 को <br /><a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> http://nayi-purani-halchal.blogspot.in </a><br />में आपकी प्रतीक्षा करूँगी.... आइएगा न....<br />धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-11870054388735423442013-10-17T17:41:16.244+05:302013-10-17T17:41:16.244+05:30पता है न
पलक झपकते सारे दृश्य बदल जाते हैं
इंतज़...पता है न <br />पलक झपकते सारे दृश्य बदल जाते हैं <br />इंतज़ार के सारे मौके ख़त्म हो जाते हैं <br />और तब <br />सन्नाटा बहुत भयानक होता है <br />शून्य में कही अपनी बातें <br />ख़ुद तक लौट आती हैं <br />बहुत सुन्दर .<br />नई पोस्ट : <a href="http://dehatrkj.blogspot.in/2013/10/blog-post_17.html" rel="nofollow"> लुंगगोम : रहस्यमयी तिब्बती साधना</a><br /> राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-49439964761986270912013-10-17T17:35:48.666+05:302013-10-17T17:35:48.666+05:30मैं तो बातों की पिटारी रही हूँ
जब पिटारी में कुछ ...मैं तो बातों की पिटारी रही हूँ <br />जब पिटारी में कुछ नहीं होता <br />तो भी मनगढंत बातें सुनाती हूँ <br />पता है मुझे - <br />खालीपन कभी मुस्कुराता नहीं <br />और मैंने हमेशा चाहा है <br />कि शून्य में खिलखिलाहट भर जाए <br />ताकि तुम्हारे एकांत में <br />यादें मेरी बातों की <br />तुम्हें गुदगुदा जाए <br />तुम्हारा चेहरा खिल जाये <br />और खालीपन भी आश्चर्य में पड़ जाये !!<br /><br />बेमिसाल..Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-71787393442055606022013-10-17T17:15:52.772+05:302013-10-17T17:15:52.772+05:30 तो कहो कुछ तुम
मैं तो पिटारी लिए खड़ी ही हूँ .
.... तो कहो कुछ तुम <br />मैं तो पिटारी लिए खड़ी ही हूँ .<br />.....<br />तुम कर्तव्य के घाट पर से<br />जब भी निकलती हो<br />साहस की नाव लेकर<br />लहरें आपस में बात करती हैं<br />नदिया का जल<br />तुम्हारी हथेली की अंजुरी में समा<br />स्वयं का अभिषेक करने को<br />हो जाता है आतुर<br />किनारे तुम्हारे आने की बाट जोहने लगते हैं !!<br />आपके इस ज़ज्बे को सादर नमन .... सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-49918861546331740472013-10-17T16:49:15.166+05:302013-10-17T16:49:15.166+05:30वाह, खूबसूरत,लाजवाब रचना.वाह, खूबसूरत,लाजवाब रचना.Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-78096926482021115502013-10-17T16:11:03.686+05:302013-10-17T16:11:03.686+05:30और तब
सन्नाटा बहुत भयानक होता है
शून्य में कही अ...और तब <br />सन्नाटा बहुत भयानक होता है <br />शून्य में कही अपनी बातें <br />ख़ुद तक लौट आती हैं ………… और उनका शोर कानों को नहीं मन को भेदता है इसलिये वो वक्त आने से पहले कह दो कुछ जो सहेजा जा सके…………बहुत सुन्दर रचना दीvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com