tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post198823688658720510..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: अपनी तलाश में - ऐसी हूँ मैं !रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-20159726114061467252012-06-01T21:49:32.801+05:302012-06-01T21:49:32.801+05:30मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष
ताकि जब को...मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष<br />ताकि जब कोई हौसला अवश शिथिल कहीं बैठा मिले<br />तो मैं इन्द्रधनुष दे सकूँ<br />बहुत सुन्दर पंक्तियाँ .....जीने की इक्षा से ओतप्रोत कविता .....Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-68633290981761923342012-05-31T23:31:13.240+05:302012-05-31T23:31:13.240+05:30हाँ काम वाली की बातों में होतें हैं शब्दों के अपने...हाँ काम वाली की बातों में होतें हैं शब्दों के अपने अक्श ,अनुगूंज और तलाश अपने होने की ...बहुत ही बढ़िया भावाभिव्यक्ति ..... .कृपया यहाँ भी -<br /><br />.<br /><br /><br />बृहस्पतिवार, 31 मई 2012<br /> शगस डिजीज (Chagas Disease)आखिर है क्या ? <br /> शगस डिजीज (Chagas Disease)आखिर है क्या ?<br /><br />माहिरों ने इस अल्पज्ञात संक्रामक बीमारी को इस छुतहा रोग को जो एक व्यक्ति से दूसरे तक पहुँच सकता है न्यू एच आई वी एड्स ऑफ़ अमेरिका कह दिया है .<br />http://veerubhai1947.blogspot.in/<br /><br />उतनी ही खतरनाक होती हैं इलेक्त्रोनिक सिगरेटें<br />उतनी ही खतरनाक होती हैं इलेक्त्रोनिक सिगरेटें <br /><br />http://kabirakhadabazarmein.blogspot.in/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-83000109065433180272012-05-31T18:43:26.464+05:302012-05-31T18:43:26.464+05:30बहुत सुंदर हमेशा की तरह ....बहुत सुंदर हमेशा की तरह ....Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-43739084329946035262012-05-31T12:57:57.671+05:302012-05-31T12:57:57.671+05:30तो दर्द जब गहरा होता है
हिम्मत जब जवाब देने लगती ह...तो दर्द जब गहरा होता है<br />हिम्मत जब जवाब देने लगती है<br />तो सात रंग उतरते हैं कुछ पल के लिए<br /><br />बिकुल सत्य है दुःख के पीछे ही कहीं सुख है बस नज़र को फिराने की ही देर है ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-74642174393186523222012-05-31T03:43:35.672+05:302012-05-31T03:43:35.672+05:30हिम्मत जब जवाब देने लगती है
तो सात रंग उतरते हैं क...हिम्मत जब जवाब देने लगती है<br />तो सात रंग उतरते हैं कुछ पल के लिए<br />मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष<br />ताकि जब कोई हौसला अवश शिथिल कहीं बैठा मिले<br />तो मैं इन्द्रधनुष दे सकूँ<br />कभी समय से पहले<br />कभी समय के बाद ...<br />जब तक मैं हूँ<br />मैं खुद में एक आविष्कार करती हूँ<br />.....<br /><br />वाह वाह इंद्रधनु, की ही तरह खूबसूरत अर्थपूर्ण रचना ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-15895780870107906092012-05-30T23:00:26.515+05:302012-05-30T23:00:26.515+05:30गूढ़ अभिव्यक्ति.....वाह !!!!!!!!!
सिलसिला अनवरत ...गूढ़ अभिव्यक्ति.....वाह !!!!!!!!!<br /><br /><br />सिलसिला अनवरत रोजाना<br />खुद की तलाश में खो जाना<br />खुद से खुद को शिकवा न रहे<br />जीते जी खुद को खोजा ना.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-89634272612823520432012-05-30T18:49:40.879+05:302012-05-30T18:49:40.879+05:30मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष
ताकि जब को...मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष<br />ताकि जब कोई हौसला अवश शिथिल कहीं बैठा मिले<br />तो मैं इन्द्रधनुष दे सकूँ<br />कभी समय से पहले<br />कभी समय के बाद ...<br />जब तक मैं हूँ<br />मैं खुद में एक आविष्कार करती हूँ<br />.....<br />ऐसी हूँ मैं !<br />...aapse bahut prerana milti hai.. bahut achhi-sachhi hai aap..<br />sundar prerak rachna prastuti hetu aabhar!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-26144147424542988842012-05-30T17:13:53.312+05:302012-05-30T17:13:53.312+05:30बहुत ही खूबसूरती से गूढ़ भावों को अभिव्यक्त करती ख...बहुत ही खूबसूरती से गूढ़ भावों को अभिव्यक्त करती खुबसूरत रचना दी... <br />सादर.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-51858029868656502502012-05-30T15:30:35.761+05:302012-05-30T15:30:35.761+05:30आपकी खुद की तलाश की ये यात्रा अद्बुत अनुभवों से भर...आपकी खुद की तलाश की ये यात्रा अद्बुत अनुभवों से भरी रही..<br /><br />बहुत ही प्रेरणास्पद, विचारणीय प्रस्तुति. कुछ हद तक हमें भी मजबूर कर रही तलाशने को अपना असली चेहरा और असली मंजिल भी.<br /><br />शुभकामनायें.. आप कामयाबी के शिखर तक पहुंचें.Santosh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08093068150076949621noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-36388004463335497702012-05-30T14:09:43.683+05:302012-05-30T14:09:43.683+05:30शब्दातीत प्रशंसनीय काव्य..शब्दातीत प्रशंसनीय काव्य..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-1520921869652618862012-05-30T13:03:56.243+05:302012-05-30T13:03:56.243+05:30इन्द्रधनुष सी ना जाने कितने ही रंग खुद में समेटे
...इन्द्रधनुष सी ना जाने कितने ही रंग खुद में समेटे <br />स्त्री सदा खुद में आविष्कार करती रहती है..<br />कभी दुःख में ख़ुशी बनकर <br />कभी सहारा बनकर.. एक सुन्दर भावना बनकर,<br />कभी शक्ति बनकर , और जब काली छाया घेरती है <br />तो वो देती है एक नया रंग...<br />बेहद खुबसूरत गहन भाव व्यक्त करती बेहतरीन रचना:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-57074917699716146852012-05-30T10:35:49.815+05:302012-05-30T10:35:49.815+05:30Behtareen !!
Bahut khoobsoorat.Behtareen !!<br />Bahut khoobsoorat.Meeta Panthttps://www.blogger.com/profile/12779276657208706061noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-28601163571454340582012-05-30T09:42:45.413+05:302012-05-30T09:42:45.413+05:30umda umda umda aur umda....jab bhi aapka likha pad...umda umda umda aur umda....jab bhi aapka likha padti hoon..tab tab apne antarmann mein jhaakne kagti hoon..आशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-53672287124461058752012-05-30T08:22:33.778+05:302012-05-30T08:22:33.778+05:30कमाल का पोर्ट्रेयल है खुद का.. बहुत ही सुन्दर!! पर...कमाल का पोर्ट्रेयल है खुद का.. बहुत ही सुन्दर!! परसों निकल रहा हूँ दीदी..देखिये कब फिर जुड पाता हूँ.. आशीष दें!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-80807106091766260852012-05-30T08:10:49.318+05:302012-05-30T08:10:49.318+05:30मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष
ताकि जब को...मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष<br />ताकि जब कोई हौसला अवश शिथिल कहीं बैठा मिले<br />तो मैं इन्द्रधनुष दे सकूँ!!<br />वाकई आप ऐसा करती है ...मैं भी बढ़ू और मेरे साथ और लोंग भी , आप ऐसी ही हैं !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-28822789094264682202012-05-30T00:35:52.502+05:302012-05-30T00:35:52.502+05:30मन के भावों को बाँध कर एक सकारात्मक अभिव्यक्ति.मन के भावों को बाँध कर एक सकारात्मक अभिव्यक्ति.Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-40093808408596729082012-05-29T23:05:25.163+05:302012-05-29T23:05:25.163+05:30यही हिम्मत और होंसला इंसान को आगे बढाता है
सार्थक...यही हिम्मत और होंसला इंसान को आगे बढाता है <br />सार्थक सोच इन सब के लिए आवश्यक होता है,<br />आप ऐसी ही रहेंNirantarhttps://www.blogger.com/profile/02201853226412496906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-3196123272897816492012-05-29T19:45:17.933+05:302012-05-29T19:45:17.933+05:30हो जाती हूँ सर्वशक्तिमान
सिसकियों के मध्य से उठाती...हो जाती हूँ सर्वशक्तिमान<br />सिसकियों के मध्य से उठाती हूँ जज्बा<br />और आंसुओं को हटाकर<br />मुस्कान का आह्वान करती हूँ !<br />मैं हो जाती हूँ खुद रहस्य...एक अंतहीन तलाश की गहन अभिवयक्ति......विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-1665851754107845562012-05-29T18:57:34.217+05:302012-05-29T18:57:34.217+05:30☺☺☺☺Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-68817253724409583682012-05-29T18:09:53.230+05:302012-05-29T18:09:53.230+05:30मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष
ताकि जब को...मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष<br />ताकि जब कोई हौसला अवश शिथिल कहीं बैठा मिले<br />तो मैं इन्द्रधनुष दे सकूँ<br /><br />यही तो है जीवन का परम सत्य, हौसला शिथिल न हो तो फैसले सजीव हो उठते हैM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-87387261654421114822012-05-29T15:57:10.415+05:302012-05-29T15:57:10.415+05:30मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष
ताकि जब को...मैं उन रंगों को सोख बनती हूँ इन्द्रधनुष<br />ताकि जब कोई हौसला अवश शिथिल कहीं बैठा मिले<br />तो मैं इन्द्रधनुष दे सकूँ<br /><br />.....बहुत खूब! एक सशक्त अभिव्यक्ति...आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-63531092254289767662012-05-29T15:28:57.217+05:302012-05-29T15:28:57.217+05:30ताकि जब कोई हौसला अवश शिथिल कहीं बैठा मिले
तो मैं ...ताकि जब कोई हौसला अवश शिथिल कहीं बैठा मिले<br />तो मैं इन्द्रधनुष दे सकूँ<br />कभी समय से पहले<br />कभी समय के बाद ...<br />हर रंग में जिन्दगी है जिन्दगी के साथ ... <br /><i><b> कल 30/05/2012 को आपकी इस पोस्ट को <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com" rel="nofollow"> नयी पुरानी हलचल </a> पर लिंक किया जा रहा हैं.<br /><br />आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद! </b></i><br /><br /><b>'' एक समय जो गुज़र जाने को है ''</b>सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-77277572715152705992012-05-29T14:32:36.846+05:302012-05-29T14:32:36.846+05:30हो जाती हूँ सर्वशक्तिमान
सिसकियों के मध्य से उठाती...हो जाती हूँ सर्वशक्तिमान<br />सिसकियों के मध्य से उठाती हूँ जज्बा<br />और आंसुओं को हटाकर<br />मुस्कान का आह्वान करती हूँ !<br />मैं हो जाती हूँ खुद रहस्य<br /><br />बहुत सुंदर और अद्भुत काव्या! आभार इस सुंदर श्रंखला के लिये...Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-84451377065675967872012-05-29T13:56:00.919+05:302012-05-29T13:56:00.919+05:30स्त्री का अस्तित्व ऐसा ही है... इंद्रधनुष बनकर बिख...स्त्री का अस्तित्व ऐसा ही है... इंद्रधनुष बनकर बिखरती है धुले आसमान में.. खुद तपकर शीतलता देती है, खुद आंसुओं में धुलकर मुस्कुराहट देती है.. मनुष्य के जीवन के सात रंग उसी में समाहित हैं..दीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-51580612304175635642012-05-29T13:39:41.131+05:302012-05-29T13:39:41.131+05:30अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं बहुत बढि...अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं बहुत बढिया रचना है बधाइ\परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.com