tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post2217563217678487499..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: प्रतिनायकरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-51354055693541549422016-12-18T19:58:10.573+05:302016-12-18T19:58:10.573+05:30wow very nice....
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www.shayarixy...wow very nice....<br /><br />www.funmazalo.com<br />www.shayarixyz.comlovehttps://www.blogger.com/profile/00609820609556385773noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-10073186564873119632016-11-08T16:56:33.131+05:302016-11-08T16:56:33.131+05:30इसलिए ... प्रतिनायक होना भी जरूरी है दोनों नायकों ...इसलिए ... प्रतिनायक होना भी जरूरी है दोनों नायकों के साथ ...<br />येही हो मिलावट है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-26131649200729704502016-11-06T18:48:50.532+05:302016-11-06T18:48:50.532+05:30कुछ अच्छा
कुछ बुरा
कुछ हास
इस तालमेल के साथ ज़िन्दग...कुछ अच्छा<br />कुछ बुरा<br />कुछ हास<br />इस तालमेल के साथ ज़िन्दगी चले<br />तभी ठीक है<br />अन्यथा,<br />नायक कब खलनायक हो<br />खलनायक कब नायक बन जाए<br />कहना<br />समझना<br />और उसे सहजता से ले पाना कठिन है<br /><br />सौ बातों की एक बात -<br />थोड़ी मिलावट ज़रूरी है दोस्त <br /><br />.. बहुत सुन्दर कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-39140656605561428922016-11-04T22:56:40.756+05:302016-11-04T22:56:40.756+05:30सही विश्लेषण। महत्वपूर्ण भी गैरजरूरी भी !सही विश्लेषण। महत्वपूर्ण भी गैरजरूरी भी !ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-86420984718299545882016-11-04T20:47:21.347+05:302016-11-04T20:47:21.347+05:30ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "ह्यूमन कंप्...ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, <a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2016/11/blog-post_4.html" rel="nofollow"> "ह्यूमन कंप्यूटर' = भारतीय गणितज्ञ स्व॰ शकुंतला देवी जी “ </a> , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !ब्लॉग बुलेटिनhttps://www.blogger.com/profile/03051559793800406796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-87725077416730151422016-11-04T19:05:15.021+05:302016-11-04T19:05:15.021+05:30होने और ना
होने जैसे के
बीच में भी
कुछ होता है ...होने और ना <br />होने जैसे के <br />बीच में भी <br />कुछ होता है <br />जैसे पुरुष <br />और स्त्री के <br />बीच में होने <br />का जैसा कुछ<br />सब कुछ <br />आभास ही है<br />बहुत कुछ <br />आभासी है <br />अच्छा लगा <br />प्रतिनायक <br />हमारे आगे <br />पीछे ऊपर नीचे <br />आस पास <br />दूर कहीं <br />हर जगह जो है <br />और <br />बहुत जरूरी है <br />नायक के लिये भी<br />और <br />खलनायक के लिये भी<br />प्र्श्न है अस्तित्व का <br />सभी के लिये :) <br /><br />बहुत कुछ दिखा दिया आभार । <br />सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com