tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post2628509154167557922..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: हम एक हुए !रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger48125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-43458260444076032192012-08-28T09:10:47.948+05:302012-08-28T09:10:47.948+05:30बहुत खूबसूरत है !
दलदल में तुम थे
दलदल में मैं थी...बहुत खूबसूरत है !<br /><br />दलदल में तुम थे<br />दलदल में मैं थी <br />सुनते ही लगने लगा<br />हम दोनो ही नेता थे !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-26422319061293635422012-02-02T15:43:03.795+05:302012-02-02T15:43:03.795+05:30अति सुन्दर .... मिट कर ही प्रभु चरणों की शरण प्राप...अति सुन्दर .... मिट कर ही प्रभु चरणों की शरण प्राप्त होती है.shalini rastogihttps://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-38091361842187184452012-02-01T21:05:44.366+05:302012-02-01T21:05:44.366+05:30बहुत सुन्दर दी... वाह!
सादर...बहुत सुन्दर दी... वाह!<br />सादर...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-85338112385035184132012-02-01T17:19:26.679+05:302012-02-01T17:19:26.679+05:30bahut sundar aur gahri panktiyabahut sundar aur gahri panktiyaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-46107519263001303632012-02-01T16:08:33.021+05:302012-02-01T16:08:33.021+05:30मोनिका जी की बात से पूर्णतः सहमत हूँ मंशाओं के दलद...मोनिका जी की बात से पूर्णतः सहमत हूँ मंशाओं के दलदल से ऊपर उठे बिना एक होना भी संभव नहींPallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-66521076176079958772012-01-30T12:13:38.792+05:302012-01-30T12:13:38.792+05:30अध्यात्म की ओर मुड़ती कविता। जीवन का सारअध्यात्म की ओर मुड़ती कविता। जीवन का सारदीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-44547939513207634912012-01-30T11:31:52.068+05:302012-01-30T11:31:52.068+05:30बहुत ही गंभीर और मन को प्रभावित करने वाली गहरी रचन...बहुत ही गंभीर और मन को प्रभावित करने वाली गहरी रचना ... बधाई |Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-53313545159364055652012-01-30T10:57:29.816+05:302012-01-30T10:57:29.816+05:30अब दलदल में जो कमल खिला है
वह मंदिर का हकदार बना ह...अब दलदल में जो कमल खिला है<br />वह मंदिर का हकदार बना है <br />वंदनीय भाव लिए हुए यह पंक्तियां ..सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-21832030941901492022012-01-30T07:29:19.880+05:302012-01-30T07:29:19.880+05:30बहुत ही सुन्दर पोस्ट |बहुत ही सुन्दर पोस्ट |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-75487044000125852052012-01-30T01:01:01.249+05:302012-01-30T01:01:01.249+05:30उच्च धरातल पर जन्मी रचना, वाह !!!!!उच्च धरातल पर जन्मी रचना, वाह !!!!!अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-43112120346629896602012-01-29T20:46:27.224+05:302012-01-29T20:46:27.224+05:30kya baat hai.......kya baat hai.......mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-31126514067225517392012-01-29T19:50:48.643+05:302012-01-29T19:50:48.643+05:30समाज के बनाये दलदल में भी जो साथ रहे...वो कमल सा ख...समाज के बनाये दलदल में भी जो साथ रहे...वो कमल सा खिलेगा और...अपनी नियति को प्राप्त करेगा....Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-36947050095885325232012-01-29T18:05:10.474+05:302012-01-29T18:05:10.474+05:30अब दलदल में जो कमल खिला है
वह मंदिर का हकदार बना ह...अब दलदल में जो कमल खिला है<br />वह मंदिर का हकदार बना है....गहरी और अदभुत अभिवयक्ति......विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-23687633845850388462012-01-29T16:44:52.252+05:302012-01-29T16:44:52.252+05:30अब दलदल मे जो कमल खिला है वह मंदिर का हकदार बना है...अब दलदल मे जो कमल खिला है वह मंदिर का हकदार बना है... बहुत सुन्दर रचना ... बधाईPadm Singhhttps://www.blogger.com/profile/17831931258091822423noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-70960784482900175232012-01-29T13:14:00.594+05:302012-01-29T13:14:00.594+05:30दल दल से निकलने के लिए, एक को दूसरे का सहारा जरूरी...दल दल से निकलने के लिए, एक को दूसरे का सहारा जरूरी है ...??? <br />खूबसूरत भाव !अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-90309527480994418232012-01-29T12:12:27.010+05:302012-01-29T12:12:27.010+05:30अब दलदल में जो कमल खिला है
वह मंदिर का हकदार बना ह...अब दलदल में जो कमल खिला है<br />वह मंदिर का हकदार बना है <br /><br />इन पंक्तियों का मर्म हृदय की अतल गहराइयों तक गोता लगाने पर ही समझा जा सकता है!<br />अनुभूतियों के धरातल पर खड़ी जगमगाती रचना!<br />बधाई!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-14389423665410048592012-01-29T11:30:59.993+05:302012-01-29T11:30:59.993+05:30☺ दलदल में धंसने से बचने के लिए खड़े होने के बजाय ...☺ दलदल में धंसने से बचने के लिए खड़े होने के बजाय लेट कर रेंग निकलना बेहतर रहता है... (टेक्नीकल टिपपणी)Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-65186786423813176572012-01-29T10:12:24.826+05:302012-01-29T10:12:24.826+05:30बहुत उम्दा रश्मि जी....मंशाओं के दलदल से ऊपर उठे ब...बहुत उम्दा रश्मि जी....मंशाओं के दलदल से ऊपर उठे बिना एक हुआ भी नहीं जा सकता ..... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-31550355495181322232012-01-29T10:04:54.071+05:302012-01-29T10:04:54.071+05:30अच्छे कर्म ही प्रभु के चरणों में स्थान दिलाते हैं ...अच्छे कर्म ही प्रभु के चरणों में स्थान दिलाते हैं ।<br />सुन्दर रचना ।डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-72113365323684943702012-01-29T10:01:25.444+05:302012-01-29T10:01:25.444+05:30बड़ी प्यारी कविता है रश्मि जी। जितना सुंदर बिंब उत...बड़ी प्यारी कविता है रश्मि जी। जितना सुंदर बिंब उतना ही व्यापक अर्थ। गागर में सागर। आज तो भाव विभोर हो गया इसे पढ़कर।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-71280859650875244682012-01-29T09:58:06.353+05:302012-01-29T09:58:06.353+05:30वाह! बेहतरीन। आपकी श्रेष्ठ कविताओं में से एक। बहुत...वाह! बेहतरीन। आपकी श्रेष्ठ कविताओं में से एक। बहुत बधाई इस कविता के लिए।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-9042087284418876422012-01-29T09:26:29.311+05:302012-01-29T09:26:29.311+05:30जीवन और संवेदनाओं की सर्वोत्कृष्ट अभिव्यक्ति. यह द...जीवन और संवेदनाओं की सर्वोत्कृष्ट अभिव्यक्ति. यह दर्शन है, नीति शस्त्र है और है कर्त्तव्यों की अंतिम परिणति, परम और चर्म शुभ की परपी का इससे अच्छा सुयोग भला क्या हो सकता है? बहुत दिनों बाद पढने को मिली इतनी भावमयी और गंभी रचना. कई बार पढ़ा. मन नहीं भ्रा. लगता है अपनी ही कोई कहानी है. यही तो सत्य है, सच्छी कथा वैयक्तिक नहीं, सार्वभौम होती है. इस सर्भौमिकता का एहसास करा दिया आपने. आभार और नमस्कार आपकी लेखन शैली को. मर्मस्पर्शी संवेदनाओं को,Dr.J.P.Tiwarihttps://www.blogger.com/profile/10480781530189981473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-12911297814143276942012-01-29T09:22:41.091+05:302012-01-29T09:22:41.091+05:30bahut sundar jajbaat vaah...vaah...bahut sundar jajbaat vaah...vaah...Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-17644545436041085262012-01-29T08:28:28.023+05:302012-01-29T08:28:28.023+05:30अपने दलदलीय अस्तित्वों से बचने का यही एक तरीका है....अपने दलदलीय अस्तित्वों से बचने का यही एक तरीका है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-5534295067371730622012-01-29T07:17:29.590+05:302012-01-29T07:17:29.590+05:30कीचड में भी कमल खिलाने का हुनर नदी जानती है!
मेरी ...कीचड में भी कमल खिलाने का हुनर नदी जानती है!<br />मेरी एक कविता का अंश है ! <br />साथ मजबूत हो तो ईश्वर कहाँ दूर हैं !<br />बेहद प्रभावपूर्ण!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.com