tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post3862887361014921461..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: दामिनी - अरुणा .... कौन कौन !!!रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-7338691153078881522013-01-07T09:30:20.693+05:302013-01-07T09:30:20.693+05:30आक्रोश बेहद जरूरी है , उसका प्रदर्शन नितांत आवश्यक...आक्रोश बेहद जरूरी है , उसका प्रदर्शन नितांत आवश्यक है , सरकार को सुधरना ही होगा लेकिन इन सब कामों से पहले आवाम को अपनी सोच में परिवर्तन लाना होगा |<br />जो आज सरकार है वो कल आवाम थी , जो आज आवाम है वो कल सरकार होगी |<br />और बेहद दुःख के साथ मैं ये कहना चाहूँगा कि आवाम की सोच में परिवर्तन लाने के लिए अभी भी बहुत लंबा रास्ता तय करना है |<br />कभी सोचता हूँ कि क्या आवाम इस योग्य है कि जो उस पीड़िता को वापस उसकी सामान्य जिंदगी दे पाती , क्या इस घटना के बाद नारी या यूँ कहूँ कि इंसानियत के ऊपर होने वाले छोटे-छोटे प्रहार ही रुक सके , शायद नहीं और ऐसा काफी कुछ है जिसके लिए आवाम अभी शायद मानसिक रूप से तैयार नहीं है , जो कि उसे होना होगा तभी इस तरह के अमानवीय कृत्य रुक सकेंगे |<br />कानून तभी तक कारगर है जब तक उसका क्रियान्वयन पूरी ईमानदारी और सख्ती से हो | <br /><br />सादरAkash Mishrahttps://www.blogger.com/profile/00550689302666626580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-68113391806559695902012-12-30T22:43:09.403+05:302012-12-30T22:43:09.403+05:30जवाब बन जाओ
हुंकार बन जाओ
हवा का झोंका बन जाओ
उ...जवाब बन जाओ <br />हुंकार बन जाओ <br />हवा का झोंका बन जाओ <br />उदाहरणों से धरती भरी है<br />उदहारण बन जाओ ......…<br /><br />ji.Anjana Dayal de Prewitt (Gudia)https://www.blogger.com/profile/13896147864138128006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-62410221163958572352012-12-29T13:35:59.659+05:302012-12-29T13:35:59.659+05:30gumgeen nazara hai......gumgeen nazara hai......mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-50471634387988854662012-12-28T07:26:24.744+05:302012-12-28T07:26:24.744+05:30पुरुषत्व है स्त्री की रक्षा
जो नहीं कर सकता
वह त...पुरुषत्व है स्त्री की रक्षा <br />जो नहीं कर सकता <br />वह तो जग जाहिर नपुंसक है !<br /><br />ये बात उन नपुंसकों को कौन बताये?<br /> <br />दुःख तो इस बात का है कि इतनी चर्चा के बावजूद कल ही रेप के चार और केस सामने आयें ... वो भी पंजाब, बिहार और महाराष्ट्र मिलकर! पूरे देश में ऐसे नपुंसक हैं, और बहरे भी ...इस शोर को कहाँ सुन रहे हैं ?? इनके लिए बस चुन चुन के इनका वध ही एकमात्र उपाय है। Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-25518833689164314152012-12-27T21:25:06.021+05:302012-12-27T21:25:06.021+05:30जीवित लाशों की ढेर से दहशत नहीं होती तुम्हें ?
मुस...जीवित लाशों की ढेर से दहशत नहीं होती तुम्हें ?<br />मुस्कुराते हुए <br />अपनी बेटी को आशीर्वाद देते <br />तुम्हारी रूह नहीं कांपती - कि <br />कल किसके घर की दामिनी होगी <br />किसके घर की अरुणा शानबाग <br />और इस ढेर में कोई पहचान नहीं रह जाएगी !!<br /><br /> antarmn ko jhakjhor dene wali rachana .....abhar Rashmi ji .Naveen Mani Tripathihttps://www.blogger.com/profile/12695495499891742635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-47840904629875983642012-12-27T18:58:59.895+05:302012-12-27T18:58:59.895+05:30आस के दो शब्द ,आस्था और गहन आराधन ....कुछ रह ज़रूर...आस के दो शब्द ,आस्था और गहन आराधन ....कुछ रह ज़रूर निकलेगी ...निशब्द करते शब्द दी ॥Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-10773565305373752942012-12-27T13:13:56.407+05:302012-12-27T13:13:56.407+05:30निशब्द हूँ ..मन आहत ...निशब्द हूँ ..मन आहत ...सु-मन (Suman Kapoor)https://www.blogger.com/profile/15596735267934374745noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-16152379303166219602012-12-26T16:26:33.580+05:302012-12-26T16:26:33.580+05:30जब तक नारी को देखने वाली पुरुष की नजर में बदलाव नह...जब तक नारी को देखने वाली पुरुष की नजर में बदलाव नहीं आएगा तब तक कुछ नहीं होगा...जब नजर बदलेगी तभी एक नारी में पुरुष को अपनी मां, बहन, बेटी या दोस्त नजर आएगी... वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-79143283819397949842012-12-26T14:24:27.381+05:302012-12-26T14:24:27.381+05:30बहुत ख़ूब!
शायद इसे पसन्द करें-
कवि तुम बाज़ी मार ल...बहुत ख़ूब!<br /><br />शायद इसे पसन्द करें-<br /><a href="http://cbmghafil.blogspot.in/2012/12/blog-post_25.html" rel="nofollow"><b>कवि तुम बाज़ी मार ले गये!</b></a>चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-83901572382454092322012-12-25T09:24:31.211+05:302012-12-25T09:24:31.211+05:30दी ...!!!!
भीतर का उबाल बाहर आने को आतुर ज्वालामु...दी ...!!!! <br />भीतर का उबाल बाहर आने को आतुर ज्वालामुखी फटने को तत्पर ...सब ठहर गया हो जैसे ....नही कह पा रही शब्दों में ......!!!!!<br />Anjuhttps://www.blogger.com/profile/11739644950456859545noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-82414652146675197672012-12-24T20:35:15.713+05:302012-12-24T20:35:15.713+05:30सम्मिलित हार, प्रहार विकट है,
मानव का मालिन्य प्रक...सम्मिलित हार, प्रहार विकट है,<br />मानव का मालिन्य प्रकट है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-21001797134764651202012-12-24T18:19:00.521+05:302012-12-24T18:19:00.521+05:30इस शोर को आक्रोश को बदलाव में लाने की जरूरत है आज ...इस शोर को आक्रोश को बदलाव में लाने की जरूरत है आज ... <br />हिलाती हुई रचना है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-17546811250770303532012-12-24T15:20:27.652+05:302012-12-24T15:20:27.652+05:30नि:शब्द हूँ, मार्मिक रचना......नि:शब्द हूँ, मार्मिक रचना......avanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-56431220110385865402012-12-24T13:24:10.466+05:302012-12-24T13:24:10.466+05:30बहुत प्रभावशाली कृति बहुत प्रभावशाली कृति Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-12478842671064832542012-12-24T12:03:13.583+05:302012-12-24T12:03:13.583+05:30जागो......अब तो जाग जाओ !
हैवानियत को जड़ से मिटाओ...जागो......अब तो जाग जाओ !<br />हैवानियत को जड़ से मिटाओ ...<br /><br />अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-2700202180354645302012-12-24T11:45:18.826+05:302012-12-24T11:45:18.826+05:30"कुत्सित विकृत चेहरों को शमशान तक घसीटना सुकर..."कुत्सित विकृत चेहरों को शमशान तक घसीटना सुकर्म है <br />जिंदा जलाना न्यायिक अर्चना है <br />दामिनी की आँखों के आगे राख हुए जिस्मों को <br />जमीन पर बिखेरना मुक्ति है ..........."<br /><br />यही गूँज हमारे मन में भी है। अत्यंत मार्मिक और सशक्त रचना।sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-30992969556516665792012-12-24T11:05:34.585+05:302012-12-24T11:05:34.585+05:30आँख नम है
न्याय की माँग में
जुल्म देख
आँख नम है<br />न्याय की माँग में<br />जुल्म देख <br />सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-38868531798131513352012-12-24T08:42:02.639+05:302012-12-24T08:42:02.639+05:30Ro dena chahte hain.. magar ye sab aankho k lie it...Ro dena chahte hain.. magar ye sab aankho k lie itna aam ho gaya h ki ro bhi nahi pate.. :(monalihttps://www.blogger.com/profile/00644599427657644560noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-28842842225939495152012-12-23T19:22:45.438+05:302012-12-23T19:22:45.438+05:30भावपूर्ण रचना----
कुछ कह भी नहीं पाउँगा भावपूर्ण रचना----<br />कुछ कह भी नहीं पाउँगा Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-12477445801783520662012-12-23T17:07:28.642+05:302012-12-23T17:07:28.642+05:30:(
:'(:(<br />:'(विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-32850008930517927272012-12-23T15:23:03.404+05:302012-12-23T15:23:03.404+05:30आग जलती ही रहनी चाहिए, वर्ना सिर्फ राख रह जाएगी......आग जलती ही रहनी चाहिए, वर्ना सिर्फ राख रह जाएगी....संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-61407624268121280172012-12-23T12:00:42.979+05:302012-12-23T12:00:42.979+05:30कुत्सित विकृत चेहरों को शमशान तक घसीटना सुकर्म है ...कुत्सित विकृत चेहरों को शमशान तक घसीटना सुकर्म है <br />जिंदा जलाना न्यायिक अर्चना है <br />दामिनी की आँखों के आगे राख हुए जिस्मों को <br />जमीन पर बिखेरना मुक्ति है .....<br /><br />बिलकुल सही ... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-20078512277012863882012-12-23T10:50:16.539+05:302012-12-23T10:50:16.539+05:30आक्रोश आवश्यक है, आखिर हर चीज़ की एक सीमा होती. सभ...आक्रोश आवश्यक है, आखिर हर चीज़ की एक सीमा होती. सभी को यह आवाज़ सुननी चाहिये.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-3518261032397872472012-12-23T09:26:19.580+05:302012-12-23T09:26:19.580+05:30Right Approach...Thanks.Right Approach...Thanks.Arvind Jangidhttps://www.blogger.com/profile/02090175008133230932noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-7692894249682025222012-12-23T06:51:48.856+05:302012-12-23T06:51:48.856+05:30सच्चा आक्रोश ....
इक तरफ इतना शोर और दूसरी तरफ ऐसी...सच्चा आक्रोश ....<br />इक तरफ इतना शोर और दूसरी तरफ ऐसी घटनाओं की पुनरावृति की ख़बरें .....<br />वक़्त वही रस्ता दिखा रहा है जो आपकी कलम ने सुझाया है Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.com