tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post5155171013336007131..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: जब - तबरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger41125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-7314591851236409342012-08-04T13:03:21.887+05:302012-08-04T13:03:21.887+05:30इस खोने को
मोह से मुक्ति नहीं कहते
ना ही मुक्ति मि...इस खोने को<br />मोह से मुक्ति नहीं कहते<br />ना ही मुक्ति मिलती है मोह से<br />वाष्पित रिश्ते जब बरसते हैं<br />तब उमस सा खालीपन अपनी बुद्धि पर<br />फूट फूटकर रोता है बुद्धू की तरह<br />उन हथेलियों के लिए<br />जिनमे कसी ऊँगली दबके भी सुरक्षित थी ...waah bahut khub .. खोरेन्द्र https://www.blogger.com/profile/16964838805138081044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-16790701483494451352012-07-24T10:15:16.922+05:302012-07-24T10:15:16.922+05:30सुन्दर भाव अभिवयक्ति है आपकी इस रचना में
बहुत बहु...सुन्दर भाव अभिवयक्ति है आपकी इस रचना में <br />बहुत बहुत शुभकामनाएं ।<br /><br /><br />http://madan-saxena.blogspot.in/<br />http://mmsaxena.blogspot.in/<br />http://madanmohansaxena.blogspot.in/Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-17244807888785363702012-07-13T18:37:45.012+05:302012-07-13T18:37:45.012+05:30कई बार हथेलियों का
मुट्ठी की शक्ल में कस जाना समय ...कई बार हथेलियों का<br />मुट्ठी की शक्ल में कस जाना समय के आगे ज़रूरी होता है !.... अद्भुत.... सुन्दर... <br />सादर.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-37234522306424317022012-07-08T20:59:40.121+05:302012-07-08T20:59:40.121+05:30बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति ....सुरक्षा की भावना जीवन ...बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति ....सुरक्षा की भावना जीवन के हर मोड़ पर चाहिए होती हैं ...Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-40690181692932674312012-07-07T13:22:12.467+05:302012-07-07T13:22:12.467+05:30अनहोनी को तो हर घड़ी इंतज़ार होता है उस पल का
कि ह...अनहोनी को तो हर घड़ी इंतज़ार होता है उस पल का<br />कि हो द्वन्द विचारों का<br />कटु शब्दों के शर मन को बेधते जाएँ<br />रिश्ते पानी की तरह बह जाएँ<br />वाष्पित हो खो जाएँ .......!<br />जीवन का कटु सत्य है.विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-87813631607562389352012-07-06T01:41:43.058+05:302012-07-06T01:41:43.058+05:30बहुत ही सीधी सच्ची बात आपने कह दी ....
इस खोने को
...बहुत ही सीधी सच्ची बात आपने कह दी ....<br />इस खोने को<br />मोह से मुक्ति नहीं कहते<br />ना ही मुक्ति मिलती है मोह से<br />वाष्पित रिश्ते जब बरसते हैं<br />तब उमस सा खालीपन अपनी बुद्धि पर<br />फूट फूटकर रोता है बुद्धू की तरह<br />उन हथेलियों के लिए<br />जिनमे कसी ऊँगली दबके भी सुरक्षित थी ..Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-14062564653689922752012-07-06T00:13:15.503+05:302012-07-06T00:13:15.503+05:30आदरणिया, श्रेष्ठ लेखन है आपका...आपकी रचना मे जीवन ...आदरणिया, श्रेष्ठ लेखन है आपका...आपकी रचना मे जीवन की सहजता वास्तविकता सरल शब्दों मे दीखती है...।राजेंद्र अवस्थी.https://www.blogger.com/profile/07787603885536719123noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-27601048901485672872012-07-05T22:21:03.369+05:302012-07-05T22:21:03.369+05:30बहुत बेहतरीन रचना....
मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स...बहुत बेहतरीन रचना....<br />मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।Shanti Garghttps://www.blogger.com/profile/03904536727101665742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-37855525254850340212012-07-05T16:00:05.445+05:302012-07-05T16:00:05.445+05:30तब उमस सा खालीपन अपनी बुद्धि पर
फूट फूटकर रोता है...तब उमस सा खालीपन अपनी बुद्धि पर <br />फूट फूटकर रोता है बुद्धू की तरह <br />उन हथेलियों के लिए <br />जिनमे कसी ऊँगली दबके भी सुरक्षित थी ....<br />कितनो की आखें तब भी नहीं खुलती ....विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-54536336392317959862012-07-05T09:49:05.713+05:302012-07-05T09:49:05.713+05:30अनहोनी को तो हर घड़ी इंतज़ार होता है उस पल का
कि ह...अनहोनी को तो हर घड़ी इंतज़ार होता है उस पल का<br />कि हो द्वन्द विचारों का<br />कटु शब्दों के शर मन को बेधते जाएँ<br />रिश्ते पानी की तरह बह जाएँ<br />वाष्पित हो खो जाएँ <br />शायद इसीलिए कहा गया है कि विनाश काले विपरीत बुद्धि !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-1264057777617881132012-07-05T08:40:54.231+05:302012-07-05T08:40:54.231+05:30सच कहा आपने, इसे मुक्ति नहीं कह सकते हैं, बार बार ...सच कहा आपने, इसे मुक्ति नहीं कह सकते हैं, बार बार वाष्पित हो बरसना तो चक्र है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-43801565685494370462012-07-05T06:30:02.264+05:302012-07-05T06:30:02.264+05:30बड़ी प्यारी अभिव्यक्ति रही यह ..
आभार आपका !बड़ी प्यारी अभिव्यक्ति रही यह ..<br />आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-90421718881201280142012-07-05T00:17:01.620+05:302012-07-05T00:17:01.620+05:30अहंकार नाश का कारण है और स्वाभिमान संबल!अहंकार नाश का कारण है और स्वाभिमान संबल!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-35713891291482199352012-07-04T23:40:58.142+05:302012-07-04T23:40:58.142+05:30बहुत उम्दा विचारों की अभिव्यक्ति,,,सुंदर रचना,,,,
...बहुत उम्दा विचारों की अभिव्यक्ति,,,सुंदर रचना,,,,<br /><br />MY RECENT POST<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/07/blog-post.html" rel="nofollow">...:चाय....</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-45241086294498091112012-07-04T22:16:46.745+05:302012-07-04T22:16:46.745+05:30जब हम मान लेते है
कि हमारी बुद्धि श्रेष्ठ है
जब हम...जब हम मान लेते है<br />कि हमारी बुद्धि श्रेष्ठ है<br />जब हम ठान लेते हैं<br />कि किसी की नहीं सुनेंगे<br />तो अनहोनी बेफिक्र तांडव करती है<br /><br /><br />Bikul Yahi hota hai.... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-33565326604689735242012-07-04T21:55:02.650+05:302012-07-04T21:55:02.650+05:30विनाश काले विपरीत बुद्धि...
जब तक अनहोनी समझ में आ...विनाश काले विपरीत बुद्धि...<br />जब तक अनहोनी समझ में आती है बहुत देर हो चुकी होती है|ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-59094725148776642782012-07-04T21:02:00.577+05:302012-07-04T21:02:00.577+05:30jeevan kii kasak kahatii ...sundar rachna ...dii.....jeevan kii kasak kahatii ...sundar rachna ...dii...Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-55456136528171471392012-07-04T20:40:58.695+05:302012-07-04T20:40:58.695+05:30इस खोने को
मोह से मुक्ति नहीं कहते
ना ही मुक्ति मि...इस खोने को<br />मोह से मुक्ति नहीं कहते<br />ना ही मुक्ति मिलती है मोह से<br />वाष्पित रिश्ते जब बरसते हैं<br />तब उमस सा खालीपन अपनी बुद्धि पर<br />फूट फूटकर रोता है बुद्धू की तरह<br />उन हथेलियों के लिए<br />जिनमे कसी ऊँगली दबके भी सुरक्षित थी ...<br /><br />....बहुत गहन और मर्मस्पर्शी अहसास....अंतस को छूते भाव...उत्कृष्ट अभिव्यक्ति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-999030671323917142012-07-04T20:34:08.656+05:302012-07-04T20:34:08.656+05:30वाष्पित रिश्ते जब बरसते हैं
तब उमस सा खालीपन अपनी...वाष्पित रिश्ते जब बरसते हैं <br />तब उमस सा खालीपन अपनी बुद्धि पर <br />फूट फूटकर रोता है बुद्धू की तरह <br /><br />रिश्ते के सच को उकेर दियाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-7314123894535579802012-07-04T19:00:42.240+05:302012-07-04T19:00:42.240+05:30बहुत सुन्दर फूटते उदगार !बहुत सुन्दर फूटते उदगार !सुधाकल्पhttps://www.blogger.com/profile/14287746370522569463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-81823989934187211282012-07-04T19:00:08.760+05:302012-07-04T19:00:08.760+05:30अपने दिमाग को खुला रखकर दुसरे के विचारों से अच्छी ...अपने दिमाग को खुला रखकर दुसरे के विचारों से अच्छी बातें ग्रहण करना किसी भी कार्य के सही तरीके से क्रिआन्वयन के लिये आवश्यक होता होता.<br /><br />विचारशील सुंदर प्रस्तुति.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-73529633709430404202012-07-04T18:57:21.752+05:302012-07-04T18:57:21.752+05:30वाष्पित रिश्ते जब बरसते हैं
तब उमस सा खालीपन अपनी ...वाष्पित रिश्ते जब बरसते हैं<br />तब उमस सा खालीपन अपनी बुद्धि पर<br />फूट फूटकर रोता है बुद्धू की तरह<br />उन हथेलियों के लिए<br />जिनमे कसी ऊँगली दबके भी सुरक्षित थी<br /><br />वाह..बहुत सुन्दरAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-23007834841747954182012-07-04T18:33:50.675+05:302012-07-04T18:33:50.675+05:30विचारों का द्वंद कल्पना के परे साथ नहीं छोड़ता है....विचारों का द्वंद कल्पना के परे साथ नहीं छोड़ता है..सुन्दर रचना..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-29801162012946474582012-07-04T17:23:40.751+05:302012-07-04T17:23:40.751+05:30सही हक है कई बार संगठित होना पड़ता है मुट्ठी में ह...सही हक है कई बार संगठित होना पड़ता है मुट्ठी में हालांकि कुछ कष्ट होता है ऐसे में पर जरूरी है ये भी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-51242691180453784032012-07-04T17:16:54.909+05:302012-07-04T17:16:54.909+05:30बहुत सुंदर रचना ....बहुत सुंदर रचना ....Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.com