tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post6720522665816975935..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: शाश्वत निशाँरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-73827798760765172412014-02-20T19:42:41.492+05:302014-02-20T19:42:41.492+05:30हौले से जो मैं कहती हूँ
तुम कहते हो
मैं सुनती हूँ
...हौले से जो मैं कहती हूँ<br />तुम कहते हो<br />मैं सुनती हूँ<br />तुम सुनते हो<br />वह मंत्र सदृश्य सत्य शिव सा सुन्दर होता है<br />नि:शब्द करती लेखनी ...... <br />............ मौन के साये में यह पंक्तियां कहीं गहरे उतरती चली जाती हैं <br />सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-49239408116049261922014-02-14T11:59:41.227+05:302014-02-14T11:59:41.227+05:30सूंदर प्रस्तुति।।।सूंदर प्रस्तुति।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-3994025024450932362014-02-11T15:34:28.251+05:302014-02-11T15:34:28.251+05:30प्रेम को बहुत गहरे में महसूस कर के लिखी है जैसे ये...प्रेम को बहुत गहरे में महसूस कर के लिखी है जैसे ये रचना ... लाजवाब ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-58566341001322461602014-02-09T10:22:39.180+05:302014-02-09T10:22:39.180+05:30bahut sundar bahut sundar खोरेन्द्र https://www.blogger.com/profile/16964838805138081044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-10479830388757811142014-02-08T13:33:22.639+05:302014-02-08T13:33:22.639+05:30मैं सुनती हूँ
तुम सुनते हो
वह मंत्र सदृश्य सत्य शि...मैं सुनती हूँ<br />तुम सुनते हो<br />वह मंत्र सदृश्य सत्य शिव सा सुन्दर होता है<br />प्रेम अश्रु बन जाता है प्रसाद<br />और साथ साथ चलते<br />बनते हैं शाश्वत निशाँ<br />हमारे … <br />.. बहुत सुन्दर प्रेम का गम्भीर चिंतन.. कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-22031260337689130272014-02-07T20:53:22.600+05:302014-02-07T20:53:22.600+05:30प्रेम हर परिधि से बाहर शाश्वत हो जाता है
जब प्रेम...प्रेम हर परिधि से बाहर शाश्वत हो जाता है <br />जब प्रेम की पूजा में प्रेम पुष्प अर्पित होते हैं <br />सादर ! शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-82450292739242097222014-02-07T14:58:50.409+05:302014-02-07T14:58:50.409+05:30प्रेम ही अदबुद्ध परिभाषा ...अनुपम भाव संयोजन दी .....प्रेम ही अदबुद्ध परिभाषा ...अनुपम भाव संयोजन दी ...:)Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-22148121134781215512014-02-06T23:08:10.288+05:302014-02-06T23:08:10.288+05:30वह मंत्र सदृश्य सत्य शिव सा सुन्दर होता है
प्रेम अ...वह मंत्र सदृश्य सत्य शिव सा सुन्दर होता है<br />प्रेम अश्रु बन जाता है प्रसाद<br />और साथ साथ चलते<br />बनते हैं शाश्वत निशाँ<br />हमारे … ....<br /><br />एक दिव्य अनुभूति ....बहुत सुंदर रचना ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-19396406456180091522014-02-06T15:06:09.937+05:302014-02-06T15:06:09.937+05:30सत्यम, शिवम् , सुंदरम …समय की रेत पर प्रेम के शाश...सत्यम, शिवम् , सुंदरम …समय की रेत पर प्रेम के शाश्वत निशाँ.....संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-34663358696074344052014-02-06T08:30:47.823+05:302014-02-06T08:30:47.823+05:30प्रेम शरीर से परे एक अनुभूति है! और जब इसे आप व्यक...प्रेम शरीर से परे एक अनुभूति है! और जब इसे आप व्यक्त करती हैं तो भाव्नाओं को एक नई उड़ान मिल जाती है और अभिव्यक्ति को पर!! आज इस कविता को पढ़ते हुए मन से आवाज़ आई - सिर्फ एहसास है ये/रूह से महसूस करो!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-23765432609281548562014-02-05T19:52:53.716+05:302014-02-05T19:52:53.716+05:30शाश्वत प्रेम की उत्कृष्ट रचना... बहुत सुंदर प्रस्त...शाश्वत प्रेम की उत्कृष्ट रचना... बहुत सुंदर प्रस्तुति...!<br /><br /><b>RECENT POST</b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2014/02/blog-post.html#links" rel="nofollow">-: बसंत ने अभी रूप संवारा नहीं है</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-6126466842015626692014-02-05T18:22:19.252+05:302014-02-05T18:22:19.252+05:30प्रेम तो ऐसा ही होना चाहिए .
बहुत सुन्दर प्रेम तो ऐसा ही होना चाहिए .<br />बहुत सुन्दर shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-67153107966578672562014-02-05T16:05:05.798+05:302014-02-05T16:05:05.798+05:30कमेंट में क्या लिखूँ
प्यार पर कुछ लिख पाना
मेरे ...कमेंट में क्या लिखूँ <br />प्यार पर कुछ लिख पाना <br />मेरे लिए कहाँ आसान विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-70400050645356203102014-02-05T15:39:45.545+05:302014-02-05T15:39:45.545+05:30अर्थपूर्ण परिभाषा ..... बहुत सुंदर अर्थपूर्ण परिभाषा ..... बहुत सुंदर डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-83773720202239883092014-02-05T14:45:48.486+05:302014-02-05T14:45:48.486+05:30बहुत गहन और सुन्दर परिभाषा प्रेम की |बहुत गहन और सुन्दर परिभाषा प्रेम की |इमरान अंसारी https://www.blogger.com/profile/01005182448449326178noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-37801265544897526272014-02-05T14:34:24.830+05:302014-02-05T14:34:24.830+05:30शाश्वत प्रेम मन के भी पार है...कण-कण में छिपा जिसक...शाश्वत प्रेम मन के भी पार है...कण-कण में छिपा जिसका आधार है Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-83051856287106535502014-02-05T12:49:06.462+05:302014-02-05T12:49:06.462+05:30प्यार को साधने की कलात्मकता या अथाह श्रम, न जाने क...प्यार को साधने की कलात्मकता या अथाह श्रम, न जाने क्या आहुति माँगे प्रेमप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-84620522015734770792014-02-05T10:45:07.306+05:302014-02-05T10:45:07.306+05:30जब प्रेम को शाश्वत की पहचान होने लगे तो
अश्रु प्र...जब प्रेम को शाश्वत की पहचान होने लगे तो <br />अश्रु प्रसाद ही तो बन जाते है, जिसने इस प्रसाद को चखा धन्य हुआ जीवन <br />समझिये ! बहुत सुन्दर शब्द और भाव संयोजन है !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-28813715436437277472014-02-05T00:19:24.516+05:302014-02-05T00:19:24.516+05:30 शाश्वत और निश्वार्थ प्रेम ... बहुत सुंदर ...!!... शाश्वत और निश्वार्थ प्रेम ... बहुत सुंदर ...!!Ranjana vermahttps://www.blogger.com/profile/18228698425578643882noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-30229112800760874142014-02-04T23:39:58.830+05:302014-02-04T23:39:58.830+05:30प्रेम नश्वर शरीर का अशरीरी भाव है।
अब इससे आगे क...प्रेम नश्वर शरीर का अशरीरी भाव है। <br />अब इससे आगे क्या !<br />प्रेम नश्वर शरीर का अशरीरी भाव है। <br />अब इससे आगे क्या !<br />प्रेम की अनगिन परिभाषाओं से उकताया मन यहाँ आकर नत हुआ /स्थिर हुआ !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-66529425494983092412014-02-04T23:39:48.344+05:302014-02-04T23:39:48.344+05:30प्रेम नश्वर शरीर का अशरीरी भाव है।
अब इससे आगे क...प्रेम नश्वर शरीर का अशरीरी भाव है। <br />अब इससे आगे क्या !<br />प्रेम नश्वर शरीर का अशरीरी भाव है। <br />अब इससे आगे क्या !<br />प्रेम की अनगिन परिभाषाओं से उकताया मन यहाँ आकर नत हुआ /स्थिर हुआ !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-22949698397899700332014-02-04T22:13:54.594+05:302014-02-04T22:13:54.594+05:30बेहद गहरे अर्थों से लबरेज़ रचना..प्रेम की विभिन्न ...बेहद गहरे अर्थों से लबरेज़ रचना..प्रेम की विभिन्न परतों का पोस्टमार्टम करती हुई हर एक पंक्ति..आभार आपका....Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-56809329325486319222014-02-04T22:06:24.582+05:302014-02-04T22:06:24.582+05:30तुम कहते हो
मैं सुनती हूँ
तुम सुनते हो
वह मंत्र सद...तुम कहते हो<br />मैं सुनती हूँ<br />तुम सुनते हो<br />वह मंत्र सदृश्य सत्य शिव सा सुन्दर होता है<br />प्रेम अश्रु बन जाता है प्रसाद<br />और साथ साथ चलते<br />बनते हैं शाश्वत निशाँ<br />हमारे ---------<br /><br />प्रेम की अद्भुत रचना<br />सादर----Jyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-81391257434557409432014-02-04T22:04:47.183+05:302014-02-04T22:04:47.183+05:30आँखों की सीढ़ियाँ उतर
तुम्हारे मन की दीवारों पर लिख...आँखों की सीढ़ियाँ उतर<br />तुम्हारे मन की दीवारों पर लिखे अपने ही नाम को<br />छूता है हौले से<br />डर तो लगता है न<br />कि कहीं मिट न जाए<br /><br />बहुत ही कोमल एवँ पावन अनुभूति ! जिस प्यार में इतनी गहराई हो, पवित्रता हो और स्थायित्व हो उसके निशाँ तो शाश्वत होंगे ही जो युग युगान्तर तक औरों के लिये प्रेरणा बन सकेंगे ! बहुत सुंदर ! Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-33390249836466852352014-02-04T19:51:58.203+05:302014-02-04T19:51:58.203+05:30हौले से जो मैं कहती हूँ
तुम कहते हो
मैं सुनती हूँ
...हौले से जो मैं कहती हूँ<br />तुम कहते हो<br />मैं सुनती हूँ<br />तुम सुनते हो<br />वह मंत्र सदृश्य सत्य शिव सा सुन्दर होता है<br />....यही तो शाश्वत प्रेम है...बहुत उत्कृष्ट रचना...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.com