tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post7438859695494435070..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: ऐ तुम ! एक नाम के सिवा ...रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-569842258469605512012-04-06T10:00:04.068+05:302012-04-06T10:00:04.068+05:30ऐ तुम !
'मैं' बनकर तुम्हें जो मिला
क्या उस...ऐ तुम !<br />'मैं' बनकर तुम्हें जो मिला<br />क्या उसे आज उपलब्द्धि मान पाते हो<br />या अब एक ' मैं ' ही रह गया तुम्हारे पास ? !<br />और 'हम' की तलाश में<br />तुम खुद में प्रलाप करते हो ?<br />जितनी बार पढती हूँ आपकी रचना... हर बार नए-ने अर्थ समझाती है.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-33595299701958457002012-03-26T15:18:37.614+05:302012-03-26T15:18:37.614+05:30ऐ तुम !
'मैं' बनकर तुम्हें जो मिला
क्या उस...ऐ तुम !<br />'मैं' बनकर तुम्हें जो मिला<br />क्या उसे आज उपलब्द्धि मान पाते हो<br />या अब एक ' मैं ' ही रह गया तुम्हारे पास ? !<br />और 'हम' की तलाश में<br />तुम खुद में प्रलाप करते हो ?<br /><br />ऐ तुम !<br />'मैं' बनकर तुम्हें जो मिला<br />क्या उसे आज उपलब्द्धि मान पाते हो<br />या अब एक ' मैं ' ही रह गया तुम्हारे पास ? !<br />और 'हम' की तलाश में<br />तुम खुद में प्रलाप करते हो ?<br />sampoorn bimb poorn aahuti saa .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-40995038213937359002012-03-26T11:15:10.698+05:302012-03-26T11:15:10.698+05:30जीवन का गहन प्रश्न... आज के इस आपा-धापी वाले जीवन ...जीवन का गहन प्रश्न... आज के इस आपा-धापी वाले जीवन में बस "मै" ही तो रह जाता है इंसान के साथ बाकी सब तो न जाने कहाँ पीछे छूट जाता है.... <br /><br />वैसे देखा जाये तो आज का इंसान इतना असंवेदनशील हो गया है कि पता नहीं उस पर किसी चीज का असर होता भी है या नहीं... पर आपकी इस रचना का एक एक शब्द इतना प्रभावशाली है कि जो भी इसे पढ़ेगा...एक बारगी सोचने पर मजबूर तो हो ही जायेगा... उसकी अंतरात्मा उसे एक बार तो झकझोर ही देगी..और यदि ऐसे हो गया तो लेखक का धर्म और कर्त्तव्य तो पूरा हो ही गया.... <br />सादर<br />मंजुAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-18197365310750032442012-03-26T09:28:16.265+05:302012-03-26T09:28:16.265+05:30जिंदगी के कैनवास पर 'मैं' और 'तुम'...जिंदगी के कैनवास पर 'मैं' और 'तुम' के स्पष्ट चित्र खींचे हैं.दैनिक अहसास के चटक रंग मन को छू गये.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-59187551680865859122012-03-26T09:22:52.881+05:302012-03-26T09:22:52.881+05:30कहा तो यही जाता है सर्वश्रेष्ठ कृतियाँ दर्द से उपज...कहा तो यही जाता है सर्वश्रेष्ठ कृतियाँ दर्द से उपजती हैं ...मगर इसके लिए दर्द को क्यूँ बुलायें ...किसी और का दर्द ही महसूस कर ले ना ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-56566771078085725132012-03-26T09:20:02.889+05:302012-03-26T09:20:02.889+05:30कहाँ रह पाते हैं हम , जिंदगी इतने इम्तिहान लेती है...कहाँ रह पाते हैं हम , जिंदगी इतने इम्तिहान लेती है कि सब कुछ बदल जाता है ...<br />मगर हम सुकून में हैं ...कुछ हमारा हमारे भीतर अब भी बचा है ...<br />आत्मावलोकन को विवश करती है पोस्ट ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-60437379583975630452012-03-25T16:09:57.175+05:302012-03-25T16:09:57.175+05:30अद्भुत। शानदार रचना।अद्भुत। शानदार रचना।लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-51129168278095561262012-03-25T07:27:31.239+05:302012-03-25T07:27:31.239+05:30ऐ तुम !
दिल पर हाथ रखकर कहना
कहीं से तुम वह रह गए ...ऐ तुम !<br />दिल पर हाथ रखकर कहना<br />कहीं से तुम वह रह गए हो<br />जो तुम थे ? एक नाम के सिवा ...<br />bahut sarthak rachna ..Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-57822180421709769142012-03-24T22:33:42.427+05:302012-03-24T22:33:42.427+05:30दिल पर हाथ रखकर कहना
कहीं से तुम वह रह गए हो
जो तु...दिल पर हाथ रखकर कहना<br />कहीं से तुम वह रह गए हो<br />जो तुम थे ? एक नाम के सिवा ...gazab ke expression rashmi jee....mere blog pr aapke darshan kb honge?????Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-9056534014312731492012-03-24T18:57:30.568+05:302012-03-24T18:57:30.568+05:30गहन भावव्यक्ति....गहन भावव्यक्ति....Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-6054623291220327282012-03-24T17:41:21.238+05:302012-03-24T17:41:21.238+05:30bahut sundar kavitabahut sundar kavitaOnkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-44864246503723213212012-03-24T02:18:54.183+05:302012-03-24T02:18:54.183+05:30खुद से ऐसा सवाल... बहुत मुमकिन कि जवाब मालूम है पर...खुद से ऐसा सवाल... बहुत मुमकिन कि जवाब मालूम है पर सोच नहीं पाते. गहरी सोच की अभिव्यक्ति, बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-68674256289494099422012-03-23T22:15:37.628+05:302012-03-23T22:15:37.628+05:30ऐ तुम !
अपने साफ़ सुथरे कीमती कपड़ों पर
क्या आज भी...ऐ तुम !<br />अपने साफ़ सुथरे कीमती कपड़ों पर<br />क्या आज भी तुम्हें नाज है ?<br />या .... साधारण कपड़ों से झांकती<br />चपल आँखों की मुस्कान<br />तुम्हें फिर से जीने को बाध्य करती है ?<br />तुमने जो सिक्के जमा किये थे अमीर बनने के लिए<br />उनकी ढेर के आगे क्या तुम अमीर रह गए हो ?<br />क्या तुम्हारी चौखट पर कोई मिट्टी लगे क़दमों से आता है<br />या तुम अब एक आहट के लिए बेसब्र हो ?<br />या<br />कोई चौखट ही नहीं रहा तुम्हारे हिस्से ?...........<br />.........<br />ऐ तुम !<br />'मैं' बनकर तुम्हें जो मिला<br />क्या उसे आज उपलब्द्धि मान पाते हो<br />या अब एक ' मैं ' ही रह गया तुम्हारे पास ? !<br />और 'हम' की तलाश में<br />तुम खुद में प्रलाप कर ते हो ?<br /><br />वैसे मुझे कविताओं की ज्यादा समझ नहीं है पर जाने क्यूँ आपकी कविता में अक्सर मुझे जीवन की झलक मिल जाती है बस वही बात मुझे आपके ब्लॉग पर खींच लाती है. Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-31106604248899192242012-03-23T15:44:20.471+05:302012-03-23T15:44:20.471+05:30सार्थक पोस्ट ..!
नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ|सार्थक पोस्ट ..!<br />नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ|Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-75824987183746264062012-03-23T15:42:07.281+05:302012-03-23T15:42:07.281+05:30सार्थक पोस्ट ..!
नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ|सार्थक पोस्ट ..!<br />नवसंवत्सर की हार्दिक शुभकामनाएँ|Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-25560376837006157442012-03-23T15:26:04.577+05:302012-03-23T15:26:04.577+05:30विचारणीय गहन सोच युक्त सुन्दर् रचना...विचारणीय गहन सोच युक्त सुन्दर् रचना...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-88461022793664243342012-03-23T13:52:30.974+05:302012-03-23T13:52:30.974+05:30बहुत सुन्दर प्रस्तुति| नवसंवत्सर २०६९ की हार्दिक श...बहुत सुन्दर प्रस्तुति| नवसंवत्सर २०६९ की हार्दिक शुभकामनाएँ|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-80704915551386780952012-03-23T09:53:43.805+05:302012-03-23T09:53:43.805+05:30Vicharniy..... Bahut Gahri baat liye rachnaVicharniy..... Bahut Gahri baat liye rachna डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-67915990935839731922012-03-23T00:29:50.269+05:302012-03-23T00:29:50.269+05:30जब मायावी आकर्षणों के पास में बंध जाए तो वह तुम तु...जब मायावी आकर्षणों के पास में बंध जाए तो वह तुम तुम थोड़े रह जाता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-25432656735838602012-03-22T22:48:00.899+05:302012-03-22T22:48:00.899+05:30bilkul alag sa sawal uthati kavita... bahut sundar...bilkul alag sa sawal uthati kavita... bahut sundarअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-42172409510867757322012-03-22T20:30:31.260+05:302012-03-22T20:30:31.260+05:30ऐ तुम !
दिल पर हाथ रखकर कहना
कहीं से तुम वह रह गए ...ऐ तुम !<br />दिल पर हाथ रखकर कहना<br />कहीं से तुम वह रह गए हो<br />जो तुम थे ? एक नाम के सिवा <br />kya saval hai sochne pr majbur karta hai<br />rachanaRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-40258379555071586792012-03-22T18:48:47.454+05:302012-03-22T18:48:47.454+05:30यक्ष प्रश्न है!!!!!
क्या जवाब देगा........सोचने औ...यक्ष प्रश्न है!!!!!<br /><br />क्या जवाब देगा........सोचने और समझने की शक्ति खोकर ही तो यहाँ पहुंचा है....<br /><br />सादर...ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-28792025430671911472012-03-22T17:19:51.471+05:302012-03-22T17:19:51.471+05:30जब "मैं " से प्यार हो जाये तो कुछ दिखाई ...जब "मैं " से प्यार हो जाये तो कुछ दिखाई नहीं देता.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-10527677931289567352012-03-22T16:53:59.166+05:302012-03-22T16:53:59.166+05:30||अहं वयं के रास्ते, नए बिम्ब नव शोध
संकेतों में द...<b>||अहं वयं के रास्ते, नए बिम्ब नव शोध<br />संकेतों में दे रही, रचना जीवन बोध||</b><br /><br />सादर बधाई दी.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-28786548044288698892012-03-22T16:25:41.588+05:302012-03-22T16:25:41.588+05:30ऐ तुम !
दिल पर हाथ रखकर कहना
कहीं से तुम वह रह गए ...ऐ तुम !<br />दिल पर हाथ रखकर कहना<br />कहीं से तुम वह रह गए हो<br />जो तुम थे ? एक नाम के सिवा ...<br /><br />भावों की अद्भुत अभिव्यक्तिdevendra gautamhttps://www.blogger.com/profile/09034065399383315729noreply@blogger.com