tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post7453828592067697466..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: हवा यूँ हीं तो नहीं सर पटकती ..रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-76049079611379998972012-10-25T22:37:29.087+05:302012-10-25T22:37:29.087+05:30व्यथा किसी की भी हो ......वो हर किसी की समझ से परे...व्यथा किसी की भी हो ......वो हर किसी की समझ से परे ही होती है ......कहते है ना ''जिस तन लागे ...वही मन जाने ''Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-42331993393498950522012-10-24T22:29:17.171+05:302012-10-24T22:29:17.171+05:30रश्मि जी.. भावपूर्ण रचना.. कुछ देर सोचने पर मजबूर ...रश्मि जी.. भावपूर्ण रचना.. कुछ देर सोचने पर मजबूर कर दिया !! केतनhttps://www.blogger.com/profile/15043192675813868678noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-22097467401609717782012-10-24T21:56:07.547+05:302012-10-24T21:56:07.547+05:30हमेशा की तरह बेहतरीन...कविता में जटिलता होती है कम...हमेशा की तरह बेहतरीन...कविता में जटिलता होती है कम से कम तीन बार पड़ना पढ़ता है...लेकिन जब भाव समझ आता है तो एक लहर दौड़ जाती है...अद्भुत...शानदार।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-83679153375055413842012-10-24T17:09:57.164+05:302012-10-24T17:09:57.164+05:30"हवा यूँ हीं तो नहीं सर पटकती ...
पुरवा ,पछिय..."हवा यूँ हीं तो नहीं सर पटकती ...<br />पुरवा ,पछिया जो भी नाम दो <br />वह दर्द को जुबान देती है <br />सबके दरवाज़े,खिडकियों पर दस्तकें देती है <br />... हम !<br />अपनी शान्ति के लिए <br />बंद कर लेते हैं दरवाज़े-खिड़कियाँ !!!"<br /><br />मर्म को छूती बहुत ही भावपूर्ण और सशक्त कविता।sushilahttps://www.blogger.com/profile/05803418860654276532noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-86269421513648988742012-10-24T14:03:49.848+05:302012-10-24T14:03:49.848+05:30दर्द बेजुबान कहाँ है रश्मि जी आपकी जुबां से बखूबी ...दर्द बेजुबान कहाँ है रश्मि जी आपकी जुबां से बखूबी बोल रहा है गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-33797705421208403812012-10-24T13:30:45.475+05:302012-10-24T13:30:45.475+05:30दर्द जब गहरा हो
तो आँखों की नदी भी सूख जाती है
शु...दर्द जब गहरा हो<br />तो आँखों की नदी भी सूख जाती है <br />शुष्क आँखों के नीचे <br />एक शुष्क हँसी होती है<br />श्रवण के माता-पिता की तरह !<br />दर्द को दर्द का मारा ही समझता है<br /><br /><br /><br />बहुत सुंदर<br /><br />ऐसी रचनाएं सिर्फ आपकी ही कलम से निकल सकती है। पूरा जीवन दर्शन है इस रचना में<br /><br /><br />विजयादशमी की बहुत बहुत शुभकामनाएंमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-82406087113685381372012-10-24T13:25:28.197+05:302012-10-24T13:25:28.197+05:30दर्द जब गहरा हो
तो आँखों की नदी भी सूख जाती है
शु...दर्द जब गहरा हो<br />तो आँखों की नदी भी सूख जाती है <br />शुष्क आँखों के नीचे <br />एक शुष्क हँसी होती है<br />श्रवण के माता-पिता की तरह !<br />दर्द को दर्द का मारा ही समझता है<br /><br /><br /><br />बहुत सुंदर<br /><br />ऐसी रचनाएं सिर्फ आपकी ही कलम से निकल सकती है। पूरा जीवन दर्शन है इस रचना में<br /><br /><br />विजयादशमी की बहुत बहुत शुभकामनाएंमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-22426390006404767842012-10-24T12:50:15.442+05:302012-10-24T12:50:15.442+05:30आपकी खासियत यह है दीदी कि वो भावनाओं को व्यक्त करन...आपकी खासियत यह है दीदी कि वो भावनाओं को व्यक्त करने वाले शब्द ढूंढ लाती हैं और उन शब्दों के अंदर की भावनाओं को तार-तार विश्लेषित करती हैं.. बहुत सुन्दर!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-12967403139578222112012-10-24T11:18:24.458+05:302012-10-24T11:18:24.458+05:30आदरणीया बेहद गहन रचना सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ, वि...आदरणीया बेहद गहन रचना सुन्दर अभिव्यक्ति के साथ, विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं अरुन अनन्तhttps://www.blogger.com/profile/02927778303930940566noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-90004985239901450382012-10-24T07:40:17.379+05:302012-10-24T07:40:17.379+05:30दुर्गापूजा और दशहरे की शुभकामनायें आपको...दुर्गापूजा और दशहरे की शुभकामनायें आपको...Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-88242798756251259632012-10-24T07:17:23.328+05:302012-10-24T07:17:23.328+05:30सुन्दर रचना हमेशा की तरह ...सुन्दर रचना हमेशा की तरह ...Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-5754311235189859452012-10-23T22:19:18.497+05:302012-10-23T22:19:18.497+05:30आज के समय में यही सही है ..आज के समय में यही सही है ..Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-25443734551428036622012-10-23T21:00:44.719+05:302012-10-23T21:00:44.719+05:30kitni gehrayi hai nazm me padh kar ubhar hi nahi p...kitni gehrayi hai nazm me padh kar ubhar hi nahi pa rahi hun.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-1090996144805770092012-10-23T19:00:09.064+05:302012-10-23T19:00:09.064+05:30नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ
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अब Gmail में ट...नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएँ<br /><br />---<br /><a href="http://techprevue.blogspot.in/2012/10/google-transliteration-ime-in-gmail.html" title="Google Input Tools now in Gmail with 75 regional languages" rel="nofollow">अब Gmail में टाइप करें हिंदी और 74 अन्य क्षेत्रीय भाषाएँ</a>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-20077359744749555842012-10-23T17:35:51.579+05:302012-10-23T17:35:51.579+05:30badhiya abhivykti..badhiya abhivykti..शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-83014555982873516102012-10-23T14:32:39.977+05:302012-10-23T14:32:39.977+05:30गहन सोच के बाद उपजा दर्द..लाजवाब..गहन सोच के बाद उपजा दर्द..लाजवाब..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-80004134803166449922012-10-23T12:20:17.784+05:302012-10-23T12:20:17.784+05:30दर्द जब कटघरे में होता है
तो बहुत सन्नाटा होता है ...दर्द जब कटघरे में होता है<br />तो बहुत सन्नाटा होता है / अति सुन्दर Minoo Bhagiahttps://www.blogger.com/profile/18351562434440592523noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-84546027784413337362012-10-23T11:55:16.691+05:302012-10-23T11:55:16.691+05:30वे क्या जानेंगे सड़क पर खड़ी उस लड़की की व्यथा
जिस...वे क्या जानेंगे सड़क पर खड़ी उस लड़की की व्यथा<br />जिसके बाल उलझे हैं<br />एक लकीर गालों पर है<br />और सूखे होठों पर <br />कोई माँग शेष नहीं ....<br />..सच दर्द को जिसने भोगा वही दर्द को समझ पाटा है ...<br />बहुत सुन्दर चिंतन कराती रचना ..आभार कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-87723338300140422132012-10-23T09:38:29.137+05:302012-10-23T09:38:29.137+05:30वे क्या जानेंगे सड़क पर खड़ी उस लड़की की व्यथा
जिस...वे क्या जानेंगे सड़क पर खड़ी उस लड़की की व्यथा<br />जिसके बाल उलझे हैं<br />एक लकीर गालों पर है<br />और सूखे होठों पर <br />कोई माँग शेष नहीं ....<br /><br />एकदम सटीक ..... निशब्द करते भाव डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-55715251298092913162012-10-23T07:36:20.017+05:302012-10-23T07:36:20.017+05:30सबके दरवाज़े,खिडकियों पर दस्तकें देती है
... हम !...सबके दरवाज़े,खिडकियों पर दस्तकें देती है <br />... हम !<br />अपनी शान्ति के लिए <br />बंद कर लेते हैं दरवाज़े-खिड़कियाँ !!!<br /><br />पलायन हमारा स्वभाव है Vandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-27237468821020679842012-10-23T07:10:06.019+05:302012-10-23T07:10:06.019+05:30दर्द अक्सर बेज़ुबान होता है
भीड़ में मूक चीखों के...दर्द अक्सर बेज़ुबान होता है <br />भीड़ में मूक चीखों के संग <br />वह निरंतर खुद को समझाने का <br />अथक प्रयास करता है !<br />हवा यूँ हीं तो नहीं सर पटकती ...<br /><br />आप कितनी गहराई से सोचती /समझती और प्रकट भी करती हैं ... कई बार विस्मित हुई हूँ !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-39408282342177040682012-10-22T23:46:08.145+05:302012-10-22T23:46:08.145+05:30बेबसी का एहसास हुआ जब किसी हवा की दस्तक पर दरवाज़ा ...बेबसी का एहसास हुआ जब किसी हवा की दस्तक पर दरवाज़ा बंद किया.....<br /><br />बहुत अच्छी रचना दी....<br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-26531719417442815972012-10-22T22:45:05.074+05:302012-10-22T22:45:05.074+05:30दर्द के विभिन्न रूप और उससे पैदा कसक और अमीरों की ...दर्द के विभिन्न रूप और उससे पैदा कसक और अमीरों की ठसक एक साथ पिरोये है यह रचना आईना दिखाती ,मार्ग दर्शन करती सबका .बधाई (कृपया <br /><br />खुश्बू शब्द प्रयोग करें ).virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-4867517374342911702012-10-22T20:43:11.873+05:302012-10-22T20:43:11.873+05:30
सबके दरवाज़े,खिडकियों पर दस्तकें देती है
... ह... <br /> सबके दरवाज़े,खिडकियों पर दस्तकें देती है <br />... हम !<br />अपनी शान्ति के लिए <br />बंद कर लेते हैं दरवाज़े-खिड़कियाँ !!!<br />निशब्द करती रचना .... कितने बेबस हैं !! विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-27850218793394249222012-10-22T20:19:41.757+05:302012-10-22T20:19:41.757+05:30दर्द को सिर्फ दर्द ही समझता है.. एकदम सही बात..
दर...दर्द को सिर्फ दर्द ही समझता है.. एकदम सही बात..<br />दर्द जब कटघरे में होता है<br />तो बहुत सन्नाटा होता है..बिलकुल...<br />गहन भाव लिए संवेदनशील अभिव्यक्ति...<br />मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.com