tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post7648345943786706645..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: अर्थ का अनर्थ (लघुकथा )रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-49836037878628754262012-09-05T08:47:16.415+05:302012-09-05T08:47:16.415+05:30गहन! विश्वास, श्रद्धा से ही जीवन सार्थक है..
आपके ...गहन! विश्वास, श्रद्धा से ही जीवन सार्थक है..<br />आपके सुलभ स्वास्थ्य की कामना करता हूँ.. <br />सादर<br />मधुरेश Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-57375263945580177042012-09-04T16:32:59.283+05:302012-09-04T16:32:59.283+05:30भ्रम जाल फ़ैलाने वाले अनगिनत है , मगर एक दिन सब फं...भ्रम जाल फ़ैलाने वाले अनगिनत है , मगर एक दिन सब फंद छूट ही जाते हैं !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-88547572897725699872012-09-04T15:46:48.018+05:302012-09-04T15:46:48.018+05:30समझ इतना ही आ पाया
भगवान कभी समझदार
आदमी से मिलने ...समझ इतना ही आ पाया<br />भगवान कभी समझदार<br />आदमी से मिलने <br />नहीं जा पाया<br />इसी लिये आदमी में<br />अपना सिक्का अभी <br />तक नहीं जमा पाया !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-90626142899239987022012-09-04T15:37:11.243+05:302012-09-04T15:37:11.243+05:30अँधेरा और प्रकाश हमेशा साथ साथ रहते है मगर समझनेवा...अँधेरा और प्रकाश हमेशा साथ साथ रहते है मगर समझनेवाले प्रकाश को अँधेरा और अँधेरे को प्रकाश समझने की भूल कर बैठते है ..मगर प्रकाश तो प्रकाश ही है रोशनी देगा ही..अर्थ और अनर्थ लोग जानते है और समझते भी है . अच्छी सीख देती रचना Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-55340009760508566192012-09-04T10:21:30.865+05:302012-09-04T10:21:30.865+05:30हर कहानी से मनुष्य अपनाही अर्थ निकालता है,
है तो ...हर कहानी से मनुष्य अपनाही अर्थ निकालता है, <br />है तो इश्वर की ही सत्ता पर अंधेरा भी कम ताकतवर नहीं है !.Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-29855015672089034622012-09-04T10:14:18.601+05:302012-09-04T10:14:18.601+05:30कुछ ने मान लिया , कुछ मुस्कुराकर बढ़ गए - गहन भाव ...कुछ ने मान लिया , कुछ मुस्कुराकर बढ़ गए - गहन भाव लिए प्रेरक प्रस्तुति ...आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-44640358045913489352012-09-04T09:28:34.812+05:302012-09-04T09:28:34.812+05:30जाको जैसी भावना..जाको जैसी भावना..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-66976028523201445712012-09-04T00:06:22.228+05:302012-09-04T00:06:22.228+05:30भावना के अनुसार सोचने का नजरिया अलग अलग,,,,
RECEN...भावना के अनुसार सोचने का नजरिया अलग अलग,,,,<br /><br />RECENT POST<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/08/blog-post_30.html#links" rel="nofollow">-परिकल्पना सम्मान समारोह की झलकियाँ,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-60162701868641288392012-09-03T22:31:40.425+05:302012-09-03T22:31:40.425+05:30अँधेरे और प्रकाश को साथ साथ समझ जाना ज्ञान की प्रा...अँधेरे और प्रकाश को साथ साथ समझ जाना ज्ञान की प्राप्ति है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-62022480038995810182012-09-03T22:18:54.969+05:302012-09-03T22:18:54.969+05:30सब की अपनी अपनी सोच ,समझ है.सब की अपनी अपनी सोच ,समझ है.Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-5689399588729998762012-09-03T22:15:01.135+05:302012-09-03T22:15:01.135+05:30आजकल कुछ ज्यादा ही होने लगा है !
मोहब्बत यह मोहब...आजकल कुछ ज्यादा ही होने लगा है !<br /><br /><a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/09/blog-post_3.html" rel="nofollow"> मोहब्बत यह मोहब्बत - ब्लॉग बुलेटिन </a> ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार ! शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-36534163346865537412012-09-03T21:56:23.319+05:302012-09-03T21:56:23.319+05:30kshmaprathi hoon ma"am..mujhe nahi pta tha aa...kshmaprathi hoon ma"am..mujhe nahi pta tha aapke swasthay ke baare mein.. mann chnchal hai shikayat kar dali.. behtar swasthaylabh hetu s-hirday prathnaayein..आशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-42482368090684334512012-09-03T21:29:48.995+05:302012-09-03T21:29:48.995+05:30अर्थ का अनर्थ...
दूसरो की बातो में आकर अपनी मानसिक...अर्थ का अनर्थ...<br />दूसरो की बातो में आकर अपनी मानसिकता बना लेना...<br />चोर को सभी चोर दिखाई देते है..<br />सिख देती लघु कथा...<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-90202631679223657682012-09-03T20:17:07.088+05:302012-09-03T20:17:07.088+05:30जाकी रही भावना जैसी
प्रभु मूरत देखी तिन तैसी यही ...जाकी रही भावना जैसी <br />प्रभु मूरत देखी तिन तैसी यही एक मात्र सार है इस कहानी का ...आप क्या कहती है ?Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-40576665845854689722012-09-03T19:00:52.291+05:302012-09-03T19:00:52.291+05:30meri samjh se bahar..do baar padhna pada tb jaake....meri samjh se bahar..do baar padhna pada tb jaake... aap ka mere blog par ab naa aana udwelit karta hai...आशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-37611124765910384642012-09-03T18:55:39.871+05:302012-09-03T18:55:39.871+05:30बहुत बढ़िया प्रेरक प्रस्तुति ..आभार बहुत बढ़िया प्रेरक प्रस्तुति ..आभार कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-29381621729867853732012-09-03T18:42:01.926+05:302012-09-03T18:42:01.926+05:30हर व्यक्ति की अपनी सोच होती है . कोई किसी की सोच क...हर व्यक्ति की अपनी सोच होती है . कोई किसी की सोच को बदल भी नहीं सकता . डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-2392102401112977682012-09-03T18:06:00.745+05:302012-09-03T18:06:00.745+05:30बहुत सार्थक कथा ....हम कुछ भी कहते रहें ...सामने व...बहुत सार्थक कथा ....हम कुछ भी कहते रहें ...सामने वाला अपनी ही सोच से हमारी बात ग्रहण करता है ...इसलिए हमें तटस्थ ही रहना चाहिए ...!!अपनी बात पर दृढ ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-41955205107071863602012-09-03T17:26:47.225+05:302012-09-03T17:26:47.225+05:30सोए हुए आदमी को जगाया जा सकता है,
लेकिन जगे हुए को...सोए हुए आदमी को जगाया जा सकता है,<br />लेकिन जगे हुए को जगाने का मतलब पानी<br />में लाठी पीटने जैसा है। <br /><br />सौ फीसदी गारंटी है कि ये कथा भी समझ में<br />नहीं आएगी।<br /><br />महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-91194774655088637322012-09-03T16:59:22.241+05:302012-09-03T16:59:22.241+05:30साधना वैद्य जी से सहमत हूँ, जिसका जैसा मन और विचार...साधना वैद्य जी से सहमत हूँ, जिसका जैसा मन और विचार होते हैं वह वैसा ही सोचता है... सीख देती सुन्दर कथा संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-70942540667294321522012-09-03T16:42:37.340+05:302012-09-03T16:42:37.340+05:30अर्थ का अनर्थ बनते देर नहीं लगती...जरूरत होती है ध...अर्थ का अनर्थ बनते देर नहीं लगती...जरूरत होती है धैर्य रखने की...सब अपनी सोच के अनुसार ही दूसरों को आंकते हैं|ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-14142045308332975692012-09-03T16:09:33.348+05:302012-09-03T16:09:33.348+05:30कमेन्ट में मैं एक कहानी ही कहूँ ?
अगर सही हो तो ठी...कमेन्ट में मैं एक कहानी ही कहूँ ?<br />अगर सही हो तो ठीक नहीं तो spam की शोभा बढ़ाने दीजिएगा !<br />एक बार ,एक साधू अपने कुछ शिष्यों के साथ घूमने निकला ....<br />एक स्थान पर कुछ लोग मिले ... साधू को प्रणाम किये .... साधू उन्हें आशीर्वाद दिए कि * जमे रहो * ,और आगे बढ़ चले !<br />कुछ दूर जाने पर ,फिर से कुछ लोगो की टोली मिली वे लोग भी साधू को प्रणाम किये .... साधू उन्हें आशीर्वाद दिए कि * उजड़ जाओ* ,और आगे बढ़ चले !<br />शिष्यों को बहुतेआश्चर्य हुआ ,वे अपने गुरु से आज्ञा ले ,सवाल किये कि आप दो जगह ,दो तरह का ,आशीर्वाद क्यों दिए ?<br />साधू बोले :- पहले वाले लोगों की प्रवृति(स्वभाव) बुरी थी इसलिए उन्हें * जमे रहो * का आशीर्वाद दिए ताकि वे बुराई फैला ना सकें जहां हैं वहीँ तक सिमित रहे !<br />और दुसरे जगह वाले लोग उत्तम प्रवृति(स्वभाव) के थे इसलिए उन्हें * उजड़ जाओ* का आशीर्वाद दिए ताकि वे जहां-जहां जाएँ अच्छाई फैला सकें ,<br />विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-57860923747346469792012-09-03T15:54:06.211+05:302012-09-03T15:54:06.211+05:30हर कोई अपने अपने अनुसार दूसरे के कहे का मतलब निकाल...हर कोई अपने अपने अनुसार दूसरे के कहे का मतलब निकालता है ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-26483893760105751192012-09-03T15:51:12.774+05:302012-09-03T15:51:12.774+05:30तुम जो सुनना चाहते, तुम जो देखना चाहते हो.....ये ज...तुम जो सुनना चाहते, तुम जो देखना चाहते हो.....ये जगत उसी का प्रतिबिम्ब बन जाता है ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-1112302838446431342012-09-03T15:49:31.097+05:302012-09-03T15:49:31.097+05:30तुम जो सुनना चाहते, तुम जो देखना चाहते हो.....ये ज...तुम जो सुनना चाहते, तुम जो देखना चाहते हो.....ये जगत उसी का प्रतिबिम्ब बन जाता है ।Anonymousnoreply@blogger.com