tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post7993763183365085242..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: यह भी एक रहस्यात्मक तथ्य है !रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-69944716875459019482013-04-26T19:40:14.937+05:302013-04-26T19:40:14.937+05:30एक अनजानी डोर से हम भी बांधे है .....परिक्रमा अभी ...एक अनजानी डोर से हम भी बांधे है .....परिक्रमा अभी भी जारी है :)Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-17869717676795721502013-04-22T12:59:03.618+05:302013-04-22T12:59:03.618+05:30जीवन एक रहस्यअमयी चक्र है.. गहन दर्शन.जीवन एक रहस्यअमयी चक्र है.. गहन दर्शन.Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-42023268400239327152013-04-22T08:41:35.267+05:302013-04-22T08:41:35.267+05:30शब्द शब्द गहन अनुभूति और दर्शन से भरा ...!!
बहुत स...शब्द शब्द गहन अनुभूति और दर्शन से भरा ...!!<br />बहुत सुन्दर रचना दी ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-59758359566821021502013-04-21T18:15:07.480+05:302013-04-21T18:15:07.480+05:30अंत एक दर्शन है
जीवन की साँसों का
रिश्तों का
विश्व...अंत एक दर्शन है<br />जीवन की साँसों का<br />रिश्तों का<br />विश्वास का, प्यार का .......<br /><br />सत्य विचार. गहन दर्शन. सुंदर रचना.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-21310734997377112562013-04-21T10:04:32.809+05:302013-04-21T10:04:32.809+05:30सुन्दर. परिक्रमा कभी पूरी नहीं होती सुन्दर. परिक्रमा कभी पूरी नहीं होती Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-41631354862493879542013-04-20T19:45:12.514+05:302013-04-20T19:45:12.514+05:30परिक्रमा अभी बाकी है .... कुछ रहस्य,कुछ तथ्य - अभी...परिक्रमा अभी बाकी है .... कुछ रहस्य,कुछ तथ्य - अभी बाकी हैं<br /><br />सही में कुछ परिक्रमाएँ कभी ख़त्म नहीं होती ...<br />सादर !शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-22412103227879130892013-04-19T20:32:16.122+05:302013-04-19T20:32:16.122+05:30एक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है
अद्वैत के प्र...एक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है<br />अद्वैत के प्रस्फुटित मंत्रोचार में<br />जो सूर्योदय की प्रत्येक किरण की परिक्रमा में है<br />और ख़त्म नहीं होती<br /><br />....कुछ परिक्रमायें अनवरत चलती रहतीं हैं, एक अंतहीन अंत की तलाश में...बहुत सुन्दर और गहन अभिव्यक्ति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-42124199218537901712013-04-18T18:47:58.628+05:302013-04-18T18:47:58.628+05:30कभी कभी ये रहस्य बहुत बेचैनी पैदा करते हैं...किन्त...कभी कभी ये रहस्य बहुत बेचैनी पैदा करते हैं...किन्तु कुछ रहस्य रहस्य ही बने रहें तो जीवन चलता रहेगा...नहीं तो शिथिलता आ जाएगी|ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-48870431875636756332013-04-18T15:31:03.064+05:302013-04-18T15:31:03.064+05:30sahi bat anvarat chalnewaali ....ghatna hai ...par...sahi bat anvarat chalnewaali ....ghatna hai ...parikrama ......Dr.NISHA MAHARANAhttps://www.blogger.com/profile/16006676794344187761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-87610358328507935682013-04-18T14:22:10.227+05:302013-04-18T14:22:10.227+05:30अंत में ही आरम्भ छिपा है..और रहस्य है हर आरम्भ की ...अंत में ही आरम्भ छिपा है..और रहस्य है हर आरम्भ की तरह हर अंत भी..बहुत दिनों बाद आपकी चिर-परिचित शैली में जीवन के नए आयामों पर नव दृष्टि डालती कविता पढ़कर बहुत अच्छा लगा.Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-29431379502708867512013-04-18T12:03:20.753+05:302013-04-18T12:03:20.753+05:30जब तक यह जीवन लीला चलेगी ...कई रहस्य खुलेंगे ....ऐ...जब तक यह जीवन लीला चलेगी ...कई रहस्य खुलेंगे ....ऐसे में विश्वास की डोर रिश्तों की मजबूती से अंजाम पायेगी ...या तो टूटकर बिखर जाएगी या और मज़बूत हो हमारा संबल बन जाएगी ...यह तो समय ही बताएगा ...जैसे जैसे अपने भेद खोलता जायेगा Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-73229828601797177052013-04-18T04:18:37.782+05:302013-04-18T04:18:37.782+05:30अद्भुत रचना | परन्तु रहस्य कैसे खुलेंगे ये मैं भी ...अद्भुत रचना | परन्तु रहस्य कैसे खुलेंगे ये मैं भी नहीं जान पाया आज तक | आभार <br /><br />कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें | <br /><a href="http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in" rel="nofollow">Tamasha-E-Zindagi</a><br /><a href="http://www.facebook.com/tamashaezindagi" rel="nofollow">Tamashaezindagi FB Page</a><br />Tamasha-E-Zindagihttps://www.blogger.com/profile/01844600687875877913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-79483454034092774552013-04-17T23:22:37.912+05:302013-04-17T23:22:37.912+05:30बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया Manav Mehta 'मन'https://www.blogger.com/profile/01826811764168414349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-37100900889019888882013-04-17T21:56:56.879+05:302013-04-17T21:56:56.879+05:30एक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है
अद्वैत के प्र...एक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है<br />अद्वैत के प्रस्फुटित मंत्रोचार में<br />जो सूर्योदय की प्रत्येक किरण की परिक्रमा में है<br />और ख़त्म नहीं होती...sahi kaha apne kuch prakrima kabhi khtam nhi hoti....bhaut dino baad apko padha mam... bhaut accha laga....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-79725337380187699792013-04-17T18:50:00.059+05:302013-04-17T18:50:00.059+05:30संस्कारों के साथ चलने वाली जीवन परिक्रमा जारी रहती...संस्कारों के साथ चलने वाली जीवन परिक्रमा जारी रहती है अंतिम सांस तक फिर भी रहस्य ज्यों का त्यों बना रहता है, जीवन के साथ-साथ रहस्य का चक्र भी जारी है जन्मो से... गहन भाव ...आभार संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-24991886666892502822013-04-17T17:59:58.008+05:302013-04-17T17:59:58.008+05:30मुग्ध सी पढ़ती गई बस ...एक बार नहीं कई बार !सोचती ...मुग्ध सी पढ़ती गई बस ...एक बार नहीं कई बार !सोचती गई समझती गई आपके इस चिंतन की गहराई में उतरती गई ! Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-6352650713752753882013-04-17T13:05:06.257+05:302013-04-17T13:05:06.257+05:30जीवन के इस रहस्य को जानना ही तो श्रृष्टि को जानना ...जीवन के इस रहस्य को जानना ही तो श्रृष्टि को जानना है .. जो आसां नहीं होता इस नश्वर शरीर के लिए ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-72278969098403719242013-04-17T10:09:43.907+05:302013-04-17T10:09:43.907+05:30वृक्ष की परम्परागत शाखाओं ने
उन्हें भय का स्वर्णिम...वृक्ष की परम्परागत शाखाओं ने<br />उन्हें भय का स्वर्णिम उद्देश्य सिखाया<br />कहा -<br />बहेलिया नहीं बदलेगा - तय है<br />तो हम क्यूँ बदल जाएँ<br />जीवन की बाजी यूँ ही चलती है<br />जीत हार में भी होती है<br />दिखाई बाद में देती है"<br />इन पंक्तियों का सच हर पल जिंदगी के साथ परिक्रमा करता है .... <br />सादरसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-62570771871496021402013-04-17T08:50:53.785+05:302013-04-17T08:50:53.785+05:30जीत हार में भी होती है
दिखाई बाद में देती है
दिल ...जीत हार में भी होती है<br />दिखाई बाद में देती है<br /><br />दिल को छू गयी ये पंक्तियाँ. बहुत अच्छी लगी रचना.ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-26616043934755486892013-04-17T07:48:27.171+05:302013-04-17T07:48:27.171+05:30जीवन की बाजी , जीत हार से परे , . संस्कारों की थात...जीवन की बाजी , जीत हार से परे , . संस्कारों की थाती , पांवों के छाले, यह परिक्रमा अनंत है ...मगर यह परिक्रमा ही जीवन भी है !! वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-85285435283931452462013-04-17T00:11:07.998+05:302013-04-17T00:11:07.998+05:30जीवन भर चलती है ये परिक्रमा .... इसके बारे में जित...जीवन भर चलती है ये परिक्रमा .... इसके बारे में जितना जानो या सोचो कम है .... गहन अभिव्यक्ति संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-53542381529554007432013-04-16T23:24:44.050+05:302013-04-16T23:24:44.050+05:30. हर रिश्तों की अपनी अपनी अग्नि होती है
अपने अपने .... हर रिश्तों की अपनी अपनी अग्नि होती है<br />अपने अपने मंत्र ..<br /><br /><br /> सुंदर रचनाAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/10711074114205495463noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-49274697306816887302013-04-16T23:24:26.583+05:302013-04-16T23:24:26.583+05:30 जीवन की यात्रा से जुड़ा कितना कुछ यूँ बहता रहता ह... जीवन की यात्रा से जुड़ा कितना कुछ यूँ बहता रहता है ... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-40908281604256499742013-04-16T22:37:53.209+05:302013-04-16T22:37:53.209+05:30जीवन की बाजी यूँ ही चलती है
जीत हार में भी होती है...जीवन की बाजी यूँ ही चलती है<br />जीत हार में भी होती है<br />दिखाई बाद में देती है"<br /><br />sahmat hoon. Apne aehsas kuchh hara bhara kar paya. <br /><br />aabhar:-<br /><br />KunwarDesk Of Kunwar Aayesnteen @ Spirtualityhttps://www.blogger.com/profile/03765004784786272791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-44496068315664498032013-04-16T21:30:57.649+05:302013-04-16T21:30:57.649+05:30रोचक तथ्य के बाद भी जीवन चक्र यू ही चलता रहेगा ,आभ...<b>रोचक तथ्य के बाद भी जीवन चक्र यू ही चलता रहेगा ,आभार,</b><br /><b>RECENT POST </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/04/blog-post_7363.html#comment-form" rel="nofollow">: क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.com