tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post8815802041606984114..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: वक़्त निकालोरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger42125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-58965053830180044812011-07-14T21:00:13.072+05:302011-07-14T21:00:13.072+05:30खूबसूरत अभिव्यक्ति...बधाईखूबसूरत अभिव्यक्ति...बधाईMaheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-15407498921291906782011-07-14T07:14:49.012+05:302011-07-14T07:14:49.012+05:30तुम वृक्ष नहीं
मात्र एक शाखा हो... apni sochoon to...तुम वृक्ष नहीं<br />मात्र एक शाखा हो... apni sochoon to esi shakha hoon jo abhi fal laane ke kaabil bhi nahi... bahut sunder seekh!Anjana Dayal de Prewitt (Gudia)https://www.blogger.com/profile/13896147864138128006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-50689917175178323562011-07-13T11:13:38.755+05:302011-07-13T11:13:38.755+05:30खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो
और उससे परे खुद को...खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो<br />और उससे परे खुद को ....<br />तुम वृक्ष नहीं<br />मात्र एक शाखा हो ...<br /><br />आईना दिखाती नज़्म ......!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-8729516067891109502011-07-13T11:01:46.545+05:302011-07-13T11:01:46.545+05:30कमाल का विचार, कमाल की अभिव्यक्ति |
इसी विषय पर म...कमाल का विचार, कमाल की अभिव्यक्ति |<br /><br />इसी विषय पर मैंने एक पोस्ट लिखी थी -" खूब पर्दा है" - आज की जीवनशैली पर जिसमे हम लोगों के पास टि.वि. सीरिअल की हीरोइन की बीमारी के लिए रोज़ आधा घंटा है - परन्तु पड़ोसी अस्पताल में है तो ३ दिन तक हमें वक्त नहीं मिलता कि देख आयें !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-83866138901770868472011-07-13T10:07:52.213+05:302011-07-13T10:07:52.213+05:30sach kahaa hai !! ahm ke washibhut ho kar apne aap...sach kahaa hai !! ahm ke washibhut ho kar apne aap ko shakhaa se vriksh samjha baithe hain!!!Murari Pareekhttps://www.blogger.com/profile/16625386303622227470noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-54002754757064409592011-07-13T08:53:59.947+05:302011-07-13T08:53:59.947+05:30खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो
और उससे परे खुद को...खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो<br />और उससे परे खुद को ....<br />तुम वृक्ष नहीं<br />मात्र एक शाखा हो<br />पर अपने अहम् के साथ तुम<br />पूरे वृक्ष की जगह ले रहे हो ...<br />तुम धीरे धीरे सूखते जा रहे हो<br />'कड़ाक' से टूट जाओ<br />उससे पहले - वक़्त निकालो<br /><br />कविता का climax बहुत प्यारा है.बधाई .Kunwar Kusumeshhttps://www.blogger.com/profile/15923076883936293963noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-11483607697108413382011-07-12T23:17:29.811+05:302011-07-12T23:17:29.811+05:30यही है प्राकृतिक झरना.यही है प्राकृतिक झरना.अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com)https://www.blogger.com/profile/11022098234559888734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-53463241483958746652011-07-12T21:33:23.007+05:302011-07-12T21:33:23.007+05:30तुम वृक्ष नहीं
मात्र एक शाखा हो
पर अपने अहम् के सा...तुम वृक्ष नहीं<br />मात्र एक शाखा हो<br />पर अपने अहम् के साथ तुम<br />पूरे वृक्ष की जगह ले रहे हो ...<br /><br />Bahut gahri baat kahi hai aapne.. Aapse hum aur aapke fans aisi hi utkrisht rachnaon ki hi ummeed karte hain... Bahut - bahut badhai..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14112100275262110119noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-21497362098919974642011-07-12T19:46:09.043+05:302011-07-12T19:46:09.043+05:30बहुत अच्छा संदेश देती सुंदर रचना,
आभार,
विवेक जैन...बहुत अच्छा संदेश देती सुंदर रचना,<br />आभार,<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-23288053714431131182011-07-12T19:16:01.471+05:302011-07-12T19:16:01.471+05:30ज्ञानचक्षु खोल दिये आपने, अब समय निकालते हैं।ज्ञानचक्षु खोल दिये आपने, अब समय निकालते हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-81105197712939677592011-07-12T09:03:07.547+05:302011-07-12T09:03:07.547+05:30अति सुंदर प्रस्तुति, समय के पास इतना समय कहाँ, आपक...अति सुंदर प्रस्तुति, समय के पास इतना समय कहाँ, आपको ही समय के साथ, अपने आप को ढालना होगा. घड़ी की सूइयों के साथ अपने पाँवों को बांध कर चलना होगा .<br />धन्यवाद .<br />आनन्द विश्वासआनन्द विश्वासhttps://www.blogger.com/profile/02666085499584633090noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-28403252808626160532011-07-12T05:39:29.563+05:302011-07-12T05:39:29.563+05:30बहुत ही सुन्दर कविता रश्मि जी बहुत बहुत बधाई |बहुत ही सुन्दर कविता रश्मि जी बहुत बहुत बधाई |जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-90343087260807695392011-07-11T23:16:20.160+05:302011-07-11T23:16:20.160+05:30अद्भ्द कविता है यह....अद्भ्द कविता है यह....कुमार पलाशhttps://www.blogger.com/profile/04395975925949663661noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-76810718417625847212011-07-11T22:02:27.710+05:302011-07-11T22:02:27.710+05:30खूबसूरत शब्दों से सजी हुई सुन्दर रचना!खूबसूरत शब्दों से सजी हुई सुन्दर रचना!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-5008689329817679982011-07-11T21:53:12.838+05:302011-07-11T21:53:12.838+05:30हम कहते हैं हमारा वक़्त हमारा नहीं होता । न ख़ुद ...हम कहते हैं हमारा वक़्त हमारा नहीं होता । न ख़ुद के लिए वक़्त न औरों के लिए; आखिर कहाँ जाया हो रहा है ये । एक दौड़ में अंधे हम दुनियावालों की प्राथमिकताएँ ही अलग हो गई हैं । विचारोत्तेजक कविता ।रजनीश तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/10545458923376138675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-33539265973370838292011-07-11T20:02:44.252+05:302011-07-11T20:02:44.252+05:30खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो
और उससे परे खुद को...खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो<br />और उससे परे खुद को ....<br /><br />बस यही तो नहीं हो पता <br /><br />बहुत सुन्दरshephalihttps://www.blogger.com/profile/03123040839678404254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-40759372254914030462011-07-11T13:38:39.722+05:302011-07-11T13:38:39.722+05:30तुम धीरे धीरे सूखते जा रहे हो
'कड़ाक' से ट...तुम धीरे धीरे सूखते जा रहे हो<br />'कड़ाक' से टूट जाओ<br />उससे पहले - वक़्त निकालो <br /><br />ज़िन्दगी की सच्चाईयो से मिलवा दिया।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-7108983201966561672011-07-11T13:18:47.717+05:302011-07-11T13:18:47.717+05:30खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो
और उससे परे खुद को...खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो<br />और उससे परे खुद को ....<br /><br />अद्भुत....काश हम ऐसा कर पायें...अगर ऐसा करते हैं तो ज़िन्दगी के अधिकाँश दुखों से निजात पा लेंगें...इस प्रेरक रचना के लिए आप की जितनी प्रशंशा की जाए कम होगी...नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-1190678082029676852011-07-11T13:05:29.222+05:302011-07-11T13:05:29.222+05:30सोलह आने सच्ची और खरी बात ! सुंदर प्रस्तुति के लिय...सोलह आने सच्ची और खरी बात ! सुंदर प्रस्तुति के लिये आभार!Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-20185402919029163032011-07-11T12:34:18.062+05:302011-07-11T12:34:18.062+05:30खूबसूरत कविता बेहतरीन प्रस्तुती.खूबसूरत कविता बेहतरीन प्रस्तुती.smshindi By Sonuhttps://www.blogger.com/profile/02157490730225902218noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-86381268750318931102011-07-11T11:35:38.653+05:302011-07-11T11:35:38.653+05:30वक़्त की अहमियत ..और रिश्तो में प्यार का एहसास
को...वक़्त की अहमियत ..और रिश्तो में प्यार का एहसास <br />को बखूबी लिखा है आपने दीदी ...<br />वक़्त का एहसास...<br />वक्त निकालो ...........बहुत खूब <br />हर बार की तरह ये रचना भी अद्दभुतAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-73371859359081372092011-07-11T10:50:41.893+05:302011-07-11T10:50:41.893+05:30खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो
और उससे परे खुद को...खूंटी पर टंगे अपने अहम् को देखो<br />और उससे परे खुद को ....<br />तुम वृक्ष नहीं<br />मात्र एक शाखा हो<br />पर अपने अहम् के साथ तुम<br />पूरे वृक्ष की जगह ले रहे हो ...<br />तुम धीरे धीरे सूखते जा रहे हो<br />'कड़ाक' से टूट जाओ<br />उससे पहले - वक़्त निकालो <br /><br />Wah di....<br />na jane kya-2 kah diya in paktiyo ne.<br />Badhai apko.Ravi Rajbharhttps://www.blogger.com/profile/16224660000339492496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-91200635459840051452011-07-11T10:31:19.748+05:302011-07-11T10:31:19.748+05:30तुम वृक्ष नहीं
मात्र एक शाखा हो
पर अपने अहम् के सा...तुम वृक्ष नहीं<br />मात्र एक शाखा हो<br />पर अपने अहम् के साथ तुम<br />पूरे वृक्ष की जगह ले रहे हो ... <br /><br />बहुत ही सही कहा है आपने इन पंक्तियों में सशक्त रचना ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-2207905399076588582011-07-11T10:18:39.423+05:302011-07-11T10:18:39.423+05:30आद. दी,
सादर नमस्कार...
कुछ दिन से बाहर था... आते...आद. दी, <br />सादर नमस्कार...<br />कुछ दिन से बाहर था... आते ही ऐसी सार्थक रचना पढने को मिली..... सचमुच सभी के मनन योग्य <br />सादर...S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-57215176327176671162011-07-11T09:53:17.589+05:302011-07-11T09:53:17.589+05:30खूबसूरत अभिव्यक्ति...बधाई !!
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शब्द...खूबसूरत अभिव्यक्ति...बधाई !!<br /><br />_______________<br />शब्द-शिखर / विश्व जनसंख्या दिवस : बेटियों की टूटती 'आस्था'Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.com