tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post9125869602636524682..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: तलाश क्या हैरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger23125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-5703822055149518912012-05-31T20:08:26.483+05:302012-05-31T20:08:26.483+05:30ये तलाश ही तो जीवन का धय मात्र हैंये तलाश ही तो जीवन का धय मात्र हैंAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-67900444940420538772012-05-26T23:56:01.397+05:302012-05-26T23:56:01.397+05:30"सबकुछ महज एक अनुमान है
और अनुमान से तलाश कहा..."सबकुछ महज एक अनुमान है<br />और अनुमान से तलाश कहाँ संभव है!"<br /><br />जब महान वैज्ञानिक श्रोदिन्जेर ने कुछ ऐसा कहा था.. तो आइन्स्टाइन का जवाब था.. 'God doesn't play dice'. आइन्स्टाइन ग़लत थे... सबकुछ महज़ एक अनुमान है.. (everything is probabilistic )... विडंबना तो ये है.. कि हम न तो सृष्टि के ओर-छोर जानते हैं, ना आरभ और अंत!.. बस तलाश ही है!!Madhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-40501263674135791362012-05-26T14:18:26.035+05:302012-05-26T14:18:26.035+05:30तलाश है तो उसका अंत भी कहीं तो होगा ही...उससे पूर्...तलाश है तो उसका अंत भी कहीं तो होगा ही...उससे पूर्व कोई निर्णय लेना ठीक नहीं है...बहुत गहरे प्रश्न उठाती रचना !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-22668123714640766792012-05-26T12:48:40.337+05:302012-05-26T12:48:40.337+05:30prashno me hi chipi hai talash ki tlash .ati sunda...prashno me hi chipi hai talash ki tlash .ati sundar .<br />ha ham bhi brahmand ke hi ansh hai.शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-64806545361296022172012-05-26T12:24:36.973+05:302012-05-26T12:24:36.973+05:30दार्शनिक सोच से परिपूर्ण अपने अस्तित्व की तलाश सच ...दार्शनिक सोच से परिपूर्ण अपने अस्तित्व की तलाश सच कहा हम सब को ही माध्यम बनाया है उसने हर प्रश्न का उत्तर तलाशने के लिए ,अप्रतिम रचना ...बहुत खूबRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-22079811770259926522012-05-26T12:14:44.278+05:302012-05-26T12:14:44.278+05:30सत्य मिले यह आशा है.. सुंदर साहित्य..
आभार!!सत्य मिले यह आशा है.. सुंदर साहित्य..<br />आभार!!Brijendra Singhhttps://www.blogger.com/profile/16107359382179708026noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-72254591894185668132012-05-26T08:03:51.559+05:302012-05-26T08:03:51.559+05:30भरपूर दार्शनिकता ... थोडा ठहरना होगा !भरपूर दार्शनिकता ... थोडा ठहरना होगा !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-43783285529921270032012-05-25T20:45:14.293+05:302012-05-25T20:45:14.293+05:30सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति...बहुत बहुत बधाई...प्रसन्नवदन चतुर्वेदी 'अनघ' https://www.blogger.com/profile/03784076664306549913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-48065606001241425232012-05-25T19:06:17.086+05:302012-05-25T19:06:17.086+05:30खुद की तलाश में एक गहन अभियक्ति... बहुत सारे प्रशन...खुद की तलाश में एक गहन अभियक्ति... बहुत सारे प्रशनो को उभारती है.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-31154123556468897202012-05-25T19:06:16.546+05:302012-05-25T19:06:16.546+05:30खुद की तलाश में एक गहन अभियक्ति... बहुत सारे प्रशन...खुद की तलाश में एक गहन अभियक्ति... बहुत सारे प्रशनो को उभारती है.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-85069567017277854592012-05-25T15:58:22.702+05:302012-05-25T15:58:22.702+05:30गूढ़ सत्य को प्रकाशित करती अद्भुत रचना दी...
कणकण...गूढ़ सत्य को प्रकाशित करती अद्भुत रचना दी... <br /><b>कणकण में हूँ खुद बसा, खुद को करूँ तलाश। <br />नदिया व्याकुल बह रही, बुझे न उसकी प्यास॥</b><br /><br />सादर नमन.S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-50509029408389014812012-05-25T15:51:47.120+05:302012-05-25T15:51:47.120+05:30कमजोरी यदि तलाश के रास्ते अवरुद्ध करती है
तो ईश्वर...कमजोरी यदि तलाश के रास्ते अवरुद्ध करती है<br />तो ईश्वर भी कमज़ोर रहा है<br />स्नेह और भक्ति के आगे<br />गलत वरदान देता रहा है ...<br />गलत को सही करने में<br />उसके पैरों तले भी पृथ्वी डोली है<br /><br />....बहुत गहन अर्थ संजोये उत्कृष्ट प्रस्तुति...आपकी रचनायें इतने गहन भावों में डुबो देती हैं कि उन पर कुछ कहने को शब्द भी गुम हो जाते हैं...आभारKailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-64519808802316774382012-05-25T15:14:58.789+05:302012-05-25T15:14:58.789+05:30गहन प्रश्न है....ये विशाल परिधि मुझमे ही गतिशील है...गहन प्रश्न है....ये विशाल परिधि मुझमे ही गतिशील है और मैं ही तो ये विशाल परिधि हूँ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-18444052560633683902012-05-25T14:47:03.309+05:302012-05-25T14:47:03.309+05:30दार्शनिकता को छूती हुई है आज की कविता..दार्शनिकता को छूती हुई है आज की कविता..shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-15608891695618676962012-05-25T14:17:10.715+05:302012-05-25T14:17:10.715+05:30तलाश तो जीवन में हर किसी को है ...बस ऑब्जेक्ट, वजह...तलाश तो जीवन में हर किसी को है ...बस ऑब्जेक्ट, वजह और तरीके भिन्न हैं .....और शायद अवधि भी ...Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-26258883606285811102012-05-25T14:09:16.577+05:302012-05-25T14:09:16.577+05:30बहुत सुंदर भाव
कमजोरी यदि तलाश के रास्ते अवरुद्ध ...बहुत सुंदर भाव<br /><br />कमजोरी यदि तलाश के रास्ते अवरुद्ध करती है<br />तो ईश्वर भी कमज़ोर रहा है<br />स्नेह और भक्ति के आगे<br />गलत वरदान देता रहा है ...<br />गलत को सही करने में<br />उसके पैरों तले भी पृथ्वी डोली है<br />महारथी देवों ने भी त्राहिमाम के रट लगाए हैं<br /><br /><br />क्या कहने..महेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-6225097913852224622012-05-25T12:24:50.401+05:302012-05-25T12:24:50.401+05:30दीदी,
बहुत ही गहरे अर्थ छिपे हैं इस कविता में, गहन...दीदी,<br />बहुत ही गहरे अर्थ छिपे हैं इस कविता में, गहन प्रश्न और उनकी व्याख्या.. आप कवयित्री से दार्शनिक होती जा रही हैं!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-79520173198731972722012-05-25T11:51:56.458+05:302012-05-25T11:51:56.458+05:30पूर्णता की तलाश...तलाश के सबके मायने अलग अलग हैं....पूर्णता की तलाश...तलाश के सबके मायने अलग अलग हैं...जो तलाश संतुष्टि दे सके...वही प्रमुख है.ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-60346553675862345452012-05-25T11:51:04.884+05:302012-05-25T11:51:04.884+05:30क्या मैं यानि तुम यानि हम
ब्रह्मांड हैं
और तलाश ...क्या मैं यानि तुम यानि हम <br />ब्रह्मांड हैं <br />और तलाश है इसे पूर्णतया पाने की ?<br />कल क्रमश: नहीं हो कर अल्पविराम था ....<br /><br />आज तो *खुद की तलाश*की भूमिका नज़र आ रही है .... !!<br />अद्धभुत भावो की अनुपम अभिव्यक्ति.... :)विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-33560158135915469762012-05-25T11:14:57.699+05:302012-05-25T11:14:57.699+05:30अनुपम कृति.....खोज पूर्णतया पाने की..सुन्दरअनुपम कृति.....खोज पूर्णतया पाने की..सुन्दरMaheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-21051704787276984592012-05-25T10:56:06.333+05:302012-05-25T10:56:06.333+05:30और ....
क्या मैं यानि तुम यानि हम
ब्रह्मांड हैं
और...और ....<br />क्या मैं यानि तुम यानि हम<br />ब्रह्मांड हैं<br />और तलाश है इसे पूर्णतया पाने की ?<br /><br />बहुत भाव पुर्ण अभिव्यक्ति,के लिये आभार <br /><br />MY RECENT POST,,,,,<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/05/blog-post_23.html" rel="nofollow">काव्यान्जलि,,,,,सुनहरा कल,,,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-18527785365089386052012-05-25T10:20:01.869+05:302012-05-25T10:20:01.869+05:30सूक्ष्म प्रभुत्व के कणों ने
मुझे तलाश का माध्यम बन...सूक्ष्म प्रभुत्व के कणों ने<br />मुझे तलाश का माध्यम बनाया है !<br />और ....<br />क्या मैं यानि तुम यानि हम<br />ब्रह्मांड हैं<br />और तलाश है इसे पूर्णतया पाने की ?<br />शायद ही कभी किसी ने इतने निष्पक्ष भावों की हो तलाश ... आभार उत्कृष्ट अभिव्यक्ति के लिएसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-807636314498655892012-05-25T10:03:46.464+05:302012-05-25T10:03:46.464+05:30जी हाँ मैं यानि तुम यानि हम
ब्रह्मांड हैं
और तलाश ...जी हाँ मैं यानि तुम यानि हम<br />ब्रह्मांड हैं<br />और तलाश है इसे पूर्णतया पाने की <br />क्योंकि यही तलाश हमारी मुक्ति है...<br />गहन भाव... आभारसंध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.com