tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post182356015410157108..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: लोग बदल गए हैंरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-56469296853147553802023-02-05T23:40:57.643+05:302023-02-05T23:40:57.643+05:30परम्पराओं का अर्थ समझना और समझना ही तो आजकल कम हो ...परम्पराओं का अर्थ समझना और समझना ही तो आजकल कम हो गया है। Pallavi saxenahttps://www.blogger.com/profile/10807975062526815633noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-30577242792798376992023-01-31T12:47:38.563+05:302023-01-31T12:47:38.563+05:30बहुत सुंदर प्रस्तुतिबहुत सुंदर प्रस्तुतिOnkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-2076633668122943842023-01-31T11:46:41.797+05:302023-01-31T11:46:41.797+05:30चिड़ियों के माध्यम से आपने बदलाव की त्रासदी बताने क...चिड़ियों के माध्यम से आपने बदलाव की त्रासदी बताने का प्रयास किया, धन्यवाद।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-73222324332883062612023-01-30T17:01:20.704+05:302023-01-30T17:01:20.704+05:30आदरणीया रश्मि प्रभा जी ! प्रणाम !
बदलाव का नशा जो ...आदरणीया रश्मि प्रभा जी ! प्रणाम !<br />बदलाव का नशा जो चढ़ा मनुष्यों पर<br />आंगन गुम हो गया,<br />पिछड़ती मनुष्यता की दुखती रग पर हाथ धरा आपने , इसका हल भी ढूंढिए अब<br />सार्थक सृजन के लिए<br />अभिनन्दन !<br />जय भारत ! जय भारती !Tarun / तरुण / தருண் https://www.blogger.com/profile/13383539658535803715noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-46762173306161652392023-01-30T16:15:10.598+05:302023-01-30T16:15:10.598+05:30सही कहा लोग बदल गये हैं लोग ही क्या पूरा जमाना बदल...सही कहा लोग बदल गये हैं लोग ही क्या पूरा जमाना बदल गया है<br />चिड़िया और चिड़े के माध्यम से आज की सच्चाई को बहुत ही खूबसूरती से गड़ा है आपने ।<br />लाजवाब सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-85694076253951712572023-01-30T11:54:37.051+05:302023-01-30T11:54:37.051+05:30जीवन के यथार्थ सत्य को बेहतरीन तरीके से शब्दों में...जीवन के यथार्थ सत्य को बेहतरीन तरीके से शब्दों में बयां कर दिया। मार्मिक रचना!!Rupa Singhhttps://www.blogger.com/profile/01854409611932530170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-37611259231609288922023-01-30T08:37:32.359+05:302023-01-30T08:37:32.359+05:30चिड़ियों के माध्यम से आज के जीवन का कटु यथार्थ दिख...चिड़ियों के माध्यम से आज के जीवन का कटु यथार्थ दिखाती हृदयस्पर्शी रचना।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-44666204857424426032023-01-29T11:44:30.739+05:302023-01-29T11:44:30.739+05:30मार्मिक रचना ! बदलना समय की माँग है शायद, लोगों की...मार्मिक रचना ! बदलना समय की माँग है शायद, लोगों की भीड़ नज़र आती है अब आँगन के लिए शहरों में जगह ही कहाँ शेष है Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com