tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post2864136358514341926..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: माँ और बच्चेरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-41945238507543425842012-06-08T15:27:31.670+05:302012-06-08T15:27:31.670+05:30बेहद मार्मिक और शानदार पोस्ट।बेहद मार्मिक और शानदार पोस्ट।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-46981303045468200182012-06-04T12:42:24.723+05:302012-06-04T12:42:24.723+05:30बहुत सुन्दर.
यह अवस्था मैंने अपनी नानी माँ में दे...बहुत सुन्दर.<br /><br />यह अवस्था मैंने अपनी नानी माँ में देखी है. समझ नहीं अता की कैसे क्या करें??Vinamrahttps://www.blogger.com/profile/16598610032008691216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-66388521602745872092012-06-03T13:55:48.315+05:302012-06-03T13:55:48.315+05:30aaj to bhavnaon ka jaise pitara khul gaya......sab...aaj to bhavnaon ka jaise pitara khul gaya......sab kuch bheega sa.....mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-25680494458612766502012-06-03T10:02:36.454+05:302012-06-03T10:02:36.454+05:30कहते हैं ,"ईश्वर सब जगह नहीं हो सकते थे ,इसलि...कहते हैं ,"ईश्वर सब जगह नहीं हो सकते थे ,इसलिए उन्होंने माँ का स्वरूप बना दिया |"<br /><br />" there is only one most beautiful child in the world and every mother has one."amit kumar srivastavahttps://www.blogger.com/profile/10782338665454125720noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-88520606597434201872012-06-02T20:26:48.095+05:302012-06-02T20:26:48.095+05:30वक्त और बेबसी ...दो ही बाते हैं जो हर रिश्ते के आड़...वक्त और बेबसी ...दो ही बाते हैं जो हर रिश्ते के आड़े आ जाती हैं ......बहुत ही खूबसूरती से आपने रिश्तों को लिख डाला ...Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-23087098004201460122012-06-02T20:21:18.679+05:302012-06-02T20:21:18.679+05:30खामोश वक़्त में माँ सोचती है -
मैं बोझ हो गई
बच्चे...खामोश वक़्त में माँ सोचती है -<br />मैं बोझ हो गई<br />बच्चे सोचते हैं<br />कैसे माँ के लिए माँ बन जाएँ ....<br />पर ख़ामोशी आपस में नहीं मिलती<br />तो अनकहे अनसुलझे भाव<br />दोनों की आँखों से बेबस टपकते रहते हैं ........kash! ye har baccha soche le apni maa ke liye...विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-91820780991575565362012-06-02T17:16:06.039+05:302012-06-02T17:16:06.039+05:30अद्भुत रिश्ता... अद्भुत रचना दी....
सादरअद्भुत रिश्ता... अद्भुत रचना दी.... <br />सादरS.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-7246014232383400292012-06-02T16:22:27.329+05:302012-06-02T16:22:27.329+05:30मां फिर भी मां होती है...मां फिर भी मां होती है...डा. गायत्री गुप्ता 'गुंजन'https://www.blogger.com/profile/04502207807795556896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-48146596932323697162012-06-02T16:21:40.973+05:302012-06-02T16:21:40.973+05:30मां फिर भी मां होती है...मां फिर भी मां होती है...डा. गायत्री गुप्ता 'गुंजन'https://www.blogger.com/profile/04502207807795556896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-78396686752723084652012-06-02T16:20:56.885+05:302012-06-02T16:20:56.885+05:30मां फिर भी मां होती है...मां फिर भी मां होती है...डा. गायत्री गुप्ता 'गुंजन'https://www.blogger.com/profile/04502207807795556896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-62557744745740614342012-06-02T16:12:13.294+05:302012-06-02T16:12:13.294+05:30मोह से मुक्ति केवल कहानी नहीं...मोह से मुक्ति केवल कहानी नहीं...Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-13062592520513896362012-06-02T15:52:14.426+05:302012-06-02T15:52:14.426+05:30काश वो भी दिन आ जाएँ
जब बच्चे सोचें
कैसे माँ के ...काश वो भी दिन आ जाएँ <br />जब बच्चे सोचें <br />कैसे माँ के लिए माँ बन जाएँ ....संध्या शर्माhttps://www.blogger.com/profile/06398860525249236121noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-30999202911340885352012-06-02T15:18:05.039+05:302012-06-02T15:18:05.039+05:30रश्मि जी ये रिश्ता ही ऐसा होता है कई बार अनकहे अन...रश्मि जी ये रिश्ता ही ऐसा होता है कई बार अनकहे अनसुलझे अहसास आँखो से टपक ही पड़ते है..खुबसूरत अभिव्यक्ति..Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-36583377624230488502012-06-02T13:45:21.233+05:302012-06-02T13:45:21.233+05:30खामोश वक़्त में माँ सोचती है -
मैं बोझ हो गई
बच्चे...खामोश वक़्त में माँ सोचती है -<br />मैं बोझ हो गई<br />बच्चे सोचते हैं<br />कैसे माँ के लिए माँ बन जाएँ ....<br />पर ख़ामोशी आपस में नहीं मिलती<br />तो अनकहे अनसुलझे भाव<br />दोनों की आँखों से बेबस टपकते रहते हैं ........<br /><br /><br />बहुत संवेदनशील .... दोनों ही अपनी परिस्थिति पर अपने अपने हिसाब से सोचते हैं ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-76604667480953454592012-06-02T13:14:14.029+05:302012-06-02T13:14:14.029+05:30अब तो बच्चे थकने लगे हैं
माँ की ऊँगली थामे सोचते ह...अब तो बच्चे थकने लगे हैं<br />माँ की ऊँगली थामे सोचते हैं<br />यदि हमें कुछ हो गया तो माँ का क्या होगा !<br /><br />जो कभी माँ सोचा करती थी वह अब बच्चे सोचने लगे माँ के लिए...शायद यही समय परिवर्तन है.<br />इसे आत्मसात करने में बहुत तकलीफ महसूस होती है...सच तो स्वीकारना ही होता है|ऋता शेखर 'मधु'https://www.blogger.com/profile/00472342261746574536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-41129362150334790312012-06-02T13:00:53.106+05:302012-06-02T13:00:53.106+05:30एक माँ की खामोश व्यथा,जो उसे उदास कर देती है,,,,
...एक माँ की खामोश व्यथा,जो उसे उदास कर देती है,,,,<br /><br />RESENT POST ,,,, <a href="http://dheerendra21.blogspot.in/2012/05/blog-post_31.html#comment-form" rel="nofollow">फुहार....: प्यार हो गया है ,,,,,,</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-16041991890722129682012-06-02T12:54:43.922+05:302012-06-02T12:54:43.922+05:30रश्मिजी ...इस बेचारगी और विवशता को आपने बहुत ही मर...रश्मिजी ...इस बेचारगी और विवशता को आपने बहुत ही मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति दी है .....दोनों ही रिश्ते अपनी अपनी जगह मजबूर हैं......Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-59343101548134725422012-06-02T12:54:03.611+05:302012-06-02T12:54:03.611+05:30अक्सर ऐसा ही होता है ...बात कुछ नहीं होती ...फिर भ...अक्सर ऐसा ही होता है ...बात कुछ नहीं होती ...फिर भी रोने को जी करता है ...हर शै ज़माने की यूहीं उदास सी लगती है ....रिस्ते पानीसे आंसू का गुमान होता है ....Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-69692442183934592132012-06-02T11:08:41.519+05:302012-06-02T11:08:41.519+05:30खामोश वक़्त में माँ सोचती है -
मैं बोझ हो गई
बच्च...खामोश वक़्त में माँ सोचती है -<br />मैं बोझ हो गई <br />बच्चे सोचते हैं <br />कैसे माँ के लिए माँ बन जाएँ ....<br />पर ख़ामोशी आपस में नहीं मिलती <br />तो अनकहे अनसुलझे भाव <br />दोनों की आँखों से बेबस टपकते रहते हैं ........<br />..................................... मेरी ख़ामोशी आप समझें !!विभा रानी श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/01333560127111489111noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-41849973341882678832012-06-02T10:37:01.781+05:302012-06-02T10:37:01.781+05:30यह एक ऐसी विवशता है जिसका चक्र उल्टी दिशा में चलता...यह एक ऐसी विवशता है जिसका चक्र उल्टी दिशा में चलता रहता है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-82646246393959376852012-06-02T10:19:40.663+05:302012-06-02T10:19:40.663+05:30खामोश वक़्त में माँ सोचती है -
मैं बोझ हो गई
बच्चे...खामोश वक़्त में माँ सोचती है -<br />मैं बोझ हो गई<br />बच्चे सोचते हैं<br />कैसे माँ के लिए माँ बन जाएँ ...<br />बस दोनो तरफ एक बेबसी है ..गहन भाव लिए मन को छूती हुई प्रस्तुति...आभारसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-81024617339535202242012-06-02T09:52:56.342+05:302012-06-02T09:52:56.342+05:30संसार के सबसे पवित्र रिश्ते पर, एक भावपूर्ण रचना!!...संसार के सबसे पवित्र रिश्ते पर, एक भावपूर्ण रचना!! मन में उतारने योग्य!! आभार दीदी!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-32254600238666289472012-06-02T09:11:14.769+05:302012-06-02T09:11:14.769+05:30एक दूसरे के लिये कुछ कर जाने के भाव से अनुप्राणित....एक दूसरे के लिये कुछ कर जाने के भाव से अनुप्राणित..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-51011241071764678632012-06-02T08:42:22.078+05:302012-06-02T08:42:22.078+05:30खामोश वक़्त में माँ सोचती है -
मैं बोझ हो गई
बच्चे...खामोश वक़्त में माँ सोचती है -<br />मैं बोझ हो गई<br />बच्चे सोचते हैं<br />कैसे माँ के लिए माँ बन जाएँ ....<br />पर ख़ामोशी आपस में नहीं मिलती<br />तो अनकहे अनसुलझे भाव<br />दोनों की आँखों से बेबस टपकते रहते हैं .....<br />बेबस माता- पिता को देखना और कुछ कह नहीं पाना , आपकी कविता कितना कुछ कह जाती है!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-33607017812025732972012-06-02T05:44:10.943+05:302012-06-02T05:44:10.943+05:30मर्मस्पर्शी| किसी का भी वार्धक्य बेबसी और विवशता क...मर्मस्पर्शी| किसी का भी वार्धक्य बेबसी और विवशता का ग्रास न हो... स्वयं से फलीभूत वृक्ष की छाँव हो.. स्नेह हो, शान्ति हो... चिर निद्रा से पहले...<br /><br /><br />सादरMadhureshhttps://www.blogger.com/profile/03058083203178649339noreply@blogger.com