tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post3863876056057912991..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: आम और खास से परे - सच कहा न ?रश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-59432615096396061502014-05-17T17:49:41.881+05:302014-05-17T17:49:41.881+05:30जीवन यात्रा की बड़ी ही सुंदर और गहन अभिव्यक्ति करत...जीवन यात्रा की बड़ी ही सुंदर और गहन अभिव्यक्ति करती रचना।।।Ankur Jainhttps://www.blogger.com/profile/17611511124042901695noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-9052990385175159492014-05-17T14:46:21.954+05:302014-05-17T14:46:21.954+05:30आम और खास का अंतर ही मनुष्य को चलाये रखता है...अपू...आम और खास का अंतर ही मनुष्य को चलाये रखता है...अपूर्णता से परिपूर्णता की ओर...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-43239177320848123392014-05-15T16:41:12.197+05:302014-05-15T16:41:12.197+05:30पर शायद जीवन की पूर्णता इसी अपूर्णता में है .... य...पर शायद जीवन की पूर्णता इसी अपूर्णता में है .... ये अंतिम पंक्ति ही नही पूरी रचना अक्षरश: मन में उतरती चली गई, आपका लेखन नि:संदेह हर बार की तरह इस बार भी नि:शब्द कर गया .... सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-8917578254422050192014-05-15T11:09:32.570+05:302014-05-15T11:09:32.570+05:30खूबसूरत भावों से भरी रचना...खूबसूरत भावों से भरी रचना...लोकेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08323684688206959895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-54290822816330833202014-05-14T18:49:16.886+05:302014-05-14T18:49:16.886+05:30बहुत गहन चिन्तनबहुत गहन चिन्तनMaheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-33417447703451077752014-05-13T16:20:34.515+05:302014-05-13T16:20:34.515+05:30एहसासों की चाक पर उन्हें आकृति दी है
… जो पूर्ण नह...एहसासों की चाक पर उन्हें आकृति दी है<br />… जो पूर्ण नहीं होते<br />कोई न कोई हिस्सा टेढ़ा रह जाता है<br />या दरका हुआ<br />पर शायद जीवन की पूर्णता इसी अपूर्णता में है<br />क्यूँ ? सच कहा न ?<br />… सच इसी अपूर्णता के लिये जीव ताउम्र चलता-रहता है <br />बहुत सुन्दर गंभीर चिन्तन कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-81245429927338679312014-05-13T15:02:11.483+05:302014-05-13T15:02:11.483+05:30nishabd hun padh kar...sach ek ek baat sochne par ...nishabd hun padh kar...sach ek ek baat sochne par majboor kar deti hai....Rewa Tibrewalhttps://www.blogger.com/profile/06289019678581015004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-18402439124911622472014-05-13T09:59:57.982+05:302014-05-13T09:59:57.982+05:30गहन ....जीवन सार इसी अपूर्णता भरी पूर्णता को समझन...गहन ....जीवन सार इसी अपूर्णता भरी पूर्णता को समझना है डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-11790934468793664102014-05-13T08:30:22.169+05:302014-05-13T08:30:22.169+05:30एकदम सौ फीसदी सच कहा आपने.. जिसका कायल हम सब हैं.....एकदम सौ फीसदी सच कहा आपने.. जिसका कायल हम सब हैं..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-50188131334513781162014-05-13T05:10:04.762+05:302014-05-13T05:10:04.762+05:30अपूर्णता ही प्रेम की पूर्णता है क्यूंकि अपूर्णता म...अपूर्णता ही प्रेम की पूर्णता है क्यूंकि अपूर्णता में ही प्रेम जीवित है। खो जाये तो सोना है वाली बात।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-56909115172745281262014-05-12T19:50:40.318+05:302014-05-12T19:50:40.318+05:30प्रेम का दायरा है एक … और प्रेम अनंत भी या यूँ कह...प्रेम का दायरा है एक … और प्रेम अनंत भी या यूँ कहें कि जीवन हर दृष्टिकोण का स्वागत करता है निर्भर होता है कि व्यक्ति जीवन से क्या चाहता है और उससे भी अधिक क्या चुनता है ... <br />आपके विचारों की गहनता तक पूरी तरह पहुँच पाना आसान नहीं पर कोशिश करती रहूँगी <br />सादर Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/15421768457680984416noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-81733289163688948262014-05-12T19:01:26.988+05:302014-05-12T19:01:26.988+05:30आम और ख़ास, प्रेम - नश्वर अनश्वर, सफलता असफलता.. पू...आम और ख़ास, प्रेम - नश्वर अनश्वर, सफलता असफलता.. पूरा जीवन ही द्वन्द्व है... सिक्के के दो पहलू सा. एक समय में एक ही दिखाई देता है.. इसीलिए हर देखने वाला अपने दृष्टिकोण से देखता है और उसे ही सच मानता है!!<br />आपके देखने का अन्दाज़ हमेशा से चमत्कृत करता है और उससे भी अधिक उसका विश्लेषण!! चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-89928374281390230102014-05-12T17:59:16.871+05:302014-05-12T17:59:16.871+05:30अपूर्णता में ही पूर्णता समाहित है सच कहा क्योंकि प...अपूर्णता में ही पूर्णता समाहित है सच कहा क्योंकि प्रेम की भी अपूर्णता में ही पूर्णता समाहित होती हैvandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-83159038434428836802014-05-12T16:40:48.596+05:302014-05-12T16:40:48.596+05:30अंतर्द्वंद कि अनकही अपूर्णता को पुर्ण करने के लिय...अंतर्द्वंद कि अनकही अपूर्णता को पुर्ण करने के लिये भटकते शब्द .....<br />कौशल लालhttps://www.blogger.com/profile/04966246244750355871noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-46651340736521694332014-05-12T15:51:25.139+05:302014-05-12T15:51:25.139+05:30विश्वास हो तो भी प्रेम मर जाता है
शक हो तो भी प्रे...विश्वास हो तो भी प्रेम मर जाता है<br />शक हो तो भी प्रेम जी लेता है<br />प्रेम वक़्त का मोहताज नहीं<br />प्रेम अकेला भी सफ़र कर लेता है<br />कोई प्रेम के बाद भी प्रेम करता है<br /><br />Kitni rahasymayi hai na prem ki yah duniya jahan kuchh bhi poorn nahin lekin is adhoorepan men bhi kitani kashish hai, santvana hai aur hai sab kuchh paa lene ka bhram jo bhale hi chatka hua ho man use hi jeevanparyant kaleje se chiptaye rakhna chahta hai. gahan evam sashakt rachna ke liye sadhuvad sweekar karen Rashmiprabhaji. Sadhana Vaidhttps://www.blogger.com/profile/09242428126153386601noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-39549678815978244142014-05-12T15:31:49.981+05:302014-05-12T15:31:49.981+05:30बहुत गहन चिन्तन..पर सब कुछ कह कर भी सब अनकहा रह जा...बहुत गहन चिन्तन..पर सब कुछ कह कर भी सब अनकहा रह जाता है..Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-24048428707165956132014-05-12T15:00:47.501+05:302014-05-12T15:00:47.501+05:30हम कितना भी लिख लें , प्रेम , विश्वास , सत्य की को...हम कितना भी लिख लें , प्रेम , विश्वास , सत्य की कोई एक सार्वभौमिक परिभाषा हो नहीं सकती। ईश्वर ने बनाया ही सबको भिन्नता के साथ है , कभी प्रेम प्रतिदान ना पाकर भी जीत जाता है , कभी सहज होकर भी हारता है। <br />आपकी गहन दृष्टि हमेशा हतप्रभ करती है !!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-57760825595062505592014-05-12T14:21:41.763+05:302014-05-12T14:21:41.763+05:30सच कहा एक किताब पेपरबैक एक हार्ड बाउँड और एक फटी ...सच कहा एक किताब पेपरबैक एक हार्ड बाउँड और एक फटी बिना जिल्द । सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-38415737517198959492014-05-12T13:18:24.097+05:302014-05-12T13:18:24.097+05:30एक ऐसी किताब जिसमें सब आपका जीवन देखते हैं ... अपन...एक ऐसी किताब जिसमें सब आपका जीवन देखते हैं ... अपने जीवन की किताब खोजते हैं ... गहरी रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-53683355651982655522014-05-12T12:57:03.209+05:302014-05-12T12:57:03.209+05:30यदि जीवन में अपूर्णता न हो तो पूर्णता की और अग्रस...यदि जीवन में अपूर्णता न हो तो पूर्णता की और अग्रसर कैसे होंगे ? सटीक तथ्य ।प्रेम शक में भी जी लेता है और विश्वास में मर भी सकता है कितनी गहन बात है । शायद प्रेम बस मन की भावना है , हो सकता है जिस पर विश्वास करें उससे प्रेम न हो और जिससे प्रेम करें उस पर शक हो । मुझे तो लगता है कि जिससे प्रेम करते हैं उसी पर शक ज्यादा करते हैं और एक वक़्त ऐसा आता है कि प्रेम दम तोड़ देता है । संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com