tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post889263629858034741..comments2024-02-27T16:32:32.383+05:30Comments on मेरी भावनायें...: अकेलापन और मेरी साँसेंरश्मि प्रभा...http://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-41507724002446285772010-08-31T11:36:46.557+05:302010-08-31T11:36:46.557+05:30जंगल में भटकता मन
ख़ास फूलों की तलाश में
लहुलुहान ...जंगल में भटकता मन<br />ख़ास फूलों की तलाश में<br />लहुलुहान होता गया ...<br />समझदारी ?<br />अकेला मन <br />बहुत गहरी अभिव्यक्ति, शुभकामनाएं!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-13852910233475755702010-08-19T15:02:32.545+05:302010-08-19T15:02:32.545+05:30अकेला मन किसी का साथ चाहता है
अकेला मन शंकाओं से भ...अकेला मन किसी का साथ चाहता है<br />अकेला मन शंकाओं से भयभीत होता है<br />अकेला मन शतरंज की बाज़ी खेलता है<br /><br />किसी का साथ मिलने पर भी मन अकेला नही रहता .... भीड़ में भी अक्सर सब अकेले ही रहते हैं ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-23134484408532432572010-08-15T17:30:48.251+05:302010-08-15T17:30:48.251+05:30bahut acha likha hai, aisa laga meri hi kahani ko ...bahut acha likha hai, aisa laga meri hi kahani ko kuch shabd diye gaye hain,,,,,,b'fulshephalihttps://www.blogger.com/profile/03123040839678404254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-72211871574364055282010-08-13T23:42:47.891+05:302010-08-13T23:42:47.891+05:30अकेलेपन से जन्में मनोभावों को बहुत सुन्दरता से अभि...अकेलेपन से जन्में मनोभावों को बहुत सुन्दरता से अभिव्यक्त किया है।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-89641371761217353672010-08-13T22:42:57.948+05:302010-08-13T22:42:57.948+05:30अकेला मन
कभी समझदार नहीं होता
हाँ भीड़ से अलग होता...अकेला मन<br />कभी समझदार नहीं होता<br />हाँ भीड़ से अलग होता है...<br />क्या फ़लसफ़ा बयान किया है रश्मि जी, <br />वाह..........वाह<br /><br />अकेला मन किसी का साथ चाहता है<br />अकेला मन शंकाओं से भयभीत होता है..<br />बहुत ही उम्दा रचना है ये आपकी...<br />बधाई स्वीकार करें.शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-72307514096462171862010-08-13T22:36:00.168+05:302010-08-13T22:36:00.168+05:30... भावपूर्न रचना !!!... भावपूर्न रचना !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-12076487870656632010-08-13T22:12:12.120+05:302010-08-13T22:12:12.120+05:30अकेलापन एक मानसिक अहसास है जो भीड़ में घिरे रहने ...अकेलापन एक मानसिक अहसास है जो भीड़ में घिरे रहने पर भी महसूस हो सकता है.लेकिन इस अकेलेपन के बावजूद -<br />ज़िन्दगी रूकती कहाँ है<br />क़दमों के कुछ निशान काफी होते हैं<br />जीने के लिए<br />जैसे मेरे लिए -<br />ये निशान ही मेरी साँसें हैं !hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-27090292534531033522010-08-13T20:24:29.472+05:302010-08-13T20:24:29.472+05:30पर भीड़ हो या अकेलापन
ज़िन्दगी रूकती कहाँ है
क़द...पर भीड़ हो या अकेलापन <br />ज़िन्दगी रूकती कहाँ है <br />क़दमों के कुछ निशान काफी होते हैं<br />जीने के लिए <br />जैसे मेरे लिए - <br />ये निशान ही मेरी साँसें हैं ! <br />बहुत भावपूर्ण कविता सकारात्मक अभिव्यक्ति!रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-3896577392636623852010-08-13T16:10:31.970+05:302010-08-13T16:10:31.970+05:30पर भीड़ हो या अकेलापन
ज़िन्दगी रूकती कहाँ है
क़द...पर भीड़ हो या अकेलापन <br />ज़िन्दगी रूकती कहाँ है <br />क़दमों के कुछ निशान काफी होते हैं<br />जीने के लिए <br />जैसे मेरे लिए - <br />ये निशान ही मेरी साँसें हैं ! <br /><br /><br />बहुत सुंदर प्रस्तुति।S R Bhartihttps://www.blogger.com/profile/16535000568157262183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-42134464719506115532010-08-13T15:56:56.566+05:302010-08-13T15:56:56.566+05:30पर भीड़ हो या अकेलापन
ज़िन्दगी रूकती कहाँ है
क़दमो...पर भीड़ हो या अकेलापन<br />ज़िन्दगी रूकती कहाँ है<br />क़दमों के कुछ निशान काफी होते हैं<br />जीने के लिए<br />जैसे मेरे लिए -<br />ये निशान ही मेरी साँसें हैं ! <br /><br />सही कहा………………कुछ तो सामाँ चाहिये होगा जीने के लिये तो फिर निशान क्या बुरे हैं……………जब निशान साँस बन जायें तो फिर अकेलापन और ज़िन्दगी दोनों ही कुछ तो संभल ही जाते हैं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-36475380432730781022010-08-13T14:34:03.108+05:302010-08-13T14:34:03.108+05:30अकेलेपन की परिभाषा सबके लिए अलग होती है, कोई उसी म...अकेलेपन की परिभाषा सबके लिए अलग होती है, कोई उसी में सुख और चैन खोज लेते हैं और कोई उससे घबरा कर भागना चाहते हैं लेकिन अपने को अगर पाना है तो वो अकेले में ही खोज सकते हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-75975292808515464922010-08-13T14:33:39.398+05:302010-08-13T14:33:39.398+05:30अकेलेपन की परिभाषा सबके लिए अलग होती है, कोई उसी म...अकेलेपन की परिभाषा सबके लिए अलग होती है, कोई उसी में सुख और चैन खोज लेते हैं और कोई उससे घबरा कर भागना चाहते हैं लेकिन अपने को अगर पाना है तो वो अकेले में ही खोज सकते हैं.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-74014396735393628252010-08-13T14:09:03.458+05:302010-08-13T14:09:03.458+05:30बहुत सुन्दर!!
अपने मन के अकेलेपन से जन्में मनोभाव...बहुत सुन्दर!! <br />अपने मन के अकेलेपन से जन्में मनोभावों को बहुत सुन्दरता से अभिव्यक्त किया है।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-74136222798766608462010-08-13T13:26:56.219+05:302010-08-13T13:26:56.219+05:30बहुत सुंदर रचना...बहुत सुंदर रचना...SATYAhttps://www.blogger.com/profile/17480899272176053407noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-4080736369470526572010-08-13T08:17:05.381+05:302010-08-13T08:17:05.381+05:30बहुत अच्छी प्रस्तुति।बहुत अच्छी प्रस्तुति।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-91666523646572980302010-08-13T05:40:23.142+05:302010-08-13T05:40:23.142+05:30बस, यही तो फलसफा है जिन्दगी का:
पर भीड़ हो या अके...बस, यही तो फलसफा है जिन्दगी का:<br /><br />पर भीड़ हो या अकेलापन<br />ज़िन्दगी रूकती कहाँ है<br /><br />-सुन्दर रचना!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-8708795070415836892010-08-13T04:54:19.976+05:302010-08-13T04:54:19.976+05:30भीड़ हो या अकेलापन ...जिंदगी रूकती कहाँ है ...
क़दम...भीड़ हो या अकेलापन ...जिंदगी रूकती कहाँ है ...<br />क़दमों के कुछ निशाँ काफी हैं जीने के लिए ..<br />जीने को और क्या चाहिए ...!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-22860495563887071222010-08-13T00:59:32.197+05:302010-08-13T00:59:32.197+05:30बहुत ही सुंदर रचना धन्यवादबहुत ही सुंदर रचना धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-36791949919013931582010-08-12T23:27:33.858+05:302010-08-12T23:27:33.858+05:30दुनिया के मेले में हम अकेले ही रहे,
सबने अपना गम ...दुनिया के मेले में हम अकेले ही रहे,<br /><br />सबने अपना गम हमसे कहा<br /><br />हम अपना गम किससे कहें।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-9616058378697992862010-08-12T21:48:39.852+05:302010-08-12T21:48:39.852+05:30जंगल में भटकता मन
ख़ास फूलों की तलाश में
लहुलुहान ...जंगल में भटकता मन<br />ख़ास फूलों की तलाश में<br />लहुलुहान होता गया ...<br />समझदारी ?<br />अकेला मन<br />कभी समझदार नहीं होता<br />हाँ भीड़ से अलग होता है !<br /><br /><br /><br />kaano mei kuchh bol pade, mano meri hi baat ho rahi ho...<br />jab dhyaan se suna to jana, ki baat kisi aur kee thi...<br />bas mere haalat se kuchh milti-si thi...<br />thank you mam...POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-17865414928732243172010-08-12T20:38:15.117+05:302010-08-12T20:38:15.117+05:30क़दमों के कुछ निशान काफी होते हैं
जीने के लिए
जैसे...क़दमों के कुछ निशान काफी होते हैं<br />जीने के लिए<br />जैसे मेरे लिए -<br />ये निशान ही मेरी साँसें हैं ! <br />--<br />सकारात्मक अभिव्यक्ति!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-59626890432104415032010-08-12T20:26:18.685+05:302010-08-12T20:26:18.685+05:30अकेला मन
कभी समझदार नहीं होता
हाँ भीड़ से अलग हो...अकेला मन <br />कभी समझदार नहीं होता <br />हाँ भीड़ से अलग होता है !<br />और फिर समयांतराल के बाद जो अकेला होता है उसके साथ एक भीड़ का एहसास शामिल हो जाता है शायद ....M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-35223910012361594582010-08-12T20:09:39.807+05:302010-08-12T20:09:39.807+05:30रश्मि जी,
अकेले मन की वेदना कौन समझे ख़ुद के निशाँ ...रश्मि जी,<br />अकेले मन की वेदना कौन समझे ख़ुद के निशाँ हीं बस अपने होते...<br />''<br />अकेला मन<br />कभी समझदार नहीं होता<br />हाँ भीड़ से अलग होता है !<br /><br />पर क्या सारे अकेले मन<br />एक से होते हैं?''<br /><br />बहुत गहरी अभिव्यक्ति, शुभकामनाएं!डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-17142460537245615412010-08-12T18:55:11.650+05:302010-08-12T18:55:11.650+05:30अकेले मन को उकेरती सुन्दर अभिव्यक्ति ....अकेले मन को उकेरती सुन्दर अभिव्यक्ति ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6221999038038580932.post-37483062341750603642010-08-12T18:39:21.912+05:302010-08-12T18:39:21.912+05:30अकेलेपन का वीराना बंजर मरुस्थल का एहसास दिलाता है ...अकेलेपन का वीराना बंजर मरुस्थल का एहसास दिलाता है ... बहुत बढ़िया रचना <br />mansik sannata ... naya bimbsonalhttps://www.blogger.com/profile/03825288197884855464noreply@blogger.com