यह जीवन है,
आसान लगता है,
होता नहीं ...
रोज नए सिरे से बनाना पड़ता है ।
कभी झूठ नहीं बोलोगे
तो औंधे मुंह गिरोगे
या सत्यवादी हरिश्चंद्र की तरह
बिक जाओगे
... अब चयन तुम्हारा है
सत्य के लिए बिकना चाहते हो
या सत्य के लिए युद्ध करना चाहते हो !!!
युद्ध के लिए साम,दाम,दंड अपनाना होगा
सिर्फ समर्पण भाव से
किन-किन रास्तों से गुजरना पड़ेगा
- तय नहीं हो सकता !
हाँ -
आलोचना दोनों हाल में होगी ।
एक बात की गांठ बांध लो,
राजा हरिश्चंद्र की राह अपनाओगे,
तो कहानी बनोगे
स्व के लिए युद्धरत रहोगे
तो कहानी से अधिक उदाहरण बनोगे ...!
जीवन है,
सिर्फ लहरों से काम नहीं चलता
कुछ स्थाई स्थिति बनाने की खातिर
सुनामी के कहर की भी जरूरत होती है !
... जीवन है,
बिना रोए, मुरझाए
न हंस सकते हो,
न खिल सकते हो ... ।
सुंदर सृजन! जीवन एक वरदान सा मिलता है मानव उसे अभिशाप बना लेता है
जवाब देंहटाएंसत्य है | जीवन राम का नाम है |
जवाब देंहटाएंशानदार कविता
जवाब देंहटाएंसत्य के लिए बिकना तो वर्तमान परिपेक्ष में बहुत दूर की बात है, आजकल लोग बड़ी आसानी से असत्य बोलकर सहज ही आगे बढ़ जाते, बिना किसी मलाल।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जीवन तो हर हाल जीना ही है । कहानी बनना है या उदाहरण.. तय आप ही करना है ।
जवाब देंहटाएंलाजवाब सृजन ।
जीवन को परिभाषित करती नायाब कृति ।
जवाब देंहटाएंजीवन के हर पक्ष पर प्रकाश डालती सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंवाह!खूबसूरत रचना ।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंये जीवन है इस जीवन का यही है यही है यही है रंग रूप...
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बेहतरीन अभिव्यक्ति दी।
सादर।
सच है, जीवन है तो जहर भी है और जीना है तो पीना भी जरूरी है।
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