18 सितंबर, 2019

ज़िन्दगी एक चमत्कार




दिल कर रहा है,
मन की तमाम विपरीत स्थितियों से,
खुद को अपरिचित कर लूँ,
बैठ जाऊँ किसी नदी के किनारे
और पूछूं,
मछली मछली कितना पानी ।
नदी में पैर डालकर छप छप करूँ,
कागज़ की नाव में रखकर कुछ सपने
नदी में डाल दूँ,
देखती रहूँ उसकी चाल
तबतक,जबतक वह चलने का मनोबल रखे !
डूबना तो सबको है एक दिन,
कागज़ की नाव भी डूबेगी,
पर इतना प्रबल विश्वास है
कि जिस छोर भी डूबेगी,
वहाँ सपनों को एक आधार दे जाएगी ।
जी हाँ,
ज़िन्दगी एक चमत्कार है,
रहस्यों का भंडार है,
मिलिए एकांत से
- देखिए चमत्कार,
मन की विपरीत स्थितियों को मिलेगी अनुकूलता,
...मेरा यह विश्वास न कभी डगमगाया था,
न डगमगाएगा,
खुद आजमा लीजिये,
फिर कीजिये उसे साझा,
... बिना किसी बाधा के,
यह है एक सहज रास्ता। ...

04 सितंबर, 2019

माँ माँ होती है (काल्पनिक लघु कथा)




एक बार सभी देवी देवता अपने बच्चों के साथ महादेव के घर पहुँचे । विविध पकवानों की खुशबू से पूरा कैलाश सुवासित हो उठा था । अन्नपूर्णा अपने हाथों सारे व्यंजन बना रही थी ! मिष्टान्न में खीर,रसगुल्ला,गुलाबजामुन,लड्डू... इत्यादि के साथ अति स्वादिष्ट मोदक बन रहा था ।

भोजन शुरू हुआ, सभी देवी-देवता मन से सबकुछ ग्रहण कर रहे थे । बच्चों के बीच मीठे पकवान की होड़ लगी थी, अचानक माँ पार्वती अपनी जगह से उठीं, रसोई में जाकर एक डब्बे में मोदक भरकर छुपा दिया कि कहीं खत्म न हो जाए और मेरा गन्नू उदास न हो जाये !

यह माँ की आम विशेषता है, अपने बच्चे के लिए इतनी बेईमानी हो ही जाती है ।

ख्वाबों का कुंभ

 ख्वाबों का कुंभ क्या लगा मेरे सारे ख्वाब मचल उठे हमें भी डुबकी लगानी है । मैंने कहा भी, बड़ी भीड़ होगी ख्वाबों की कहीं तुम गुम न हो जाओ, या फ...