अकेलापन..........
घंटों मुझसे बातें करता है
भावनाओं को तराशता है
जीने के लिए
मुठ्ठियों में
चंद शब्द थमा जाता है...........
शोर से अधिक एकांत का असर होता है, शोर में एकांत नहीं सुनाई देता -पर एकांत मे काल,शोर,रिश्ते,प्रेम, दुश्मनी,मित्रता, लोभ,क्रोध, बेईमानी,चालाकी … सबके अस्तित्व मुखर हो सत्य कहते हैं ! शोर में मन जिन तत्वों को अस्वीकार करता है - एकांत में स्वीकार करना ही होता है
मैंने महसूस किया है कि तुम देख रहे हो मुझे अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...
शब्दों का बेहतरीन प्रयोग एक सुंदर सूक्ष्म कविता में..बधाई..
जवाब देंहटाएंshukriyaa sir
हटाएंवाह क्या बात है। छोटी सी रचना और इतनि लाजवाब , बहुत खुब। हर एक शब्द में अर्थ निहित है। बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंthank you so much sir
हटाएंrashmi ji,
जवाब देंहटाएंye chandd shabd hi hain jo hamse baat kiya karate hain...bahut khoobsurati se aapne akelepan ko kaha hai.....badhai
हटाएंthank's a lot
rashmi ji
जवाब देंहटाएंakelapan .....
sirf 6 line jisne thma diya ...poora astitv..
aap ko badhai ----- sundar rachna ke liy.shabdo ka vishaal sagar jo hame aatm manthan ke liy karta hai majboor.......
tanhai hame bahut kuch sikha deti hai,sunder kavita uar pic bhi.
जवाब देंहटाएंakelapan jab muzmai samata hai
जवाब देंहटाएंek naya astitv samne lata hai
kabhi chuupi ki lahre to kabhi aansuo ki jhari lagata hai akelapan jab bhi muzmai samata hai
kitne bhule nam ,chehre ,shbad
khoon k ansoo rulate hai
kitne purane vakye barbas hasate hai
sannate mai wo man ki awaz spasht sunai deti hai
tab y nivi andar andar .kitne sapne bunti hai ..ek hawa k jhoke sa duniya ka rola rappa aata hai
akelepan ki duniya se hako khich k wapas lata hai
man hi man mai udas si ham jor jor se hasti hai
chand shabd hamare apne hote hai jinmai jindgi palti hai .
jinmai jindgi palti hai ................. rashmi aapki post awesome hai .hats off
सुन्दर अभिव्यक्ति है शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंsahi baat hai akelapan bhi baate karta hai...or kabhi sath nahi chhodhta....amrita pritam ji ne kahi likha tha..akelepan ka shraap jisne bhi jhela hai uske aage sazde me sir jhuk jata hai...chand shabdo me aap ne jeevan ka saar kah diya...top woman ke award ke liye congrts....hansta hua chehra achha lagta hai...alwayz b happy....
जवाब देंहटाएंbahut bahut sunadar
जवाब देंहटाएंmae svyam akela hu
i know about it
मेरी भीतर मेरे दर्दो से भींगा कया खारा जल है ,आंसू से नम हुआ समर्पण फीर किसलिए ,मै एक कण ..मरुथल सा , प्यासा,शुष्क अधर लीये ,/ घूम रहा होऊ जन्मो से ,पृथ्वी सा तन्हा , रीक्त आकाश में जैसे मानव आकार लीये ,/स्नेह पाना है तो ,जलना ही होगा ,...हाँ मै तप सकता हूँ ..फीर सदीयो तक ...प्रिये ! तेरा प्यार लीये ... (प्यार का मतलब है भक्ती} ......{किशोर कुमार खोरेंद्र }
gahan abhivyakit.........chand shabdon mein hi sab kah diya.
जवाब देंहटाएंइस अकेलेपन की शिकार आप अकेली नहीं है , अकेलापन बहुत खलता है
जवाब देंहटाएंAur wahi shabd aap hum sabke samaksh rakhti hain....akelapan kahan hai didi hum sab aapke saath hai :)
जवाब देंहटाएं.
Gaurav
घंटों बातें करने के बाद भी चंद शब्द...जाने दीजिये इस अकेलेपन को ...!!
जवाब देंहटाएंऐसा अकेलापन सब को कहा नसीब होता है | सुन्दर अभिव्यक्ति |
जवाब देंहटाएंyahi to hota hai ye na khatam hone wala silsila shabd bhi khatam nahi hone deta.
जवाब देंहटाएंacha likha hai
अद्भुत रचना रश्मि जी....वाह...कम शब्दों में इतनी गहरी बात...
जवाब देंहटाएंनीरज
रश्मिप्रभा जी,
जवाब देंहटाएंएकाकी होने को कितनी खूबसूरती से एक नई पहचान दी है इन पंक्तियों के साथ।
बहुत अच्छी, सटीक रचना।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
्रशिम जी बहुत ही सुंदर लगी आप की कविता.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
waah bahut khub......chand shabdo badi hi sunadarta se wyakt kari hai......bahut bahut aabhar
जवाब देंहटाएंमुट्ठी में बंद जो शब्द निकले हैं वो अद्वितीय हैं...
जवाब देंहटाएंAtee ,Sunder
जवाब देंहटाएंRashmi Prabha Ji,
"Akelapan" vastava mein khud ka hi ahshash karata hai.
वाह वाह वाह .......क्या बात कह दी आपने,इतने ही शब्दों में...
जवाब देंहटाएंbahut khoobsurat di
जवाब देंहटाएंtanhai !!!
dunai mei sabsee jayada faily huei hai
chand lines mei aapki abhivaykati dil ko chu gai
बहुत बढ़िया. बहुत खूब !!
जवाब देंहटाएंमैं तो आपकी उर्जा को देखकर चकित हूँ रश्मि जी ,कितना कुछ कर लेती हैं आप ! अकेलेपन से भी शब्द चुरा लिए आपने और गढ़ दी एक सार्थक रचना ! बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंआपके यह चंद शब्द - बहूत मायने रखते है अकेलेपन के लिए , क्युकी वो भी तो अकेला है आपके भावपूर्ण शब्दों बिना [:)]....तभी तो वो घंटो बाते करता है , करना चाहता है ...Ilu..!
जवाब देंहटाएंइस से अच्छा और क्या हो कि ऐसा अकेलापन नसीब हो [:)]
जवाब देंहटाएंchhoti si rachna itni jivant
जवाब देंहटाएंMummy ji.......... akelapan..... ke upar bahut hi kavita hai..... poora describe karte huye......
जवाब देंहटाएंwaaqai mein akelapan hamse baaten bhi karta hai.....
bahut behtareen....
Ati sunder , Kam shabdo mai Aap ne bahu Kuch kah Diya .......
जवाब देंहटाएंरश्मि दी ! गागर में सागर भर दिया है आपने ...इतने कम शब्दों में पूरे अकेलेपन को समेट लिया.बहुत सुंदर है.
जवाब देंहटाएंकम शब्दों में बड़ी बात ...ये सिर्फ आप ही कर सकती हैं
जवाब देंहटाएंरश्मि जी,
जवाब देंहटाएंइतने कम शब्दों में अकेलेपन को व्याख्यायित कर देना----अपने में एक बड़ा बौद्धिक मन्थन ही कहा जायेगा ।
हेमन्त कुमार
संग में भाव हों, तो अकेलापन भी महसूस नहीं होता, महसूस तो तब वो "शब्द" होते हैं जो दिल और मष्तिष्क से होते हुए कागज़ पर उतर आते हैं.............
जवाब देंहटाएंएक छोटी पर गहरे भावों से युक्त अच्छी कविता से रूबरू करवाया.
हार्दिक आभार.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
बहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंशब्द जब चुक जाते है तो मौन मुखरण हो जाता है |
Behterin kshnika....
जवाब देंहटाएंlast line was awesome !!
akelapan ko bahut kam sabdon mein bandha hai aapne. Bahut achha laga.
जवाब देंहटाएंBadhai.
Kavita Rawat, Bhopal
akelepan ko kam sabdon mein bhandhkar bahut achhi prastuti.
जवाब देंहटाएंBadhai.
Kavita Rawat
bahut sunder .......srajan akant mangta hai aur phir akant se jo prasffutit hota hai ....wo ek nai soch deta hai...aur dikhai bhi deta hai
जवाब देंहटाएंRashmiji,
जवाब देंहटाएंBahut hi kam sabdon mai aapne akele pan ki jo bayan kiya hain wo behad sachaa hain...ye akela pan kabhi dost kitarah se to kabhi dushman ki tarah hota hain bus pal pal badalna eshk ka swabhav hain...kab kyaa hojaye kaun jane...
Bahut achaa..Subhkamnayen
रश्मि जी,
जवाब देंहटाएंइतने कम शब्दों में अकेलेपन को व्याख्यायित कर देना-
BAHUT BADI BAAT HAI
ऐसा अकेलापन सब को कहा नसीब होता है
जवाब देंहटाएंakelapan hota hi itna khoobsurat hai ki...insaan akela hokar bhi akela nahin hota....
जवाब देंहटाएंakelapan hota hi itna khoobsurat hai ki...insaan akela hokar bhi akela nahin hota....
जवाब देंहटाएंउमर का ये पडाव कैसा है?
जवाब देंहटाएंजहां सब कुछ तो है, फिर भि अकेलेपन का दिल पे घाव कैसा है?
अपना तो हर कोई है आंखो के सामने,
फिर भि आंखो मे एक इंतेजार कैसा है?
चाहते तो है सबको एक बराबर इसी दिल से,
फिर भि ये चाहत का एक नया अंदाज कैसा है?
बचपन से आज तक जो रोता था मै आंखो मे आंसुओ को लेकर,
आज मेरा ये दिल ही दिल मे रोने का अंदाज कैसा है?
जो कभी ना बोल पाया अपने चाहने वालो से,
वो आज बोलने को मेरा दिल तरसता है,
ये आज अचानक ये मेरे दिल का हाल कैसा है?
लेखक : रोशन धर दुबे
सायरी लिखने का सहि समय: 16 नवम्बर 2011 (दोपहर 3:14)
http://rdshayri.blogspot.com/2011/11/blog-post_16.html
अकेला पन जीवन को अनन्त गहराई मे ले जाता है मानो हम एक अंधेरे से एक माहौल मे आ गए है पर जब मन शांत होता है हल्के हल्के मन को एकांत से बाहर लाने का प्रयास करते है ओर सब कुछ पीछै छोड कर एक कदम रोशनी की ओर बढाने का प्रयास करते है तो मानो जीवन की हर खुशी हमारे पास आ गई हो ऐसा लगता है पर अंधेरे से रोशनी की ओर बढने का प्रयास करना पडेगा तभी अकेला पन खत्म होगा मेरा मानना है की अकेला पन कोई अस्तित्व नही है उसे खत्म करना होगा ओर एक नई उडान भरना होगा
जवाब देंहटाएंBahut sudnar
जवाब देंहटाएं