आओ खेलें....
तुम एहसास,
वह दर्द,
वह कागज़,
मैं कलम.............
- दर्द का एहसास
लिख तो दिया है
पर सुनाऊं किसे?.....
दर्द को सुनाना आसान नहीं
कौन समझेगा
और क्यूँ समझेगा?
हर किसी के पन्ने पर
दर्द के धुले अक्षर हैं
उसको पढने,समझने की
नाकाम कोशिश ही बड़ी जटिल है
तो अपने दर्द की क्या बिसात !
............................................
चलो खेलते हैं,
पानी का खेल .............
तुम नाव बनना
मैं पतवार बन जाउंगी
वह पानी,वह भंवर.........
पानी की कलकल सतह पर
पतवार के सिरे से
एक गीत लिखूंगी........
हाँ- तब होगी शाम
और एक धुन लेकर
हम अपने-अपने घोंसले में
लौट जायेंगे
अपने-अपने हिस्से की नींद की खातिर
अपने मासूम सपनों की खातिर
तुम लोरी बन जाना
मैं भी बन जाउंगी लोरी
वह भी,वह भी
...........
तब होगी एक नयी सुबह
नयी चेतना,
नया विश्वास,
नयी उम्मीदें
नए संकल्प.........................
--
जी हाँ तक होगी एक नई सुबह
जवाब देंहटाएंबहुत खूब सुन्दर रचना
bhoot hi sunder likha he mam bahoot hi sundar ......
जवाब देंहटाएं"dard ko sunana asan nahi
kyun samjega
aur kyu samjega ?
bahoot hi achi lines he ..!
बहुत सुन्दर रचना आभार रश्मि जी
जवाब देंहटाएंएक बेहद खुबसूरत रचना.........
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत रचना है रश्मि जी... अदभुत खेल है ज़िन्दगी का...
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंsundar rachna ke liye badhai.
जवाब देंहटाएंsabhi rang to daalne hai aapne...... zindgi ko jeeti rachna
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है आभार्
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना, वो सुबह कभी तो आयेगी...
जवाब देंहटाएंआप को ओर आप के परिवार को विजयदशमी की शुभकामनाएँ!
jindgi ki dastan yeh hi hein
जवाब देंहटाएंbahut khoobh likha hein!!
humney bhi likha thaa
dekhey....एक दिन मुझे हंसता देख एक सितारे ने पुछा..........
" तुम हार कर भी मुस्कुराते हो ! क्या तुम्हें दुख नहीं होता
मेने सितारों से कहा ..
की जिन्दगी आगे चलती है ..
और उसे पकड़ने की दौड़ में ..
मै भी तो चलती रहेती हु ना..
ये कम है क्या जिन्दगी के लिए..
की मै भी रहेती हु चलती मेरी जिन्दगी के साथ..!!
!!DAISY AGGARWAL!!
बेहतरीन रचना!!
जवाब देंहटाएंविजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
dil ko choo asar chodane walee rachana hai aapakee.
जवाब देंहटाएंbahut -bahut badhai !
रश्मि जी चरण स्पर्श
जवाब देंहटाएंक्या कहनें आपके रचना के, लाजवाब व अत्यन्त खूबसूरत। विजयदशमी की हार्दिक बधाई
खेल खेल में जाने क्या कितना कह डाला आपने...हमेशा की तरह.....
जवाब देंहटाएंkhoobsurat hogi vo subah aisi hi ...
जवाब देंहटाएंवाह क्या खूब लिखा है आपने...एकदम से पढ़कर के आनंद की प्राप्ति हुई
जवाब देंहटाएंdard aur ehsaas ka khel.....pani aur nav ka khel....sach hi to hai zindagi men ye sab ek khel hi hai...khoobsurat rachna....badhai
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachna.........behtreen bhav.
जवाब देंहटाएंदर्द का अहसास
जवाब देंहटाएंलिख तो दिया है
पर सुनाऊ किसे ?..
दर्द को सुनना आसन नहीं
कौन समझेगा
और क्यूँ समझेगा ..
एक बेहद खुबसूरत रचना.........
ashao se pripurn rchna pdhkar man prfullit ho gya .bhut sundar .
जवाब देंहटाएंabhar
khel khel main JIndgi ke maayne sikha diye... ILu ....!
जवाब देंहटाएंkhubsurat ahsass
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! दिल को छू गई आपकी ये भावपूर्ण रचना! विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंbahut hi komal si bhavnayen hain----dard aur ahsaas--kalam aur kagaz--ka saath....bahut khoob!
जवाब देंहटाएंsundar kavita Rashmi ji..
[aur haan badhaayee --aap ka zikr hua akhbaar mein us ke liye--]
आशा से सराबोर करती कविता, बधाई।.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
dard ke ahsaas ko sunaana sach me mushkil hota hai...khoobsurat kavita...
जवाब देंहटाएंसच कहा किसी के दर्द को समझना बहुत मुश्किल होता है ........
जवाब देंहटाएंपतवार और पानी के खेल में प्रेम की गहराई, जीवन की भावनाओं को समेत लिया है आपने .......
ummeed ka ehsaas karati ek bahut achchi kavita........ zindagi kya hai yeh bhi bata gayi.....yeh kavita....
जवाब देंहटाएंbahut hi achchi kavita....
MOM is great.....
वाह ! वाह ! वाह ! इसके आगे और क्या कहूँ,कुछ सूझ नहीं रहा....
जवाब देंहटाएंkhel khel main jindagi ke ehsaas jagana koi "Di" se hi sikh sakta hai.........:)
जवाब देंहटाएंइतने आसाने लफजों में इतनी गहरी बात कैसे कह लेती हैं आप?
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
वाह......
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत.....खेल था......
bahut sundar rachana
जवाब देंहटाएंbahut sundar rachana
जवाब देंहटाएंसीधे सीधे इतने सरल शब्दों मै आप ने अति सुंदर रचना का सर्जन किया ,
जवाब देंहटाएंखेल खेल मै आप ने शब्दों से खेलते हुए अति सुंदर कविता लिख दी ......
बधाई ....
isse badhiya rachna aur kya hogi!!!!
जवाब देंहटाएंआदरणीया रश्मि जी,
जवाब देंहटाएंबहुत ही खूबसूरत और आशावादी रचना--।
पूनम
रश्मि जी,
जवाब देंहटाएंफ़िर एक सुन्दर और लीक से अलग हट्कर लिखी गयी रचना पढ़वाने के लिये हार्दिक बधाई।
हेमन्त कुमार
खेल-खेल में अपनों के लिए क्या नहीं बनना पड़ता.
जवाब देंहटाएंगहन भावों से भरी हमेशा की तरह एक और सुन्दर रचना.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com