किसी का होना सकारात्मक लगता है
किसी की उपस्थिति नकारात्मक एहसास देती है
नकारात्मक गति से
समय रहते बचने का प्रयास बुद्धिमानी है
भले ही रक्त संबंध क्यूँ न हो
.... इस स्थिति से निकलना
भयानक असमंजसता की स्थिति है
पूरी ज़िन्दगी उतार-चढ़ाव,
जानलेवा खाई से गुजरती जाती है
दिनचर्या पर प्रभाव
बच्चों पर प्रभाव
सबसे अधिक अपने व्यक्तित्व पर ग्रहण !!!
...
इस चक्रव्यूह में
अपना मन
अपना दिमाग ही अधिक मारता है
अपने करीबी मारते हैं
और असली मृत्यु ... बहुत दूर होती है !
ज़िन्दगी को जीने के लिए चयन आपका
- सिर्फ आपका है
खुली हवा के लिए खिड़की खोलें
या फिर मन की कमज़ोरी का विषपान करें ...
किसी की उपस्थिति नकारात्मक एहसास देती है
नकारात्मक गति से
समय रहते बचने का प्रयास बुद्धिमानी है
भले ही रक्त संबंध क्यूँ न हो
.... इस स्थिति से निकलना
भयानक असमंजसता की स्थिति है
पूरी ज़िन्दगी उतार-चढ़ाव,
जानलेवा खाई से गुजरती जाती है
दिनचर्या पर प्रभाव
बच्चों पर प्रभाव
सबसे अधिक अपने व्यक्तित्व पर ग्रहण !!!
...
इस चक्रव्यूह में
अपना मन
अपना दिमाग ही अधिक मारता है
अपने करीबी मारते हैं
और असली मृत्यु ... बहुत दूर होती है !
ज़िन्दगी को जीने के लिए चयन आपका
- सिर्फ आपका है
खुली हवा के लिए खिड़की खोलें
या फिर मन की कमज़ोरी का विषपान करें ...
हर इंसान का जिंदगी जीने का अपना तरीका होता है। सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंBht sahii or sarthak abhivykti....
जवाब देंहटाएंbahut sundar
जवाब देंहटाएंबिलकुल सच लिखा है ... चयन खुद का ही होता है जो नियति लिख देता है ...
जवाब देंहटाएंbahut achha lekh hai.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंकभी शिव भी होना पड़ता है वो बात अलग है हो नहीं पाता है । सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंहाँ , चयन ही तो आधार है ।
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