27 जनवरी, 2017

प्यार करने का एक ज़रूरी रास्ता यह भी है




तुम खो जाओ
खो दो अपनी क्षमताएँ
अपनी काबिलियत
उससे पहले एक ख़ामोशी बुनना शुरू करो
और उसे एक दिन डाल लो अपने ऊपर
...
नहाओ
खाओ-पियो
अपनी दिनचर्या के साथ
भरपूर नींद लो
उम्मीदों की
चाहतों की पोटली
उसी आलमीरे में रख दो
जिनसे ये जुडी थीं
बोलो मत
अपने ख्यालों में व्यस्त हो जाओ
अपनी ज़िन्दगी के लिए
अपने को जितना ख़ास बनाया
उस खासियत के लिए
बुनो ख़ामोशी  ...
...
जब तक शब्द होते हैं
लोग बहरे होते हैं
बेहतर होगा
उनसे
मूक भाषा में भी
कुछ कहना छोड़ दो
कोशिश करके ही सही
तुम अवाक' होकर
समझने की कोशिश करो
उनके सवाल  ...

उस सवाल से पहले
तुम्हें अपनेआप को और मजबूत करना होगा
प्यार करने का एक ज़रूरी रास्ता यह भी है
...

8 टिप्‍पणियां:


  1. जीवन की एक बड़ी सीख!! कई समस्याओं के हल सुझाती!!

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  2. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (29-01-2017) को "लोग लावारिस हो रहे हैं" (चर्चा अंक-2586) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "शेर ए पंजाब की १५२ वीं जयंती - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

    जवाब देंहटाएं
  4. जिंदगी की सच्चाई को लिखा है ... कमल की रचना है ...

    जवाब देंहटाएं
  5. ख़ामोशी बुनना जिसने सीख लिया उसके भीतर से प्यार रिसने लगता है बूंद बूंद और उसकी खुश्बू फ़ैल जाती है चारों ओर..

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