नया साल, नया संकल्प, एक सकारात्मक क़दम । शुभकामनाओं के साथ लाई हूं वही पुराना अनुरोध - चलो, फिर से पूरे जोश के साथ ब्लॉगिंग शुरू करते हैं । कुछ ब्लॉगर अभी भी नियमित हैं, कुछ को अपने ही ब्लॉग पर असुविधाओं का सामना करना पड़ता है, मैं नियमित नहीं, पर हूं । नियमित का मतलब है, लिखिए और औरों को पढ़िए ।यह बहुत कम होता है, तो यह सही नहीं है न । एक पुराना आत्मीय संपर्क कम हो गया है । आइए लौट चलें,
शोर से अधिक एकांत का असर होता है, शोर में एकांत नहीं सुनाई देता -पर एकांत मे काल,शोर,रिश्ते,प्रेम, दुश्मनी,मित्रता, लोभ,क्रोध, बेईमानी,चालाकी … सबके अस्तित्व मुखर हो सत्य कहते हैं ! शोर में मन जिन तत्वों को अस्वीकार करता है - एकांत में स्वीकार करना ही होता है
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जो गरजते हैं वे बरसते नहीं
कितनी आसानी से हम कहते हैं कि जो गरजते हैं वे बरसते नहीं ..." बिना बरसे ये बादल अपने मन में उमड़ते घुमड़ते भावों को लेकर आखिर कहां!...
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सम्मान का अपमान नहीं हो सकता गरिमा धूमिल नहीं की जा सकती जो मर्यादित है उसे गाली देकर भी अमर्यादित नहीं किया जा सकता ... ...
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पति-पत्नी भाई-भाई बुज़ुर्ग- युवा,बच्चे .... रिश्ते क्यूँ टूटे क्यूँ हल्के हैं जानने के लिए - गड़े मुर्दे से कारणों ...
नव वर्ष शुभ हो | आभार |
जवाब देंहटाएंनया साल मुबारक हो 🙏
जवाब देंहटाएंकोशिश करते हैं फिर एक बार , आभार !
जवाब देंहटाएंसबका इंतज़ार है
जवाब देंहटाएंनववर्ष की शुभकामनाएं! वाकई बहुत अच्छे दिन थे जब हम ब्लॉग लिखते पढ़ते थे! अब कम हो गया है! सोचता हूँ क्यों? मुझे लगता है यूट्यूब और रील आदि ने कईयों को बंधक बना लिया है. लिखते पढ़ते रहने की प्रेरणा के लिए धन्यवाद, इस वर्ष कोशिश करेंगे!
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