'जो बीत गई,वो बात गई........!'
अगर ऐसा होता रहा
तो पास क्या रह जाएगा !
आज की हर तस्वीर
कल की ही तो परछाईं है !
उसे मिटा दें
तो फिर जज्बातों,संवेदनाओं का क्या होगा !
वे सितारे जो टूटे
और हमने 'विश' माँगा
--उसे भूल जायें?
कैसे?
कैसे कह दें,
जो बीत गई...................
अगर ऐसा होता रहा
तो पास क्या रह जाएगा !
आज की हर तस्वीर
कल की ही तो परछाईं है !
उसे मिटा दें
तो फिर जज्बातों,संवेदनाओं का क्या होगा !
वे सितारे जो टूटे
और हमने 'विश' माँगा
--उसे भूल जायें?
कैसे?
कैसे कह दें,
जो बीत गई...................
बचपन से सीखाया तो यही जाता है--"की जो बीत गई,वोह बात गई". पर जो सीखाता है, वह भी यही सीखा होता है... किसी न किसी को तो यह कड़ी तोड़नी पड़ेंगी न ? बहोत सही कहा आपने, "आज की तस्वीर ही तो कल की परछाई है"
जवाब देंहटाएंबहोत खूब दीदी.. just love it ....
जज्बातों और संवेदनाओं महत्व देना बहुत जरूरी है
जवाब देंहटाएंछोटी-छोटी बातों से ही एक नई पहचान मिलती है और उनसे जुड़ी
यादें ही होती जो जीवन के सफर को आसान बना देती गर उन यादों का मकसद समझ लो तो कोई डर नही कोई गम नही.....
यादें भी यही चाहती कि मुझे याद करो लेकिन वही लम्हा जब मैं तुम्हारी नज़रों से दिल में समाई थी...
bahut bahut khas hai ye kavita bahut hee achee hai
जवाब देंहटाएंAnil
सही लिखा।बढिया!!
जवाब देंहटाएंआज की तस्वीर कल की ही तो परछाई है .बहुत खूब सही कहा आपने ..पर कल का बीता अच्छा याद रखे तो ही ज़िन्दगी चल सकती है
जवाब देंहटाएंsach ko likhan aapse acha kaun janta hai bhala..dil me base alfazo me ek aur juda aaj
जवाब देंहटाएंlove u
गुज़रे हुए आज की परछाई को याद कहते हैं
जवाब देंहटाएंयाद के साथ जो भाव आते हैं उन्हें जज्बात कहते हैं
इन्हें भुलाया नहीं जा सकता
एक सत्य से परिचय कराती रचना .........
बहुत सुन्दर ,आपके मन की तरह
बहुत सुंदर लफजों में बयां की है आपने यह कविता बधाई हो
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने . पूर्व मैं की गलतियों और अनुभवों से सबक लेकर तो सीखता है आदमी .
जवाब देंहटाएंकोई तो पूछे क्यों उदास हूँ मैं,
जवाब देंहटाएंकोई तो हो जिसके लिए ख़ास हूँ मैं,
ये ज़िन्दगी ग़मों का एक समंदर है,
और लगता है समंदर की प्यास हूँ मैं....
बहुत सही कहा दीदी....ये यादें ही तो हैं जो हमेशा साथ चलती हैं.....
जवाब देंहटाएंSahi kaha aapne, ki vartaman to beete dino ki hi parchayi hai, phir unhe kaise bhula de. Lekin keval beete anubhawo ke nazarie se hi yadi vhavishya ka aaklan karenge to wo aaklan purvagrah se pidit kaha jayega. Yadi beeta hua kaal katu anubhav de gaya, to keya uski kadwahat ke shaye me baki ki umr gujar de ya vhabishya ka swagat nahi aasha, naye umang ke saath kare. " Jo beet gayi, so baat gayi" kavi ke aashavadi nazarue ko darshata hai, jo mere anushar se ek behtar vhavishya ke liye sarvatha uchit hai.
जवाब देंहटाएंWAH DI, BILKUL SAHI KAHA AAPNE KI JO BEET GAYI US BAAT KO KAISE BHULA DE HUM? BEETE HUYE KAL SE HI HUM AAJ HAIN AANE WALE KAL KE LIYE.. AGAR HUM US BEET HUYE KAL KO BHULA DENGE TO HUME ISKE LIYE BHI TAIYAR RAHNA HI HOGA KI AANE WALE KAL ME JAB HUM BEETA HUA KAL HONGE TO HUME BHI WO BHULA DE.. MAINE BAAT KO SAMJHANE KE LIYE AISA EXAMPLE DIYA HAI.. HUME BEETE HUYE KAL KO KABHI NAHI BHULNA CHAHIYE.. HA YADO SE KAALE PANNE TO NIKAAL DIJIYE PAR ZINDGI NE JO SABAK DIYA HAI US SABAK KO KABHI NAHI BHULNA CHAHIYE.. WARNA HUM BAAR BAAR WAHI GALTI KARENGE AUR FIR SE MUSIBAT ME FASENGE..!!
जवाब देंहटाएंMUJHE LAGTA HAI JITNI BADI KAVITA NAHI HAI US SE JYADA BADA TO MERA COMMENT HO JATA HAI.. PAR DI KI KAVITA PADH KAR DIMAG ME JO HALCHAL HOTI HAI YE USI KA EK ROOP HOTA HAI.. UMMID HAI BAKI LOG BORE NAHI HUYE HONGE..!!
kya bat hai bahut sundar or achchi kavita hai!
जवाब देंहटाएं'आने वाला कल एक सपना है
जवाब देंहटाएंगुजरा हुआ कल बस अपना है
चलता हुआ आज भी किसने जाना है '
ये बात सही है की वर्तमान समय महत्वपूर्ण होता है,मगर बीते समय की भी अवहेलना नहीं की जा सकती क्योकि कभी ये बिता हुआ समय भी हमारे लिए वर्तमान था...और आज हम जो कुछ भी होते है,सफल या असफल...और आज हमारे पास जो कुछ भी है,ख़ुशी या गम....ये सब उन बीते हुए समय मे किये हुए हमारे कर्मो की ही बदौलत है या यूँ कहे ये सब कुछ उस बीते हुए समय की ही देन है...कोई जब ये बोलता है की मैंने बीते समय की यादों को भुला दिया है,तब निसंदेह वह झूठ बोलता है...वैसे याददाश्त चला जाना और भूल जाना दो अलग-अलग बाते है.....एक बेहद खुबसूरत रचना माँ
जो बीत गई, वो बात गई.... शायद दुख के बारे मै ऎसा कहते हो, कि दुख गया अब भुल जायो... लेकिन यादे कोन भुल सकता है,आप की बात ठीक है अगर इन्हे भुल गये तो पास क्या रह जाये गा??
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना,
धन्यवाद
sundar rachana
जवाब देंहटाएंआज की हर तस्वीर कल ही की तो परछाई है ! बहुत प्रभावशाली लगी|
जवाब देंहटाएंआपकी कविताओं से बहुत कुछ सीखने को मिला|
kya bat hai bahut sundar or achchi kavita hai padhkar achcha laga..
जवाब देंहटाएंRashmiji,
जवाब देंहटाएंBahut sahee aur yatharth bat likhi hai apne.Hardik badhai.
Poonam