29 दिसंबर, 2008

दुआओं के दीप........


आंसुओं की नदी में
मैंने अपने मन को,
अपनी भावनाओं को
पाल संग उतार दिया है.........
आंसुओं के मध्य
जाने कितनी अजनबी आंखों से
मुलाक़ात हो जाती है-
फिर उन लम्हों को पढ़ते हुए
मेरी आँखें
उनके जज्बातों की तिजोरी बन जाती हैं.........
जाने कितनी चाभियाँ
गुच्छे में गूंथी
मेरी कमर में,मेरे साथ चलती हैं.....
और रात होते
मेरे सिरहाने,
मेरे सपनों का हिस्सा बन जाती हैं,
जहाँ मैं हर आंखों के नाम
दुआओं के दीप जलाती हूँ !

28 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर शब्द चित्रण।

    जवाब देंहटाएं
  2. bhout acchi likhi hai aap ne.ya line jana kitni ajnabi

    जवाब देंहटाएं
  3. क्या कहे आपको दीदी... U r Just amazing ...
    उन लम्हों को धन्यवाद ... जब यह जज्बात, यह भावनाए दुआये बन कर दीप प्रज्वलित कर गई ...

    जवाब देंहटाएं
  4. जाने कितनी चाभियाँ
    गुच्छे में गूंथी
    मेरी कमर में,मेरे साथ चलती हैं.....
    और रात होते
    मेरे सिरहाने,
    मेरे सपनों का हिस्सा बन जाती हैं,
    जहाँ मैं हर आंखों के नाम
    दुआओं के दीप जलाती हूँ !
    bahut sundar bhav,sab ki bhavnao ka guchha saath liye sab ke liye dua mangi,bahut sundar.

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह...चाभियाँ जिस तरह से सिरहाने आई....बहुत अच्छा लगा|

    जवाब देंहटाएं
  6. आज अपरान्ह में ही मैंने चंद पंक्तियाँ लिखी ..सुन्दर इतेफाक है कि उसके भावः आपकी इस रचना से मिलते-से लगे ..
    --"रात रोज आती ...
    जोगी का फेरा लगाती,
    सिरहाने ...
    सपनो के दीप जलाती,
    तकिए के पास ....
    उम्मीद का सेंक सुलगा,
    नई सुबह की ...
    आश जगा जाती"

    जवाब देंहटाएं
  7. jitni aapki tarif karun utna kam hai di aur mujhe kavita kya hoti hai ye hi nahi pata to kaise main kuchh tippni karun. ha par padane main kafi manbhawan hai.

    जवाब देंहटाएं
  8. हर बार की तरह आपकी लेखनी ने जादू बिखेरा!

    जवाब देंहटाएं
  9. di...
    bas aap ke chabhiyo ke guchhe me ek chabhi ban kar jeena chahti hu,taki har raat aap ki dua mile ...aur agli subah suraj bhi aap ki duao se apni roshni prajwalit kare...

    जवाब देंहटाएं
  10. Di aapke man, aapki bhawnaaon ki nauka ke ghat se aansuon k dariya main uthee lehren....iss tink ko bhi kinare ka rasta dikhatee hain....
    shaant hain fizayen duniya ki, ye haule se hi sahi, ek shor sa kar jaati hain....
    ye duaaon ke dip hamare maarg darshak bhi hain....aur iss jazbaat ki tijori par hame bhi haque hai.....


    sundartam kavita....apne hi andaaj main....


    ...Ehsaas!

    जवाब देंहटाएं
  11. विलक्षण शब्द संयोजन...अद्भुत रचना...वाह...
    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  12. Rashmi ji ,
    Apke dvara logon,duniya,samast vishva ke liye jo duayen dee jatee hain vo nishit hee faleebhoot hongee.sundar bhavpoorna kavita ke liye hardik badhai.
    Sath hee meree santakloj ...kavita se kisee ke ansoo chhalak padenge..ye maine likhte samaya soacha bhee naheen tha.Itnee samvedansheelta,sahridayata..to adarneeya Pant ji kee kripa drishti se hee nikal saktee hai.
    shubhkamnayen.
    Hemant Kumar

    जवाब देंहटाएं
  13. बहुत ही सुंदर हमेशा की तरह
    आभार

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत प्रभावशाली और यथाथॆपरक रचना है । आपकी पंिक्तयां हृदयस्पशीॆ है । भाव और िवचार के समन्वय ने रचना को मािमॆक बना िदया है । मैने अपने ब्लाग पर एक लेख िलखा है- आत्मिवश्वास के सहारे जीतंे िजंदगी की जंग-समय हो पढें और प्रितिक्रया भी दें-

    http://www.ashokvichar.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  15. sabka dard samjh unke liye dua ek masoom dil hi kar skata hai

    isliye to
    alwys love u

    जवाब देंहटाएं
  16. आंसुओं के मध्य जाने कितनी अजनबी आंखों से मुलाकात हो जाती है................
    जहाँ मैं हर आंखों के नाम दुआओं के दीप जलाती हूं..

    ये जिस समय लिखा होगा आपने तब मन मे भावनाए कुछ इस तरहां उठी होंगी जिस तरहां कोई लहर उठती है किसी डूबती नय्या को बचाने के लिए...
    जैसे कोई आँख नम होती है रोती आँखों को चुप कराने के लिए.....
    जैसे कोई खामोशी खुशियों
    का पैगाम लाती है...
    आपके जैसा कोई नही लिखता ....
    ये रचना संजीवनी है बहुत ही अच्छी है...

    जवाब देंहटाएं
  17. दुआएं ही प्रज्वलित होती है जहाँ,उन सपनों के मध्यम से ,भावनाओं को स्पर्श कर रही हूँ ..............

    प्रणाम स्वीकार करिए ....

    जवाब देंहटाएं
  18. aansuon ki nadi men bhavnaon ko paal sang utaarna..........bahut sundar roopak.
    aur ajnabi aankhon men bhi pahchaan bana lena...aur un ankhon ke naam duaon ka deep jalane ki baat....bahut khoobsurat...mann ki gahrayi tak pahunchane wali sundar rachna.
    badhai

    जवाब देंहटाएं
  19. didi aapne bahut accha likha hai . itni achi kavita ke liye meri badhai sweekar karen.

    pls visit my blog for my poems. http://poemsofvijay.blogspot.com/

    dhanyawad.

    vijay

    जवाब देंहटाएं
  20. jahaaN maiN hr aankho ke naam
    duaao ke deep jlaati hooN...

    jeena issi ka naam hai...

    NAV VARSH KI SHUBHKAAMNAAYE

    ---MUFLIS---

    जवाब देंहटाएं
  21. Rashmiji,
    Naya sal apke jeevan men bhee dheron khushiyan le kar aye aur hamen apke madhyam se nayee rachnayen padhvata rahe is mangal kamna ke sath.
    Poonam

    जवाब देंहटाएं
  22. बहुत ही सुंदर अभिवयक्ति!
    आपको तथा आपके पूरे परिवार को आने वाले वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !

    जवाब देंहटाएं
  23. Ye aapki sabse acchi kavitao mein se ek hai

    poori kavita ,bhavnao ka mishran hai ..

    badhai ..


    vijay
    Pls visit my blog for new poems:
    http://poemsofvijay.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं

एहसास

 मैंने महसूस किया है  कि तुम देख रहे हो मुझे  अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में  मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...