सपनों में दबे पांव कोई आता है
मेरी खिड़की पर एक नज़्म रख
चला जाता है
आँख खुलते नज़्म इमरोज़ बन जाती है
मेरी खिड़की पर एक नज़्म रख
चला जाता है
आँख खुलते नज़्म इमरोज़ बन जाती है
शोर से अधिक एकांत का असर होता है, शोर में एकांत नहीं सुनाई देता -पर एकांत मे काल,शोर,रिश्ते,प्रेम, दुश्मनी,मित्रता, लोभ,क्रोध, बेईमानी,चालाकी … सबके अस्तित्व मुखर हो सत्य कहते हैं ! शोर में मन जिन तत्वों को अस्वीकार करता है - एकांत में स्वीकार करना ही होता है
मैंने महसूस किया है कि तुम देख रहे हो मुझे अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...
बहुत सुन्दर आभार्
जवाब देंहटाएंbahut khoob......... izzat pesh karne ka anootha andaaz.........
जवाब देंहटाएंRegards.......
रश्मिप्रभा जी,
जवाब देंहटाएंएक सजदा किये जाने वाले रिश्ते को बड़े ही बेहतरीन अंदाज में प्रस्तुत किया और उन पंक्तियों ने तो जैसे पूरा फसाना ही कह दिया हो।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
thore me bahut kuchh kah diya aapne...
जवाब देंहटाएंwah Rashmi ji....nazm aur usaka imroz ban jaana....bahut khoob....
जवाब देंहटाएंkhoobsurut tassuvar ...badhai
सुन्दर शब्दों में व्यक्त यह चन्द पंक्तियां बहुत कुछ कहती हुई, बधाई
जवाब देंहटाएंअमृता की नज़्म इमरोज़ के बिना पूरी ही नहीं हो सकती थी ..!!
जवाब देंहटाएंमुझे बहुत पसंद आयीं ये पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंचन्द पंक्तियो मे भावनाओ की संसार सिमट गई हो मानो ........वाह वाह
जवाब देंहटाएंइमरोज़ को समझना और इमरोज़ का जिंदगी में आना हर किसी का नसीब नहीं ... इमरोज़ वो शख्स - जिसके प्यार में खुदा का स्पर्श है ... आपकी इस् नज़्म में वही स्पर्श महसूस होता है ...ILu...!
जवाब देंहटाएंलाजवाब...वाह
जवाब देंहटाएंनीरज
भावनाओ को सीमित शब्दों में आपने अच्छी तरह से अभिव्यक्त किया है......बहुत सुंदर.....
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा इमरोज़ जी ने
जवाब देंहटाएंखूबसूरत अशआर के लिए,
जवाब देंहटाएंमुबारकवाद!
रश्मि जी... उम्र और तजुर्बे दोनों में बहुत छोटी हूँ आपकी रचना पर कुछ भी टिपण्णी करने के लिये... पर चंद शब्दों में जिस खूबसूरती से आपने इमरोज़ जी को तराशा है वो बहुत ही सुंदर है... पढ़ कर मन प्रसन्न हो गया... और नज़्म के साथजो फोटो लगाया है आपने वो दिल को छू लेने वाला है... अगर मैं गलत नहीं हूँ तो वो अमृता जी हैं उनके साथ फोटो में... अमृता जी के बारे में तो बहुत कुछ कहा और सुना गया है पर इमरोज़ जी की शख्सियत से लोग कम ही वाक़िफ़ हैं... उनसे रु-ब-रु करवाने का शुक्रिया...
जवाब देंहटाएंrashmi ji bahut badhiya panktiyan... dil ko chhoo gain !
जवाब देंहटाएंप्यार का एक प्यारा सा अहसास ...कभी कभी बहुत थोड़े से शब्द इतनी खूबसूरत बात कह जाते हैं जो पूरी जिन्दगी नहीं कह पाती
जवाब देंहटाएंबेहद ख़ूबसूरत
जवाब देंहटाएं--->
गुलाबी कोंपलें · चाँद, बादल और शाम
बेहद खुबसूरत और नाजुक एहसासात लिए ..... वाकई निशब्द हो गया हूँ आज इस छोटे से लेख पे.... सलाम
जवाब देंहटाएंअर्श
बहुत खूब...शानदार....
जवाब देंहटाएंइसे कहते है नई कविता ,एक बिलकुल अनूठा बिम्बविधान ! बहुत सुन्दर रश्मि जी ! अमृता प्रीतम को भावभीनी आदरांजलि !
जवाब देंहटाएंaaj amrita ji ke janmdivas par amrita ji ke chahne walon ne panne bhar diye.....par aapki is rachna hi ham dil se tareef karte hai .......bas ab khamosh rahna hi uchit hoga....bilkul gulzaar sa'b ki trivani ki tarah.....Ishwar aapke lekhan ko aur shakti pradaan kare
जवाब देंहटाएंआपके शब्दों ने तो ..वाकई निशब्द कर दिया .
जवाब देंहटाएंहेमंत कुमार
bat kahe pls ...........kon great hai amrita ya imroz .......... amrita ne sahir se payar kiya n imroz ne amrita se ........... imroz ne nibhaya ,pooja ,ibadat ki amrita ki ............ aaj shayad amrita bhi na kah pati jo aapke in shabdio mai kah diya awesome
जवाब देंहटाएंक्या बात है. चार पंक्तियों में क्या क्या नहीं ?
जवाब देंहटाएंपढ़ कर मोटी मोटी किताबों की व्यर्थता पर तरस आता है..अद्भुत!
जवाब देंहटाएंRashmi Di .. Sach hi kaha hai aapne bahut sundar abhivyakti hai kuch meri or se bhi --
जवाब देंहटाएंImroz kahaan sab ko naseeb hota hai
uske andar pyaar nahin ..
masihaai hai
wo tumhaare har dard ko marham de sakta hai
kyun ki wo farishta hai ..
WWWWWAAAAAAHHHHHH !!!!
जवाब देंहटाएंVAAH ..... AMRITA JI KE JANM DIN PAR KAHI ITNI KHOOBSOORAT BAAT ...... SACH MEIN SHABD GOONGE HO JATE HAIN AISE MEIN ....
जवाब देंहटाएंबहुत कम ही लोग चंद लफ्जों में बहुत कुछ कह देने की काबिलियत रखते है . उनमे से आप एक है रश्मि जी ! बहुत शुक्रिया !!
जवाब देंहटाएंइमरोज़ की मोहब्बत के ज़ज्बे को सच्चा सम्मान...
जवाब देंहटाएंचंद पंक्तियाँ निःशब्द कर गईं.
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार इस अति भावनात्मक अभिव्यक्ति के लिए.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
बेहद ख़ूबसूरत, लाजवाब और शानदार प्रस्तुती! चंद पंक्तियों में आपने इतना सुंदर वर्णन किया है की तारीफ के लिए अल्फाज़ कम पर गए!
जवाब देंहटाएंमेरे नए ब्लॉग पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com
Vakayee bahut khubasoorat abhivyakti.
जवाब देंहटाएंPoonam
इतने कम शब्दों मे इससे बेहतर नहीं कहा जा सकता. बहुत सुन्दर रश्मि जी
जवाब देंहटाएंrashmiji
जवाब देंहटाएंaise lga jaise sari kaynat utar aai ho
bhut khubsurat
Gaagar men saagar.
जवाब देंहटाएंThink Scientific Act Scientific
sirf teen panktiyan..sari kahani keh gayi....
जवाब देंहटाएंimroz prem ka paryay ban gaye hain..
bahut sunder rachana......