'कहाँ हैं सात रंग '
'हमारे प्यार में'
'किधर?'
... उसने मेरे माथे को चूम लिया
और मेरे चेहरे पर देखते-ही-देखते
इन्द्रधनुषी रंग बिखर गए
'कहाँ है खुशबू '
'हमारे साथ में '
और उसने मुझे बाहों में भर लिया
मलयानिल मेरे रोम-रोम से बहने लगा
'कहाँ है नज़ाकत '
'हमारे विश्वास में '
और कमर में खूंसे आँचल के सिरे को
उसने हौले से खींच लिया
पूरा शरीर सरगम की धुन पर
थिरक उठा
'कहाँ है मासूमियत '
'हमारे ही प्यार में'
और अपनी हथेलियों से
मेरी आँखों को बन्द किया ...
मैं पूरी हो गई
एक पल में !
आपकी इस नज़्म ने तो शब्दहीन कर दिया……………।बेहतरीन ढंग से जज़्बातों को पिरोया है…………………पूर्णता को पहचान मिल गयी……………बेहद उम्दा अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंadbhud kavita ! prem ki itni sahaj abhivyakti..
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar evam yathaarth se waqif karti hui rachanaa.....aabhaar!
जवाब देंहटाएंशब्दों और भावों के जाल में अभिव्यक्ति इतनी समां गयी कि सब एक दूसरे में लीन हो गयी . बहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएंशब्दों और भावों के जाल में अभिव्यक्ति इतनी समां गयी कि सब एक दूसरे में लीन हो गयी . बहुत सुन्दर रचना.
जवाब देंहटाएं"अपनी हथेलियों से
जवाब देंहटाएंमेरी आँखों को बन्द किया ...
मैं पूरी हो गई
एक पल में !"
sparsh ke meethe ahsas se pagi,yatharth ke dharatal par khadi rachana.
"अपनी हथेलियों से
जवाब देंहटाएंमेरी आँखों को बन्द किया ...
मैं पूरी हो गई
एक पल में !"
sparsh ke meethe ahsas se pagi,yatharth ke dharatal par khadi rachana.
'कहाँ हैं सात रंग '
जवाब देंहटाएं'हमारे प्यार में'
'किधर?'
... उसने मेरे माथे को चूम लिया
और मेरे चेहरे पर देखते-ही-देखते
इन्द्रधनुषी रंग बिखर गए
बेहद सुन्दर अभिव्यक्ति।
kabhi mere blog par bhi aayein.
भावनाओं की सरगम से सजी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंअपनी हथेलियों से
मेरी आँखों को बन्द किया ...
मैं पूरी हो गई
एक पल में !
आभार!
rashmi ji,
जवाब देंहटाएंbahut bhaawpurn prastuti, prem ka indradhanushi rang yun hin to sajta hai...shubhkaamnaayen.
प्रेम की एक और सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंवाह वाह वाह
जवाब देंहटाएंप्रेम की खूबसूरत अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंआपकी कविता आपकी ही तरह सहज और सरल है।
जवाब देंहटाएंप्यार ही वो सुन्दर क्रिश्मा है जो ज़िन्दगी को बदल देता है। बहुत अच्छी लगी आपकी रचना। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंPrem ke rangon rangi sundar kavita...
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत एहसासों से गुंथी खूबसूरत नज़्म....
जवाब देंहटाएंMam,jitna khoobsoorat prem hota hai yadi koi uska utna hi khoobsoorat warnan kar de to man-mayoor apne aap naach uthta hai...
जवाब देंहटाएंThank you so much fro providing such great line... specially...
'कहाँ है मासूमियत '
'हमारे ही प्यार में'
और अपनी हथेलियों से
मेरी आँखों को बन्द किया ...
मैं पूरी हो गई
एक पल में !
Pyaar ka IndraDhanush ise kahte hai shaayd... ILu..!
जवाब देंहटाएंप्यार की कोमल भावनाओं को किस सहजता से व्यक्त किया है आपने । बहुत बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंराजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।
बहुत अच्छी प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंek to mausam behka saa uspar aapki ye rachnaa...man jhoom gaya
जवाब देंहटाएंteej shubh ho
मम्मी जी... हमेशा की तरह ........ बेहतरीन रचना....
जवाब देंहटाएं'कहाँ है खुशबू '
जवाब देंहटाएं'हमारे साथ में '
'कहाँ है नज़ाकत '
'हमारे विश्वास में '
'कहाँ है मासूमियत '
'हमारे ही प्यार में'
behad najuk prastuti.....
'कहाँ है खुशबू '
जवाब देंहटाएं'हमारे साथ में '
'कहाँ है नज़ाकत '
'हमारे विश्वास में '
'कहाँ है मासूमियत '
'हमारे ही प्यार में'
behad najuk prastuti.....
रंगी कैसे मैं उसके रंग में ...
जवाब देंहटाएंरंग उसके हाथों में तो थे ही नहीं ...
बस एक बार पलकें उठी थी ..
उसकी आँखों के सारे रंग कूदते फांदते
दौड़े चले आये मेरी ओर ....
यही ना ...!
अद्भुत सुन्दर रचना लिखा है आपने और साथ में तस्वीर भी बहुत बढ़िया लगा!
जवाब देंहटाएंबिल्कुल यही वाणी जी
जवाब देंहटाएंदीदी
जवाब देंहटाएंप्रणाम !
वाकई अलग अंदाज़ अगर ऐसे कहे तो ग्गाल्ट नहीं होगा '' रंग '' खुसबू '' नजाकत '' और मासूमियत ''' को अगर यूं कह दे तो गलत नहीं होगा शायद जैसे ''' पानी एक रूप में होते हुए भी सभी को समाहित किये होता है जैसे आप कि ये रचना , ऐसा मैं मानता हूँ , सही है ना दीदी !
सादर
"अपनी हथेलियों से
जवाब देंहटाएंमेरी आँखों को बन्द किया ...
मैं पूरी हो गई
एक पल में !"
बहुत खूबसूरत एहसासों से प्रेम की एक सुन्दर अभिव्यक्ति।
अपनी हथेलियों से
जवाब देंहटाएंमेरी आँखों को बन्द किया ...
मैं पूरी हो गई
एक पल में
bahut sunder!!!
कमाल की प्रस्तुति ....जितनी तारीफ़ करो मुझे तो कम ही लगेगी
जवाब देंहटाएं'कहाँ है मासूमियत '
जवाब देंहटाएं'हमारे ही प्यार में'
और अपनी हथेलियों से
मेरी आँखों को बन्द किया ...
मैं पूरी हो गई
एक पल में ..
बहुत खूब ... प्रेम की मासूमियत को बयान कर दिया है ... पूर्ण से संपूर्ण भी तो प्रेम ही करता है ....
बहुत खूबसूरत एहसासों से प्रेम की एक सुन्दर अभिव्यक्ति।
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