पर जब एक लम्बा$$$$$$$ वक़्त
गुज़र जाता है
तो यादें अलसाने लगती हैं
दीवारें जुम्हाइयां लेने लगती हैं
फिर मैं उम्मीदों की नन्हीं उंगलियाँ थामती हूँ
- जल्दी ही रात होगी
चाहूँ ना चाहूँ
नींद भी आ जाएगी
और सवेरा हो जायेगा ....
शोर से अधिक एकांत का असर होता है, शोर में एकांत नहीं सुनाई देता -पर एकांत मे काल,शोर,रिश्ते,प्रेम, दुश्मनी,मित्रता, लोभ,क्रोध, बेईमानी,चालाकी … सबके अस्तित्व मुखर हो सत्य कहते हैं ! शोर में मन जिन तत्वों को अस्वीकार करता है - एकांत में स्वीकार करना ही होता है
मैंने महसूस किया है कि तुम देख रहे हो मुझे अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...
उम्मीद की किरण सबेरा ला ही देती है।
जवाब देंहटाएं..सुंदर भाव।
बहुत ख़ूबसूरती से मन की बात कह देती हैं.अकेलेपन से तुम-सी बहादुर लेडी क्यों कर घबराए?
जवाब देंहटाएंहर पल खुद के साथ रहने वाला कभी अकेला होता ही नही.उम्मीदों की नन्ही अँगुलियां??? नन्ही नन्ही उम्मीदे,नन्हे नन्हे सपने जब पूरे होते है जीने की उमंग जगा देते हैं.छोटी छोटी खुशिया जीवन के बड़े से केनवास को अपने रंगों से भर देता है न? ये तुम ,हम ज्यादा अच्छी तरह महसूस कर सकते हैं.मेरी उम्मीदों,सपनों की अंगुलियां,हाथ भी छोटे छोटे रहे.बहुत प्यारी हो तुम और.....तुम्हारा अंतर्मन...जिनसे ये निकल आते है जैसे सीप से....मोती ही निकलते हैं न?
प्यार और....अकेलापन कभी ना डराए.उम्मीदों की नन्ही अंगुली को तुमने पकड़ा है न बेफिक्र रहो तूफ़ान में भी माँ अपने बच्चे की अंगुली नही छोडती.उम्मीदों के हाथ में अपनी अंगुली ना देना.प्यार.ढेरो शुभकामनाएं.
फिर मैं उम्मीदों की नन्हीं उंगलियाँ थामती हूँ-- बिलकुल रश्मिजी उमीद ही तो जीवन मे आगे बडःाने की प्रेरणा देती है सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंइन्श'अल्लाह!
जवाब देंहटाएंहमारे जीवन का आधार है मन
जवाब देंहटाएंमन है तो इच्छा है ...
इच्छा है तो गतिविधि है,
लक्ष्य है,कार्यकलाप है. जीवन है
और जहां जीवन है वहीँ उम्मीद ....!
जीवन की कच्ची डोर में
आबद्ध रहता है जबतक आदमी -
एकटक निहारता रहता है
समय के आईने में
कि न जाने कब दिख जाए
उसमें सुबह का कोई प्रतिविंब...!
मन में उम्मीदों की सुबह
का बोध करा गयी आपकी अभिव्यक्ति
और कह गयी धीरे से , कि -
थामे रहना उम्मीदों की डोर
तब तक जबतक सुबह न हो जाए !
कितना मीठा, कितना सच्चा, कितना अच्छा.
जवाब देंहटाएंचाहूँ ना चाहूँ
जवाब देंहटाएंनींद भी आ जाएगी
और सवेरा हो जायेगा ....
कितनी उम्मीद जगा रही हैं ये रचना...
सार्थक लेखन के लिए आभार...
सच भी यही है-
’तब्दीलियां तो वक़्त का पहला उसूल है’
... bahut badhiyaa ... behatreen !!!
जवाब देंहटाएंitni sunder lagi ki kya bataoon.
जवाब देंहटाएंउम्मीद की किरणे जो लाती हैं वो सवेरा बहुत उजला ही होता है.....सुंदर
जवाब देंहटाएंआशा से भरी कविता..
जवाब देंहटाएंहमारे देखे भी ग़म का सोने से बेहतर कोई इलाज़ नहीं है.
जवाब देंहटाएंलिखते रहिये ...
चाहूँ ना चाहूँ
जवाब देंहटाएंनींद भी आ जाएगी
और सवेरा हो जायेगा ....
रात लम्बी ने हो तो सवेरा जल्दी हो जायेगा.
मैं उम्मीदों की नन्हीं उंगलियाँ थामती हूँ ...
जवाब देंहटाएंउम्मीद की यह नन्हीं उंगलियां आपको एक नये सवेरे
की ओर ले जाती हैं ....बहुत सुन्दर भावमय करते शब्द ...।
उम्मीद की नन्ही अंगुलियाँ बहुत बड़ा सहारा होती है ...
जवाब देंहटाएंउम्मीदें बनी रहें ...बेहतर दुनिया की ...
सुनहरे कल की ...!
सुन्दर कोमल सी अभिव्यक्ति है दीदी, यही तो करना होता है ... वरना रात बहुत लंबी होती है ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर भावमय पंक्तियां
जवाब देंहटाएंये उम्मीदें ही तो जीने का सबब बन जाती हैं…………बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंआदरणीय रश्मि मां
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
......बहुत ही सुन्दर भावमय पंक्तियां
thode se shabdon mein zindagi ki kahani likh di aapne... saadar.
जवाब देंहटाएंरात कितनी भी लम्बी हो..नींद भी अ जाएगी..और उसके बाद सवेरा तो होना ही है
जवाब देंहटाएंख़ूबसूरत पंक्तियाँ
akelapan ka ehsaas apne saath samast wataawaran ko bhi tanhaa kar jata, aur wo bojhil mann tanha tanha ...shubhkaamnaayen.
जवाब देंहटाएंvery nice...aapki ye panctiyan man ko moh leti hai...
जवाब देंहटाएं.
जवाब देंहटाएंThis is how the life moves on...
wonderful creation !
.
जल्दी ही रात होगी
जवाब देंहटाएंचाहूँ ना चाहूँ
नींद भी आ जाएगी
और सवेरा हो जायेगा ....
यह पंक्तियाँ बहुत ही अच्छी लगीं मम्मी जी... बहुत ही सुंदर कविता...
कितनी खूबसूरती से मन को उकेरा है आपने. बधाई.
जवाब देंहटाएंआपका ब्लॉग आज खुल पाया .... और देखिये हो गया न सवेरा ....रात का भी उन्त्जार और सुबह होने की उम्मीद ..बेहतरीन भाव
जवाब देंहटाएंhar kisi ko hai subah kee umeed...
जवाब देंहटाएंbahut achhi rachna