10 फ़रवरी, 2011

पहले जी लो ..



सत्य से भाग कर क्या होगा
खुद को उलझाकर क्या होगा
दिल जो चाहता है
वही करो
दिल के आगे कभी हार नहीं होती ...
कारण किसी को मत बनाओ
क्योंकि कोई भी कारण
किसी की प्रतीक्षा नहीं करता

हाँ उस रौशनी पर यकीन रखो
जो तुम्हारे बिना चाहे भी
तुम्हें राह दिखाती है
अनवरत जलती रहती है !

अपने स्व की तुष्टि के आगे
वक़्त जाया मत करो
एहसान से ऊपर
आईने में खुद को देखो
क्या हर एहसान
तुम्हारा अभिमान नहीं है
या खुद को जिंदा रखने का अभियान ?

अक्सर मरे हुओं को पाने के लिए
तुम खुदा को बुत बना देते हो
फिर उसके होने का प्रमाण मांगते हो
सोचो ....
क्या तुम हो ?

तुम तो अप्राप्य के पीछे
प्राप्य से अलग दौड़ लगा रहे हो
खुद को दोष ना देकर
दूसरों को कारण बता रहे हो
हर धागे से खुद को खुद ही उलझाकर
उसे तोड़ते जा रहे हो

...दिल कभी गूंगा नहीं होता
शोर से परे उसकी सुनो
मरने से पहले जी लो ...

43 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीया रश्मि प्रभा जी
    नमस्कार !
    ..........दिल को छू लेने वाली प्रस्तुती
    बहुत ही कोमल भावनाओं की कोमल रचना..

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  2. बहुत ही सुन्दर रचना ...बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें
    कई दिनों से बाहर होने की वजह से ब्लॉग पर नहीं आ सका
    बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..

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  3. पक्का... अब से यही होगा...
    आपकी आज्ञा का शब्दशः पालन होगा...

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  4. स्वयं से छल करके जीवन का क्या लाभ?

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  5. जो दिल की आवाज़ सुनता है, उसे सदैव सही राह मिल ही जाता है।

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  6. हाँ उस रौशनी पर यकीन रखो
    जो तुम्हारे बिना चाहे भी
    तुम्हें राह दिखाती है
    अनवरत जलती रहती है !
    bahut prernadayak kavita likhi hain aap.

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  7. सच कहा ...हम पुरानी बातों को ले कर ही उलझे रहते हैं और उन उलझनों से बाहर नहीं आते ...वर्तमान कि ज़िंदगी भी नहीं जी पाते ...अच्छा सन्देश देती रचना

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  8. ...दिल कभी गूंगा नहीं होता
    शोर से परे उसकी सुनो
    मरने से पहले जी लो ...
    बहुत खुब जी अति सुंदर शव्दो से आप ने मेरे दिल की बात अपनी कविता मे कह दी धन्यवाद

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  9. मरने से पहले जी लो ...

    संवेदनशील भाव .....

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  10. "अपने स्व की तुष्टि के आगे
    वक़्त जाया मत करो
    एहसान से ऊपर
    आईने में खुद को देखो
    क्या हर एहसान
    तुम्हारा अभिमान नहीं है
    या खुद को जिंदा रखने का अभियान ?...."


    बेहद सटीक प्रश्न और विश्लेषण !कविता का हर शब्द साकारात्मक सोच देता हुआ।

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  11. आदरणीया रश्मि प्रभा जी, अत्यंत ही सुन्दर रचना !

    आभार.

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  12. दिल जो चाहता है वही करो ...
    दिल के आगे कभी हार नहीं होती ...

    और जो ये जिंदगी दिल और दिमाग के बीच अड़ी रहती है , उसका क्या करें ...
    वैसे हम तो अक्सर दिल से ही काम लेते हैं ...

    मरने से पहले जी लो ...
    कितना सही है ....
    दिल के बहुत करीब से गुजरी आपकी ये कविता!

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  13. ...दिल कभी गूंगा नहीं होता
    शोर से परे उसकी सुनो
    मरने से पहले जी लो ...

    यह पंक्तियां एक सुखद अनुभूति का अहसास कराती
    सी
    , मन के उन भावों को जगाने के लिये प्रेरित करती हुई जिन्‍हें अक्‍सर हम अनसुना कर देते हैं ...।

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  14. सार्थक आह्वान करती सम्वेंशील कविता.

    सादर

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  15. आदरणीय दीदी,
    दार्शनिकता से भरपूर आपकी इस रचना में निहित सन्देश काफी प्रेरक है और इसमें आपके अनुभव की खुशबू हर तरफ फैली है.

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  16. दिल कभी गूंगा नहीं होता और आत्मा कभी गलत रास्ता नहीं दिखती वह बात और है कि हम उसकी आवाज को नजरअंदाज करके अपने खुराफाती सोच को अंजाम देन.
    सत्य को व्यक्त करती हुई एक सुंदर रचाना के लिए आभार.

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  17. दिल कभी गूंगा नहीं होता
    शोर से परे उसकी सुनो
    मरने से पहले जी लो ...


    इन पंक्तियों में मानव मन की हलचल को बहुत संजीदगी से पेश किया है .....सच कहा है कि मन का शोर सुन लो ....और अगर हम इस शोर को सुन पाने में सक्षम हो पाते हैं तो सही मायने में हम जी पाते हैं ...आपका आभार इस सार्थक रचना के लिए

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  18. ...दिल कभी गूंगा नहीं होता
    शोर से परे उसकी सुनो
    मरने से पहले जी लो ...

    सच कह रही हैं
    एक बार जीकर तो देख ज़िन्दगी संवर जायेगी
    फिर मौत से पहले मौत नही आयेगी

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  19. वाह...

    क्या बात कही है....

    बहुत ही सुन्दर...ग्रहणीय !!!

    सुन्दर भावाभिव्यक्ति,सुन्दर सन्देश !!!

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  20. बेहद सारगर्भित और मर्मस्पर्शी रचना
    सादर,
    डोरोथी.

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  21. sach kaha aapne bahut khoob
    vaise maar to har koi jata hai aur ek hi janam main kai-2 martba marta hai. bas jee koi-koi sakta hai.

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  22. bahut sunder
    kal aapka janamdin hai

    आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई
    ..

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  23. आदरणीया रश्मि प्रभा जी, आपको जन्मदिन की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

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  24. आदरणीया रश्मि प्रभा जी आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें ..स्वीकार करें

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  25. आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं, मुझे आपका प्रोफाइल देख कर पता चला कि आप स्व. सुमित्रा नंदन पन्त जी की वंशज हैं, मैं उनकी रचनायें तब से पढता आ रहा हूँ जब मैं हाई-स्कूल में था, जानकार बहुत प्रसन्नता हुई,

    एक बार फिर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं

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  26. हैप्पी बर्थ डे टू यू......... सादर

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  27. रश्मिप्रभा जी को
    जन्मदिवस की
    हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

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  28. दिल कभी गूंगा नहीं होता
    शोर से परे उसकी सुनो
    मरने से पहले जी लो ...

    जन्म दिवस पर ढेरों शुभ कामनाएं. आज के परिवेश में जहां हर कोई दिमाग से सोच रहा है आपकी ये प्रस्तुति मार्ग दर्शन करेगी

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  29. ब्लॉगर साथी रश्मि प्रभा जी को गुफ्तगू की ओर से जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई. रश्मि जी आपके जन्मदिन के बहाने आपके ब्लॉग पर आना हुआ. लगा धन्य हो गया. कितने ही सुन्दर तरीके से अपने दिल के भावो को शब्दों में पिरो कर कविता लिखती है आप. बधाई. फर्क मात्र इतना है की मै भी कुछ ऐसे ही भावो से गुफ्तगू करता हूँ. आपका भी मेरी गुफ्तगू में स्वागत है.
    www.gooftgu.blogspot.com

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  30. आप रश्मि रश्मि सी महकें ........

    जन्मदिन की बधाई .....!!

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  31. जनम दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

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  32. sach kahati hai marne se pahle ji lo.
    bahut khubsurat hai bhav....

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  33. व्यस्तता के कारण आ नहीं पाया था दीदी ... कैट तो हमेशा की तरह बहुत सुन्दर है ... और प्रेरणादायक है ...

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  34. मरने से पहले जी लो ...
    मेरे दिल को बहुत करीब से छू लिया आपने...शुक्रिया...

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  35. तुम तो अप्राप्य के पीछे
    प्राप्य से अलग दौड़ लगा रहे हो
    खुद को दोष ना देकर
    दूसरों को कारण बता रहे हो
    हर धागे से खुद को खुद ही उलझाकर
    उसे तोड़ते जा रहे हो

    hum sabhi ye galti kabhi na kabhi karte hain... jitna jaldi ye sabak seekh len utna achcha! bahut sunder!!! saadar

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  36. मैं तो कहूँगी की मरना किसने दिखा है ..इसलिए सिर्फ जी...जी...जीते रहो .

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एहसास

 मैंने महसूस किया है  कि तुम देख रहे हो मुझे  अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में  मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...