10 अगस्त, 2011

साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है



तुम्हारी पुतलियों को मैंने
अपनी आँखों में लगा लिया है
तुम्हारी आँखों से कुछ देर
दुनिया को देखने का इरादा है
तब तक तुम आराम करो ...
आँखें तुम्हारी , ढंग मेरा
जो तुम नहीं कर सके
उसे मैं करती हूँ ....
घबराओ मत
मैं उन चीजों को जगह से बेजगह नहीं करुँगी
जिनसे तुम्हें एक सुकून मिलता है
पर उन दीवारों के रंग बदल दूंगी
जो तुम्हें करवटें लेने को बाध्य करते हैं !

ज़िन्दगी की गाड़ी
कभी एक पहिये से नहीं चलती
एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं
वह भी कुछ देर के लिए
पूरी ज़िन्दगी में दो पहिये
फिर तीन ... फिर ....
साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है
.....

51 टिप्‍पणियां:

  1. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं
    वह भी कुछ देर के लिए
    बिल्‍कुल सच कहा है इन पंक्तियों में आपने हर शब्‍द गहरे उतरते हुये सटीक एवं सार्थक अभिव्‍यक्ति के लिये आभार ।

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  2. वाकई जीवन अकेले पहिये पर नहीं चल सकता... बहुत बढ़िया कविता....

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  3. Bahut sundar bhav ko sundar shabd diya hai . milkar hi chalana manjil tak ke jata hai .

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  4. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं
    वह भी कुछ देर के लिए ...सही कहा ..सार्थक प्रस्तुति.....आभार...

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  5. बहुत सही कहा है आपने जीवन में तालमेल जरुरी है...।

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  6. कितना प्रेम और विश्वास और तसल्ली ...जैसे कह रही हों ...
    मैं हूँ ना !
    तनावग्रस्त कोशिकाएं एकदम से शिथिल हो जाती हैं ...
    बहुत बढ़िया !

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  7. मैं उन चीजों को जगह से बेजगह नहीं करुँगी
    जिनसे तुम्हें एक सुकून मिलता है
    पर उन दीवारों के रंग बदल दूंगी
    जो तुम्हें करवटें लेने को बाध्य करते हैं !

    बहुत सुंदर मन के भाव और बहुत सही दिशा सोच की ....
    सार्थक रचना .
    सादर.

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  8. हम न जाने क्या पाने की ख्वाइश में बस भागे जा रहे है...फिर एक बार जैसे हम खो गए थे इस दुनिया की भाग दौड़ में,आपने हमें याद दिला दिया की साथ-साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है...आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ...

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  9. पहियों की संख्या बढ़ जाती है फिर भी साथ मिल कर संतुलित कर लिया जाता है .. सही कहा यदि एक दुसरे की सोच के अनुसार चला जाये तो कितना सरल होगा जीवन .. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति

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  10. sach hi kaha hai aapane, insaan to sab hote hain lekin najariya alag alag hota hai. tabhi to kisi ka sach kisi ko jhooth lagane lagata hai. isa liye kabhi kabhi jindgi ko doosaron kee ankhon se dekh lena chahie.

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  11. Bilkul sahi kaha apne jindgi ki gadi ek pahiye par nahi chalti,,,,
    ytharth
    jai hind jai bharat

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  12. शब्द जो जिंदगी को संतुलित करते हैं वही शब्द हैं आपके..सार्थक


    कई जिस्म और एक आह!!!

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  13. पर उन दीवारों के रंग बदल दूंगी
    जो तुम्हें करवटें लेने को बाध्य करते हैं !
    मन के भाव पूर्ण रूप से उतर आये है इन पंक्तियो मे …………सुन्दर भावमयी रचना।

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  14. साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है
    yahi to sach hai......bahut sunder.

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  15. खूबसूरत अहसास को किसी खूबसूरती से एक नज़्म में ढाला है....…सुन्दर भावमयी रचना।

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  16. साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है
    ये बात सच है...... पर सही हो
    ये ज़रूरी तो नहीं

    कई बार ज़िन्दगी अकेले गुज़ारने को भी कहते हैं
    _______

    खुद में....खुद को जीने को भी कहते हैं
    एक सांस.....खुद के लिए लेने को भी कहते हैं
    हाँ .......
    तुम्हारे साथ चलकर मैंने इस दुनिया को पाया है
    औ इससे जुडी हर ख़ुशी को भी

    पर जीवन को पाया ......खुद को खुद में जी कर
    खुद के लिए एक नए सिरे से....खुद को बुन कर
    अपने लिए कुछ अनदेखे सपनों को....चुन कर

    क्या ये जीवन को पाना नहीं ......?

    गुंजन

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  17. साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है
    sahi kaha mausi....aabhar

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  18. रश्मि दी ..........

    आपकी आज की कविता बेहद सुंदर भी है और...... ज़िन्दगी के मायनों पर खरी भी
    आपकी रचना पर कुछ लिखने की कोशिश की है मैंने ...... कैसी लगी बताईएगा

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  19. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं

    पुरानी बात को नए अंदाज़ में कहना अच्छा लगा ।
    अति सुन्दर ।

    जवाब देंहटाएं
  20. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं

    पुरानी बात को नए अंदाज़ में कहना अच्छा लगा ।
    अति सुन्दर ।

    जवाब देंहटाएं
  21. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं
    वह भी कुछ देर के लिए
    पूरी ज़िन्दगी में दो पहिये
    फिर तीन ... फिर ....
    साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है
    .....

    जीवन का गहन सत्य दर्शाती बहुत सुंदर प्रस्तुति...आभार

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  22. साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है...
    बिल्‍कुल सच कहा है इन पंक्तियों में आपने हर शब्‍द सटीक एवं सार्थक .... आभार...

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  23. बड़ी सुन्दर और सच्ची बात कही है दी...
    सादर...

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  24. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं
    वह भी कुछ देर के लिए
    पूरी ज़िन्दगी में दो पहिये
    फिर तीन ... फिर ....
    साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है
    .....lakh take kee baat..
    bahut badiya saarthak prastuti ke liye aabhar!

    जवाब देंहटाएं
  25. bhavmay karte shabd , jindgi ki gaadee lay hone par hi chaltee hai , aur lay miljul kar hi aatee hai badhai

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  26. सत्य कहा आपने....एक पहिये पे करामात दिखाई जाती है ....गाडी चलती दो पहियों पर ही है...

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  27. किसी को पढ़ना, उसकी आँखों से दुनिया देखने जैसा है।

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  28. तुम्हारी पुतलियों को मैंने
    अपनी आँखों में लगा लिया है
    तुम्हारी आँखों से कुछ देर
    दुनिया को देखने का इरादा है
    doosre ki nazar se duniya dekhna sab se nahin ho pata

    जवाब देंहटाएं
  29. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं
    वह भी कुछ देर के लिए
    पूरी ज़िन्दगी में दो पहिये
    फिर तीन ... फिर ....
    साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है


    आपने बहुत सुन्दर शब्दों में अपनी बात कही है। शुभकामनायें।

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  30. hmmm... ham jaison ki umra ke liye bahut hi pyaari kavita...
    seekhna chahiye hame...
    thank you so much Badi maa... :)
    mai yaad rakhungi ki gaadi donon pahiyon par barabar chalti hai...

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  31. कोई भी गाडी दुनिया में...एक पहिये से नहीं चलती...चले नहीं ज़िन्दगी बिन साथ के...

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  32. सही कहा यदि एक दुसरे की सोच के अनुसार चला जाये तो कितना सरल होगा जीवन .. बहुत अच्छी अभिव्यक्ति !!
    मेरा आपसे निवेदन है कि 16 अगस्त से आप एक हफ्ता देश के नाम करें, अन्ना के आमरण अनशन के शुरू होने के साथ ही आप भी अनशन करें, सड़कों पर उतरें। अपने घर के सामने बैठ जाइए या फिर किसी चौराहे या पार्क में तिरंगा लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाइए। इस बार चूके तो फिर पता नहीं कि यह मौका दोबारा कब आए।

    जवाब देंहटाएं
  33. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं

    bahut sundar

    जवाब देंहटाएं
  34. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं
    वह भी कुछ देर के लिए
    पूरी ज़िन्दगी में दो पहिये
    फिर तीन ... फिर ....
    साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है ...behad sundar panktiyan..aaderniya rashmi ji meri do kavitaon ko parikalpana jaise manch per aapka sneh mila ..mujhe protsahit karne ke liye main hriday se aapka abhari hoon..sadar pranam ke sath

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  35. साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है।
    सही है मगर....

    चलते चलते मिल जाते हैं
    खो जाते हैं चलते चलते
    जहां न हो चौराहा कोई
    ऐसी राह मगर कहां है?

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  36. आपकी पोस्ट आज के चर्चा मंच पर प्रस्तुत की गई है
    कृपया पधारें
    चर्चा मंच

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  37. साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है ------ और जो साथ न चल पाएँ...उनका क्या...छोड़ दिए जाएँगे पीछे....अकेले तन्हाँ !!!!

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  38. बिलकुल सच है दी ,ये प्यार और विश्वास ही जीवन का सार है ..... सादर !

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  39. पर उन दीवारों के रंग बदल दूंगी
    जो तुम्हें करवटें लेने को बाध्य करते हैं !

    kaash ham esi saari diwaaron ke rang badal sakte… haan koshish zaroor jaari hai… bahut sunder rachna!

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  40. बहुत खूब! बहुत ही खूबसूरती से आपने सच्चाई को सामने रख दिया है। सभी लोग कह चुके हैं मै क्या कहूँ। आपको आभार व्यक्त करती हूँ इस खूबसूरत रचना के लिये।

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  41. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं
    वह भी कुछ देर के लिए
    पूरी ज़िन्दगी में दो पहिये
    फिर तीन ... फिर ....
    साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है
    bahut hi sunder
    rachana

    जवाब देंहटाएं
  42. ज़िन्दगी की गाड़ी
    कभी एक पहिये से नहीं चलती
    एक पहिये पर तो करामात दिखाए जाते हैं
    वह भी कुछ देर के लिए
    पूरी ज़िन्दगी में दो पहिये
    फिर तीन ... फिर ....
    साथ साथ मिलकर चलना ही जीवन को पाना है
    .....

    gajab...

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  43. आज मैं पहुच ही गया आपके ब्लॉग पर रश्मि जी. बहुत प्रभावित हूँ. लोगों ने इतना कुछ लिख दिया कि मेरे लिए कुछ बचा ही नहीं. बस इतना ही कहूँगा कि फिलहाल ....निःशब्द हूँ.

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  44. सुन्दर विचार |
    सुन्दर रचना |

    जवाब देंहटाएं
  45. आँखें तुम्हारी , ढंग मेरा
    जो तुम नहीं कर सके
    उसे मैं करती हूँ ....
    घबराओ मत
    मैं उन चीजों को जगह से बेजगह नहीं करुँगी
    जिनसे तुम्हें एक सुकून मिलता है
    पर उन दीवारों के रंग बदल दूंगी
    जो तुम्हें करवटें लेने को बाध्य करते हैं !

    waah!!!!!!!!

    yahi agar jeena ka andaaz sab apna len to yah duniya kitni khubsoorat hojayegi.....

    bahut behtareen aur sakaratmak rachna....

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एहसास

 मैंने महसूस किया है  कि तुम देख रहे हो मुझे  अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में  मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...