नया साल तुम्हारी जिजीविषा को
विजिगीषा बनाये
तुम्हारी रगों में वो सारी शक्तियां दौड़ें
जो दुर्गा की रचना में
सभी देवताओं ने दी थी
चंड मुंड शुम्भ निशुम्भ
महिषासुर जैसे असुरों का सर्वनाश तुम स्वयं करो
आदिशक्ति का संचार खुद महादेव ने किया है
तुम्हारी स्वाभाविक स्थिति का भान
तुम्हें ही करवाने के लिए
उन्होंने खुद को भी दुःख दिया
उस दुःख का मोल चुकाओ
अपनी सामर्थ्य का हर शस्त्र उठाओ
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सीता,अहिल्या बनने का युग नहीं
ना ही खुद को शापित अनुभव करने का युग है
इंतज़ार करना कमजोरी है
एक एक चिंगारी तुम्हारे अन्दर है
धधको,भभको
हर घृणित अपराधी को
गलाओ,सुखाओ ........ जला डालो
अपने स्वत्व का अभिषेक खुद करो
'बेटी' होने की गरिमा को
महिमामंडित करो
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और हर वर्ष गर्व से कहो
'यह नया वर्ष मेरा है
मेरी माँ का है
मेरे पिता का है
मेरे भाई का है
मेरे अपनों का है '
नया वर्ष स्वतः उनलोगों के सर पर हाथ रखेगा
जो यकीनन इन संबंधों के घेरे में आते हैं .......
नया वर्ष आजीवन सत्य का हो
न्यायिक हो
सफल हो
शिव हो सुन्दर हो
विघ्नहर्ता के क़दमों से इसका आरम्भ हो
- शुभकामनायें- :(