14 फ़रवरी, 2013

फिर आया प्यार का दिन :)


लो फिर आया प्यार का दिन 
और ऋतुराज बसंत 
प्यार की राह में 
लाल गुलाब के लफ्ज़ लिए हीर रांझे को ढूंढ रहे  ....
अरे बसंत 
जिधर नज़र डालो उधर गले में बांह डाले प्यार 
जिल्लेइलाही को ठेंगा दिखा रहा है !
तुम किस दौर में झूम रहे ?
फूलों के जहाँपनाह 
अब कलियाँ भौरों का इंतज़ार नहीं करतीं 
भौंरों के पीछे दौड़ जाती हैं 
पहले तो एक नज़र के दीदार को तरसते थे न प्रेमी 
अब ..... एक गुलाब से भी दिल नहीं भरता ....
ओह बसंत -
इस प्यार वाले दिन 
पहली तारीख की सैलरी जैसी ख़ुशी होती है 
अरे हाँ वही अंग्रेजी में वैलेंटाइन डे ....
बित्ते भर कपड़ों में हीर 
उजड़े बालों में रांझे 
बिजली के तार से बिखरे मिलते हैं 
अजी किसकी मजाल है 
जो उनके बीच में आये !
मुश्किल से मिले इज़हार के दिन को 
जी भरके जीते हैं आज के रांझे और हीर 
एक फूल इसको एक फूल उसको 
दोनों तरफ अप्रैल फ़ूल का गेम चलता है  !
फूलवाले की चांदी,
टेडी बिअर की दूकान में भीड़ ही भीड़ 
पुलिसवाले भी पकड़ने लगते हैं प्रेमियों को 
ताज़ी खबर के लिए 
जबकि यह तो हर दिन का नज़ारा है 
...........
आह !
खो गई सब चांदनी रातें 
दोपहर की धूप में धीरे से छत पर पहुंचने की कोई कवायद नहीं 
कैसे कहें हाल की समस्या नहीं .......
अमां बसंत,
मोबाइल पर फटाफट चलती उंगलियाँ 
आधी रात तक महाकाव्य लिखती हैं प्यार का 
और वैलेंटाइन तो स्टाइल है 
प्रेम को सरेराह दिखाने का 
तो आराम से देखो -
फिर आया है प्यार का दिन 

33 टिप्‍पणियां:

  1. रश्मि जी, जन्म[दिन की बहुत-बहुत मुबारक और शुभकामनायें!....

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  2. प्यार दिन पर कुछ अलग रंग में .........शुभकामनायें

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  3. इतनी सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई.
    मेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है,आपका परामर्श चाहिए.
    "ब्लॉग कलश"

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  4. अब कलियाँ भौरों का इंतज़ार नहीं करतीं
    भौंरों के पीछे दौड़ जाती हैं


    एक फूल इसको एक फूल उसको
    दोनों तरफ अप्रैल फ़ूल का गेम चलता है !


    अमां बसंत,
    मोबाइल पर फटाफट चलती उंगलियाँ
    आधी रात तक महाकाव्य लिखती हैं प्यार का

    सटीक विवरण प्यार के दिवस का ... :):)

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  5. तो आराम से देखो -
    फिर आया है प्यार का दिन
    जहाँ .. शब्‍दों के रंग इन्‍द्रधनुषी रंग बिखेर रहे हैं

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  6. सब कुछ बदल गया तो प्यार भी पीछे कैसे रहे सो इसके इजहार का स्टाइल भी बदल गया है
    बाकी प्यार पर किया जाने वाला व्यापार चांदी ही चांदी काट रहा है ...सटीक रचना !
    हार्दिक बधाई शुभकामनायें ...

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  7. वाह ! आधुनिक प्रेम का कैसा मस्ती भरा वर्णन..

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  8. प्यार के दिन तो हर दिन है बस उसमें बसंत का रंग मिला लें तो वह अविस्मरनीय बन जाता है।

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  9. प्रेम की दाल में नए दौर पर व्यंग्य का तीखा तड़का.....बेमिसाल।

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  10. कैसा देखो प्रेम है,करे आधुनिक प्यार
    मिलकर दोनों एक जगह,करते फिर मनुहार,,,


    RECENT POST... नवगीत,

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  11. प्यार का आधुनिक रूप , मुन्नी, शीला और फेविकोल ..

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  12. लो आया प्यार का मौसम...सरेआम इजहार का मौसमः)

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  13. स्वरुप बदला पर प्यार का दिन तो है ...

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  14. अब कलियाँ भौरों का इंतज़ार नहीं करतीं
    भौंरों के पीछे दौड़ जाती हैं
    .............................


    एक फूल इसको एक फूल उसको
    दोनों तरफ अप्रैल फ़ूल का गेम चलता है !...........................


    अमां बसंत,
    मोबाइल पर फटाफट चलती उंगलियाँ
    आधी रात तक महाकाव्य लिखती हैं प्यार का


    आज का सच. कल शायद इस से कुछ आगे हो
    Latest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !

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  15. रश्मि जी, सबसे पहले तो 'जन्मदिन की हार्दिक बधाई!' :-)
    और क्या खूब चित्रण किया है Valentine's Day का... बहुत खूब !
    ~सादर!!!

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  16. ओह बसंत -
    इस प्यार वाले दिन
    पहली तारीख की सैलरी जैसी ख़ुशी होती है
    अरे हाँ वही अंग्रेजी में वैलेंटाइन डे ....
    बित्ते भर कपड़ों में हीर
    उजड़े बालों में रांझे------अदभुत
    वर्तमान में जैसा हो रहा है इसका सहज शब्द चित्र
    गहरे तक उतरने वाला
    बहुत बहुत बधाई



















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  17. आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें..

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  18. आधुनिक प्यार का रोचक वर्णन... :)

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  19. एक फूल इसको , एक उसको , अप्रैल फूल का गेम चलता रहता है।
    फूल बांटने वालों से पूछ लो वसंत पंचमी के बारे में .....

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  20. मोबाइल पर फटाफट चलती उंगलियाँ
    आधी रात तक महाकाव्य लिखती हैं प्यार का

    वाह क्या सच कहा है. नित एक महाकाव्य का निर्माण.

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  21. अब कलियाँ भौरों का इंतज़ार नहीं करतीं
    भौंरों के पीछे दौड़ जाती हैं.......100 fishdi sahi.....

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  22. प्यार के इज़हार के लिए सिर्फ एक ही दिन क्यों ?

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  23. दोनों तरफ अप्रैल फ़ूल का गेम चलता है !मजेदार..आनंद आया .

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  24. बहुत सुन्दर ..बहुत खूब ...क्या सही चित्र खींचा है वैलेंटाइन डे का ......

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  25. बसंती बयार में प्यार का दिन. बहुत सुंदर कविता के माध्यम से यह इजहार और भी अच्छा लगा.

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  26. बहुत ही सही
    आज कल प्यार का असली रूप कहीं छुप गया है
    सबके पीछे कोई ना कोई प्रयोजन

    सादर !

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  27. बहुत ही बढ़ियाँ
    एकदम सही वर्णन....

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