लो फिर आया प्यार का दिन
और ऋतुराज बसंत
प्यार की राह में
लाल गुलाब के लफ्ज़ लिए हीर रांझे को ढूंढ रहे ....
अरे बसंत
जिधर नज़र डालो उधर गले में बांह डाले प्यार
जिल्लेइलाही को ठेंगा दिखा रहा है !
तुम किस दौर में झूम रहे ?
फूलों के जहाँपनाह
अब कलियाँ भौरों का इंतज़ार नहीं करतीं
भौंरों के पीछे दौड़ जाती हैं
पहले तो एक नज़र के दीदार को तरसते थे न प्रेमी
अब ..... एक गुलाब से भी दिल नहीं भरता ....
ओह बसंत -
इस प्यार वाले दिन
पहली तारीख की सैलरी जैसी ख़ुशी होती है
अरे हाँ वही अंग्रेजी में वैलेंटाइन डे ....
बित्ते भर कपड़ों में हीर
उजड़े बालों में रांझे
बिजली के तार से बिखरे मिलते हैं
अजी किसकी मजाल है
जो उनके बीच में आये !
मुश्किल से मिले इज़हार के दिन को
जी भरके जीते हैं आज के रांझे और हीर
एक फूल इसको एक फूल उसको
दोनों तरफ अप्रैल फ़ूल का गेम चलता है !
फूलवाले की चांदी,
टेडी बिअर की दूकान में भीड़ ही भीड़
पुलिसवाले भी पकड़ने लगते हैं प्रेमियों को
ताज़ी खबर के लिए
जबकि यह तो हर दिन का नज़ारा है
...........
आह !
खो गई सब चांदनी रातें
दोपहर की धूप में धीरे से छत पर पहुंचने की कोई कवायद नहीं
कैसे कहें हाल की समस्या नहीं .......
अमां बसंत,
मोबाइल पर फटाफट चलती उंगलियाँ
आधी रात तक महाकाव्य लिखती हैं प्यार का
और वैलेंटाइन तो स्टाइल है
प्रेम को सरेराह दिखाने का
तो आराम से देखो -
फिर आया है प्यार का दिन
रश्मि जी, जन्म[दिन की बहुत-बहुत मुबारक और शुभकामनायें!....
जवाब देंहटाएंफिर आया है प्यार का दिन... बधाई.
जवाब देंहटाएंप्यार दिन पर कुछ अलग रंग में .........शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं..
इतनी सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई.
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है,आपका परामर्श चाहिए.
"ब्लॉग कलश"
अब कलियाँ भौरों का इंतज़ार नहीं करतीं
जवाब देंहटाएंभौंरों के पीछे दौड़ जाती हैं
एक फूल इसको एक फूल उसको
दोनों तरफ अप्रैल फ़ूल का गेम चलता है !
अमां बसंत,
मोबाइल पर फटाफट चलती उंगलियाँ
आधी रात तक महाकाव्य लिखती हैं प्यार का
सटीक विवरण प्यार के दिवस का ... :):)
तो आराम से देखो -
जवाब देंहटाएंफिर आया है प्यार का दिन
जहाँ .. शब्दों के रंग इन्द्रधनुषी रंग बिखेर रहे हैं
सब कुछ बदल गया तो प्यार भी पीछे कैसे रहे सो इसके इजहार का स्टाइल भी बदल गया है
जवाब देंहटाएंबाकी प्यार पर किया जाने वाला व्यापार चांदी ही चांदी काट रहा है ...सटीक रचना !
हार्दिक बधाई शुभकामनायें ...
वाह ! आधुनिक प्रेम का कैसा मस्ती भरा वर्णन..
जवाब देंहटाएंप्यार के दिन तो हर दिन है बस उसमें बसंत का रंग मिला लें तो वह अविस्मरनीय बन जाता है।
जवाब देंहटाएंप्रेम की दाल में नए दौर पर व्यंग्य का तीखा तड़का.....बेमिसाल।
जवाब देंहटाएंकैसा देखो प्रेम है,करे आधुनिक प्यार
जवाब देंहटाएंमिलकर दोनों एक जगह,करते फिर मनुहार,,,
RECENT POST... नवगीत,
प्यार का आधुनिक रूप , मुन्नी, शीला और फेविकोल ..
जवाब देंहटाएंये मारा चौका आपने :):)
जवाब देंहटाएंलो आया प्यार का मौसम...सरेआम इजहार का मौसमः)
जवाब देंहटाएंwaah! waah! waa!
जवाब देंहटाएंkarara vyang....Satik bilkul
Bahut hi sundar
स्वरुप बदला पर प्यार का दिन तो है ...
जवाब देंहटाएंअब कलियाँ भौरों का इंतज़ार नहीं करतीं
जवाब देंहटाएंभौंरों के पीछे दौड़ जाती हैं
.............................
एक फूल इसको एक फूल उसको
दोनों तरफ अप्रैल फ़ूल का गेम चलता है !...........................
अमां बसंत,
मोबाइल पर फटाफट चलती उंगलियाँ
आधी रात तक महाकाव्य लिखती हैं प्यार का
आज का सच. कल शायद इस से कुछ आगे हो
Latest post हे माँ वीणा वादिनी शारदे !
रश्मि जी, सबसे पहले तो 'जन्मदिन की हार्दिक बधाई!' :-)
जवाब देंहटाएंऔर क्या खूब चित्रण किया है Valentine's Day का... बहुत खूब !
~सादर!!!
piyaar ka accha chitran kiya ....aaj ke jamaane ka....
जवाब देंहटाएं
जवाब देंहटाएंओह बसंत -
इस प्यार वाले दिन
पहली तारीख की सैलरी जैसी ख़ुशी होती है
अरे हाँ वही अंग्रेजी में वैलेंटाइन डे ....
बित्ते भर कपड़ों में हीर
उजड़े बालों में रांझे------अदभुत
वर्तमान में जैसा हो रहा है इसका सहज शब्द चित्र
गहरे तक उतरने वाला
बहुत बहुत बधाई
आपको जन्मदिन की ढेरों शुभकामनायें..
जवाब देंहटाएंआधुनिक प्यार का रोचक वर्णन... :)
जवाब देंहटाएंbahut sunder...
जवाब देंहटाएंएक फूल इसको , एक उसको , अप्रैल फूल का गेम चलता रहता है।
जवाब देंहटाएंफूल बांटने वालों से पूछ लो वसंत पंचमी के बारे में .....
मोबाइल पर फटाफट चलती उंगलियाँ
जवाब देंहटाएंआधी रात तक महाकाव्य लिखती हैं प्यार का
वाह क्या सच कहा है. नित एक महाकाव्य का निर्माण.
अब कलियाँ भौरों का इंतज़ार नहीं करतीं
जवाब देंहटाएंभौंरों के पीछे दौड़ जाती हैं.......100 fishdi sahi.....
प्यार के इज़हार के लिए सिर्फ एक ही दिन क्यों ?
जवाब देंहटाएंदोनों तरफ अप्रैल फ़ूल का गेम चलता है !मजेदार..आनंद आया .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..बहुत खूब ...क्या सही चित्र खींचा है वैलेंटाइन डे का ......
जवाब देंहटाएंबसंती बयार में प्यार का दिन. बहुत सुंदर कविता के माध्यम से यह इजहार और भी अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंबहुत ही सही
जवाब देंहटाएंआज कल प्यार का असली रूप कहीं छुप गया है
सबके पीछे कोई ना कोई प्रयोजन
सादर !
बहुत ही बढ़ियाँ
जवाब देंहटाएंएकदम सही वर्णन....