परिक्रमा तो मैंने बहुत सारी की
और जाना -
,..... हर रिश्तों की अपनी अपनी अग्नि होती है
अपने अपने मंत्र ....
पूरी परिक्रमा तो अभी शेष ही है
जो शेष रह ही जाती है
क्योंकि शेष में ही आगामी विस्तार है !
इस मध्यरूपेण यात्रा में इतना जाना
कि मंत्र मन के खामोश स्वर से निःसृत होते हैं
और वही निभते और निभाये जाते हैं !
हम सब जानते हैं
जीवन के प्रत्येक पृष्ठ पर
कथ्य और कृत्य में फर्क होता है
और इसे जानना समझना
सहज और सरल नहीं ...
सम्भव भी नहीं
..... !!!
इस परिक्रमा के पहले दौर में ही
शायद नहीं चाहते हुए भी
मैंने संस्कारों को अपना प्रतिनिधि बनाया ...
विरासत में कुछ सोच ही मिले थे घर से
जिनके विरोध में हम आपस में तर्क करते गए
पर - किया वही
जो जड़ से मिला ...
जड़ें गहरी थीं
कटकर भी ख्याल पनपते गए
पौधे से वृक्ष का
घने वृक्ष का सिलसिला चलता रहा ...
दुखद कहें
या हास्यास्पद
या अद्भुत
वृक्ष की छाँव में बहेलिया भी बैठा जाल लेकर
घोंसले में पक्षी भयभीत हुए
पर वृक्ष की परम्परागत शाखाओं ने
उन्हें भय का स्वर्णिम उद्देश्य सिखाया
कहा -
बहेलिया नहीं बदलेगा - तय है
तो हम क्यूँ बदल जाएँ
जीवन की बाजी यूँ ही चलती है
जीत हार में भी होती है
दिखाई बाद में देती है"
....
परिक्रमा के रास्ते सीधे नहीं थे
जितनी आसानी से कोई कहानी कही जाती है
उतने आसान न रास्ते होते हैं
न मन की स्थिति
विरोध के दावानल में घिरा मन
मस्तिष्क से जूझता रहता है
जूझते मन की ऐसी दशा से
हर युग की मुलाकात हुई - स्तम्भ की तरह
हर पलड़े पर संस्कार भारी पड़ा
फिर भी ...
असत्य अंगारे बिछाता गया ...
पाँव के छाले अपने नहीं होते
तो सब प्रश्नपत्र लेकर बैठ जाते हैं
अपनों के निर्मित कटघरे में
मोह के कई बंधन टूट जाते हैं
टूटे धागे
कांच की तरह चुभते हैं
अदृश्य दर्द के निशान
कई कहानियों का समापन होते हैं !
....
अंत एक दर्शन है
जीवन की साँसों का
रिश्तों का
विश्वास का, प्यार का ...........
एक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है
अद्वैत के प्रस्फुटित मंत्रोचार में
जो सूर्योदय की प्रत्येक किरण की परिक्रमा में है
और ख़त्म नहीं होती
....
परिक्रमा अभी बाकी है .... कुछ रहस्य,कुछ तथ्य - अभी बाकी हैं
कब तक ???????
यह भी एक रहस्यात्मक तथ्य है !
एक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है
जवाब देंहटाएंअद्वैत के प्रस्फुटित मंत्रोचार में
जो सूर्योदय की प्रत्येक किरण की परिक्रमा में है
और ख़त्म नहीं होती
कुछ परिक्रमायें कभी खत्म नहीं होतीं । एक बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति।
बहेलिया नहीं बदलेगा - तय है
जवाब देंहटाएंतो हम क्यूँ बदल जाएँ
जीवन की बाजी यूँ ही चलती है
जीत हार में भी होती है
दिखाई बाद में देती है"
एक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है
अद्वैत के प्रस्फुटित मंत्रोचार में
परिक्रमा अभी बाकी है .... कुछ रहस्य,कुछ तथ्य - अभी बाकी हैं
कब तक ???????
यह भी एक रहस्यात्मक तथ्य है !
रहस्यात्मक ही सत्य-शिव-सुन्दर है !
एक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है
जवाब देंहटाएंअद्वैत के प्रस्फुटित मंत्रोचार में
जो सूर्योदय की प्रत्येक किरण की परिक्रमा में है
और ख़त्म नहीं होती---------
अद्भुत---निःशब्द
वाकई जीवन ही एक रहस्य है और उसकी परिक्रमा लगाना
नर्मंदा की परिक्रमा लगाने से भी कठिन और दुरुह है
नयी सोच और नये संदर्भ की सुंदर रचना
एक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है
जवाब देंहटाएंअद्वैत के प्रस्फुटित मंत्रोचार में
जो सूर्योदय की प्रत्येक किरण की परिक्रमा में है
और ख़त्म नहीं होती---------
अद्भुत---निःशब्द
वाकई जीवन ही एक रहस्य है और उसकी परिक्रमा लगाना
नर्मंदा की परिक्रमा लगाने से भी कठिन और दुरुह है
नयी सोच और नये संदर्भ की सुंदर रचना
जीवन सचमुच एक रहस्य है
जवाब देंहटाएंपरिक्रमा अभी बाकी है .... कुछ रहस्य,कुछ तथ्य - अभी बाकी हैं
जवाब देंहटाएंऔर रहेंगे हमेशा बाकी.....शायद...
बेहतरीन रचना दी...
सादर
अनु
जीवन का हर सच जब तक सामने ना आ जाए यह हमेश एक रहस्य रहेगा
जवाब देंहटाएंlatest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ
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जीवन चक्र चलता ही रहेगा ...
जवाब देंहटाएंसंस्कार दृढ़ हैं.. यही शस्त्र बनेंगे...बहेलिए कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा...
जवाब देंहटाएं~सादर!!!
परिक्रमा अनवरत है दीदी! हमें केवल आभास होता है कि परिक्रमा पूर्ण होने को आयी.. लेकिन रिश्तों की परिक्रमा जब परम्परा नहीं, जड़ रूढियों के मार्ग से होकर परिक्रमा करती है तो वह बन जाता है दुष्चक्र.. कभी न समाप्त होने वाला..
जवाब देंहटाएंरहस्य तो यह जीवन ही है... और हम अभिमन्यु की तरह इस जीवन में उतरने का मार्ग तो जानते हैं, निकलने का नहीं.. इससे मुक्ति मिलती भी तो नहीं!!
रोचक तथ्य के बाद भी जीवन चक्र यू ही चलता रहेगा ,आभार,
जवाब देंहटाएंRECENT POST : क्यूँ चुप हो कुछ बोलो श्वेता.
जीवन की बाजी यूँ ही चलती है
जवाब देंहटाएंजीत हार में भी होती है
दिखाई बाद में देती है"
sahmat hoon. Apne aehsas kuchh hara bhara kar paya.
aabhar:-
Kunwar
जीवन की यात्रा से जुड़ा कितना कुछ यूँ बहता रहता है ...
जवाब देंहटाएं. हर रिश्तों की अपनी अपनी अग्नि होती है
जवाब देंहटाएंअपने अपने मंत्र ..
सुंदर रचना
जीवन भर चलती है ये परिक्रमा .... इसके बारे में जितना जानो या सोचो कम है .... गहन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंजीवन की बाजी , जीत हार से परे , . संस्कारों की थाती , पांवों के छाले, यह परिक्रमा अनंत है ...मगर यह परिक्रमा ही जीवन भी है !!
जवाब देंहटाएंजीत हार में भी होती है
जवाब देंहटाएंदिखाई बाद में देती है
दिल को छू गयी ये पंक्तियाँ. बहुत अच्छी लगी रचना.
वृक्ष की परम्परागत शाखाओं ने
जवाब देंहटाएंउन्हें भय का स्वर्णिम उद्देश्य सिखाया
कहा -
बहेलिया नहीं बदलेगा - तय है
तो हम क्यूँ बदल जाएँ
जीवन की बाजी यूँ ही चलती है
जीत हार में भी होती है
दिखाई बाद में देती है"
इन पंक्तियों का सच हर पल जिंदगी के साथ परिक्रमा करता है ....
सादर
जीवन के इस रहस्य को जानना ही तो श्रृष्टि को जानना है .. जो आसां नहीं होता इस नश्वर शरीर के लिए ...
जवाब देंहटाएंमुग्ध सी पढ़ती गई बस ...एक बार नहीं कई बार !सोचती गई समझती गई आपके इस चिंतन की गहराई में उतरती गई !
जवाब देंहटाएंसंस्कारों के साथ चलने वाली जीवन परिक्रमा जारी रहती है अंतिम सांस तक फिर भी रहस्य ज्यों का त्यों बना रहता है, जीवन के साथ-साथ रहस्य का चक्र भी जारी है जन्मो से... गहन भाव ...आभार
जवाब देंहटाएंएक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है
जवाब देंहटाएंअद्वैत के प्रस्फुटित मंत्रोचार में
जो सूर्योदय की प्रत्येक किरण की परिक्रमा में है
और ख़त्म नहीं होती...sahi kaha apne kuch prakrima kabhi khtam nhi hoti....bhaut dino baad apko padha mam... bhaut accha laga....
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंअद्भुत रचना | परन्तु रहस्य कैसे खुलेंगे ये मैं भी नहीं जान पाया आज तक | आभार
जवाब देंहटाएंकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
Tamasha-E-Zindagi
Tamashaezindagi FB Page
जब तक यह जीवन लीला चलेगी ...कई रहस्य खुलेंगे ....ऐसे में विश्वास की डोर रिश्तों की मजबूती से अंजाम पायेगी ...या तो टूटकर बिखर जाएगी या और मज़बूत हो हमारा संबल बन जाएगी ...यह तो समय ही बताएगा ...जैसे जैसे अपने भेद खोलता जायेगा
जवाब देंहटाएंअंत में ही आरम्भ छिपा है..और रहस्य है हर आरम्भ की तरह हर अंत भी..बहुत दिनों बाद आपकी चिर-परिचित शैली में जीवन के नए आयामों पर नव दृष्टि डालती कविता पढ़कर बहुत अच्छा लगा.
जवाब देंहटाएंsahi bat anvarat chalnewaali ....ghatna hai ...parikrama ......
जवाब देंहटाएंकभी कभी ये रहस्य बहुत बेचैनी पैदा करते हैं...किन्तु कुछ रहस्य रहस्य ही बने रहें तो जीवन चलता रहेगा...नहीं तो शिथिलता आ जाएगी|
जवाब देंहटाएंएक अद्भुत रहस्य अंत से आरम्भ होता है
जवाब देंहटाएंअद्वैत के प्रस्फुटित मंत्रोचार में
जो सूर्योदय की प्रत्येक किरण की परिक्रमा में है
और ख़त्म नहीं होती
....कुछ परिक्रमायें अनवरत चलती रहतीं हैं, एक अंतहीन अंत की तलाश में...बहुत सुन्दर और गहन अभिव्यक्ति...
परिक्रमा अभी बाकी है .... कुछ रहस्य,कुछ तथ्य - अभी बाकी हैं
जवाब देंहटाएंसही में कुछ परिक्रमाएँ कभी ख़त्म नहीं होती ...
सादर !
सुन्दर. परिक्रमा कभी पूरी नहीं होती
जवाब देंहटाएंअंत एक दर्शन है
जवाब देंहटाएंजीवन की साँसों का
रिश्तों का
विश्वास का, प्यार का .......
सत्य विचार. गहन दर्शन. सुंदर रचना.
शब्द शब्द गहन अनुभूति और दर्शन से भरा ...!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना दी ...!!
जीवन एक रहस्यअमयी चक्र है.. गहन दर्शन.
जवाब देंहटाएंएक अनजानी डोर से हम भी बांधे है .....परिक्रमा अभी भी जारी है :)
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