कुछ खुमारी में डूबे शब्द हैं
कुछ अंगड़ाई लेते पल
कुछ दिन हैं, कुछ शाम
कुछ सुबह, कुछ जागी रात
एक ही दिशा में अटके कुछ ख्याल
कुछ धरती, कुछ आकाश
चुटकी भर क्षितिज का मिलन
पंछियों की उड़ान
कबूतर की गुटरगूं
…………… सपनों का मिश्रीवाला घर
जलतरंग की मीठी धुन
लहरों का आवेग
नदी की कलकल ध्वनि
संध्या की धीमी रागिनी
पलकों का टिपिर टिपिर मटकना
गौरैये का फुदकना
मुर्गे की बाँग
आम बौर की मादक सुगंध
थोड़ी फागुनी भांग
……
मेरा बचपन
मुझमें जीनेवाली सपनोवाली लड़की
बारिश में नंगे पाँव छप छप दौड़ती लड़की
खुले बाल हवा में इठलाती लड़की
तुम्हारे नाम अपने हस्ताक्षर करती है
अपने सुकून के लिए !
संभव है -
तुम्हें ज़रूरत न हो
फिर भी ख्यालों की प्यास बुझाने के लिए
और कालांतर में समझने के लिए
… हस्ताक्षर का क्या हुआ !!!
है एक हस्ताक्षर - तुम्हारे नाम