पहली बार
कर लो दुनिया मुट्ठी के साथ
जब एक मोबाइल हाथ में आया
तो ... कोई जल गया
और किसी ने कनखिया के देखा
कुछ दिन तक
सबकुछ
जादू जादू जैसा रहा ...
जिस जिसने कहा
कि भाई तौबा
यह बड़ी बेकार की चीज है
वे सब हसरत से मोबाइल को देखते
बहुत वक़्त नहीं लगा
धीरे धीरे यह नन्हा बातूनी
सबके हाथ में
अलग अलग अंदाज में बजने लगा
...
कॉलर ट्यून,रिंग टोन
पूरी दुनिया
सच्ची
मुट्ठी में आ गई .
किसी से
एक कॉल कर लेने की इजाज़त की गुलामी से
सबके सब मुक्त हो गए !
फिर मोबाइल की चोरी होने लगी
संभाल कर रखने के लिए
ऐड और बैग का
नई नई तकनीकों का इजाफा हुआ ...
नई उम्र कहीं भी गुफ़्तगू करती दिखाई देने लगी
पेड़ के नीचे
बालकनी में
टहलते हुए
....
ऐसे में ही एक दिन
देखा था गाड़ी के अंदर
एक लड़के को
वह कभी ठहाके लगाता
कभी बाँये दाँये देखता
सर हिलाता
कुछ बोलता
फिर हँसता .... मुझे पक्का विश्वास हो गया
कोई पागल है !
बच्चों से कहा
तो वे किसी बुद्धिजीवी की तरह बोले
... क्या माँ !
अरे वह इयरफोन लगाए हुए है
वो देखो कान में .....
मैंने कहा,
हाँ हाँ चलो ठीक है
लेकिन इस तरह अकेले गाड़ी में
पागल ही लग रहा है !
फिर यह इयरफोन
सबके कान के स्विच बोर्ड में लगा हुआ
घूमने लगा
अकेले बोलते हुए
सब आसपास से दूर हो गए
किसी को किसी की ज़रूरत नहीं रही
दूर के ढोल सुहाने लगते हैं
हर पल चरितार्थ होने लगा !
लोकल बातचीत
इंटरनेशनल बातचीत
वाट्सएप्प
वीडियो कॉल
सबकुछ इतना आसान
इतना आसान हो गया
कि शिकायतें बढ़ गईं
मिलने की उत्सुकता मिट गई
राजनीति
हत्या
शेरो शायरी
सबकुछ वायरल हो गया ....!
वाट्सएप्प के चमत्कारिक गोलम्बर पर
सब एकसाथ खड़े हो गए
नानी फैमिली
दादी फॅमिली
फैमिली ही फैमिली
ग्रुप ही ग्रुप
जहाँ
लेफ्ट हुए
इन हुए
लूडो फाड़ने सा खेल हो गया !
दुनिया ऐसी मुट्ठी में आई
कि मार्ग की सभी लाइनें अवरुद्ध हो गईं
.....!!!