सुबह सुबह
चिड़िया दिखे
ना दिखे
सूरज के घोंसले की
प्रथम रश्मि के तिनके से
वही जागरण गीत गाती है
अलसाई खुली पलकें
उसीसे सुगबुगाती हैं
शुरू होती है दिनचर्या ...
क्या बनाऊँ
क्या बनाऊँ
का खुशनुमा ख्याल तभी उभरता है
जब बच्चों से घर भरा होता है
होती हैं बेवजह की लड़ाइयां
भले ही नहीं दिखती चिड़िया
पर अदृश्य मन के आंगन में फुदकती रहती है
कभी फुर्र से उड़ती है
कभी कोयल बन कूकती है
सुबह से दोपहर
दोपहर से शाम
शाम से रात
दिन तेजी से भागता है
...
बच्चों के बच्चे
सोने पे सुहागा
ओह ! अरे नहीं !
रुको रुको! कहते
चिड़िया बन जाती है
कुनू अमु
टिश्यू पेपर से कमरा भर रहता है
जैसे बिखरे होते हैं चिड़िया के दाने
कहीं शेर औंधा गिरा होता है
ठहरी होती है गेंद कमरे के बीचोबीच
अगर पांव पड़ा तो लड़खड़ा जाओ
....
हर थोड़ी देर पर चीजों को खोजना
सहेजना
हाय तौबा मचाना
ज़िन्दगी का खूबसूरत फलसफा होता है
कलम जाने कितने दृश्यों को
अपनी पैनी नोक पर उठा लेती है
नशा बढ़ जाए
तो गीत लिख देती है
कहानीकार बन जाती है
समंदर के मध्य चिड़िया
उड़ती है, बैठती है
कुछ दूर तैरती है
सपने धीरू भाई अम्बानी
दशरथ माझी से होते हैं
.....
सूरज के घोंसले से जो चिड़िया आती है
कभी माँ बुलाती है
कभी नानी
कभी दादी
तभी तो
रसोई से आती है कच्ची घानी की खुशबू
गुनगुनाता है घी से लगा तड़का
भूख जगाता है
गरम गरम चावल दाल
नरम नरम रोटियों में होता है अनोखा स्वाद
खिलखिलाती खुशी में
कभी गोलगप्पे मचलते हैं
कभी पाव भाजी
मुँह में भरा होता है पॉपकॉर्न
चिड़िया खिड़की के शीशे पर
टुक टुक चोंच मारती है
उसे देखते हुए
मैं जीती हूँ
बचपन
सोलहवां साल
60 साल से आगे बढ़ते वक़्त को ...
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (20-02-2017) को "सेमल ने ऋतुराज सजाया" (चर्चा अंक-2886) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जिंदगी का खूबसूरत फ़लसफा .... कितने नाजुक एहसासों को शब्दों में पिरोया किसी माला की तरह .... अद्भुद
जवाब देंहटाएंसाथ चलते समय के साक्ष्य। सुन्दर।
जवाब देंहटाएंआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन छत्रपति शिवाजी महाराज और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंसच बच्चों से ही घर-आँगनकी की रौनक है .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर