कोई आहट रुकी है जानी-पहचानी
मेरे मन की सांकलें सिहर उठी हैं..
मैं तो ध्यानावस्थित थी,
ये कौन आया बरसों बाद?
मुझे याद दिलाया-मैं जिंदा हूँ.......!
किसने मेरे खाली कमरे में घुँघरू बिछा डाले,
जो पुरवा की तरह बज उठे हैं!
क्यों मुझे राधा याद आ रही?
उधो की तरह मैं गोपिकाओं में क्यों लीन हो उठी?
ये बांसुरी की तान कहाँ से आई है?
यमुना के तीरे ये क्या माज़रा है
क्यों ब्रज में होली की धूम मची है?
क्या कृष्ण ने फिर अवतार लिया है???
rachna bahut hi achchi hai.aur apki shaily to hamesha ki tarah waisi hi hai.......
जवाब देंहटाएंbahut sundar hai ...
जवाब देंहटाएं"क्या कृष्ण ने फिर अवतार लिया है?????????" कृष्ण तो भिन्न रूपों में हर काल में ही अवतरित होते रहे है, जरुरत है, पहचान सकने वाली सूक्ष्म आखो की, निश्चल मन की, अटूट आस्था की और कण-कण में बसे प्रेम को महसूस करने वाले ह्रदय की |
जवाब देंहटाएं"क्या कृष्ण ने फिर अवतार लिया है?????????" कृष्ण तो भिन्न रूपों में हर काल में ही अवतरित होते रहे है, जरुरत है, पहचान सकने वाली सूक्ष्म आखो की, निश्चल मन की, अटूट आस्था की और कण-कण में बसे प्रेम को महसूस करने वाले ह्रदय की |
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया दीदी..क्या माज़रा है ??..आप ही बताइये ना..:)
जवाब देंहटाएं"क्यों मुझे राधा याद आ रही?
जवाब देंहटाएंउधो की तरह मैं गोपिकाओं में क्यों लीन हो उठी?
ये बांसुरी की तान कहाँ से आई है?"
मोहब्बत के गुजरे पल से गुजरते हुए ऐसा ही लगता है, रश्मि जी...
बहुत ही मनमोहक अंदाज़ है आपका मनमोहन को याद करने का...
is kavita ke liye kanahiya ke pas bhee shabd nahe ehongen bas us ne bhee padh lee to bansuree bajata rahega padhta rahega prem ek ansu bahte rahenge
जवाब देंहटाएंAnil
di...aajkal bahut guddh kavita likhne lagi ho........padhne main achchha lagta hai...par jayda samajh nahi paata....
जवाब देंहटाएंwaise as usual......u rock[:)]
waah...bahut hi achchi kavita hai,,bilkul aapka style jhalakta hai isme....simpally awesome.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर.
जवाब देंहटाएंbahut khoob...vaise bhi idhar barish ho rahi hai.
जवाब देंहटाएंbahut hi sudar.......gajab ka ahsaas
जवाब देंहटाएंkitne bhaav sametati hai apki kavita............adbhoot ,sunder,aur bhavo se paripoorna........
जवाब देंहटाएंक्यों ब्रज में होली की धूम मची है?
जवाब देंहटाएंक्या कृष्ण ने फिर अवतार लिया है?????????
बहुत सही और सुन्दर
शब्दों का बहुत ही सुंदर और सटीक प्रयोग किया है आप ने और माजरा तथा पंक्तिया दोनों ही सुंदर है,,,,,,,,,,,,,
जवाब देंहटाएंये कौन आया बरसों बाद?
जवाब देंहटाएंमुझे याद दिलाया-मैं जिंदा हूँ.......!
bahut aacha likha hai
बहुत बढ़िया.
जवाब देंहटाएंआहट......... बहुत शानदार रचना है ........रश्मि जी बधाई एवम शुभकामनाएं.........
जवाब देंहटाएंkavita ka har bhav tumhare,
जवाब देंहटाएंman ki khushi ko darshata hai...
man ke andar hi to Eshwar,
Krishna roop main khud aata hai...
.........
Deepak
अच्छी रचना. लिखते रहें.
जवाब देंहटाएं---
ultateer.blogspot.com
kya kahun,shabd nahi,bahut khubsurat,ghungaru ki aawaz ki tarah.madhur.
जवाब देंहटाएंye aapki soch hai ya aapka ehesaas
जवाब देंहटाएंjo bhi hai use bayan karna mushkil hai...........
आह ! परिकल्पना नहीं लग रही.. जीवंत सी रचना है... सजीव अनुभूति .. के मैं जिंदा हूँ...!
जवाब देंहटाएं"किसने मेरे खाली कमरे में घुँघरू बिछा डाले.."
खुद से नहीं बिछे.. बंद थे मुट्ठी में सालों से..... बस मुट्ठी खोल दी है आपने...!
इसलिए मन के ब्रज में होली सी धूम मची है..
हाँ.... कृष्ण ने फिर अवतार लिया है...
रश्मि Maa'm.. बहुत प्यारी रचना है...बहुत प्यारी...!