ना किसी डाकिये की ज़रूरत है
ना कबूतर की
मेरे पंख हैं ना !
उड़कर आना
अपनी चोंच में दबे शब्द
तुम्हारी मेज पर रखना
सुकून देता है
और अगली लम्बी उड़ान की
प्रबल इच्छा होती है
शोर से अधिक एकांत का असर होता है, शोर में एकांत नहीं सुनाई देता -पर एकांत मे काल,शोर,रिश्ते,प्रेम, दुश्मनी,मित्रता, लोभ,क्रोध, बेईमानी,चालाकी … सबके अस्तित्व मुखर हो सत्य कहते हैं ! शोर में मन जिन तत्वों को अस्वीकार करता है - एकांत में स्वीकार करना ही होता है
मैंने महसूस किया है कि तुम देख रहे हो मुझे अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...
Wah Di, Gzab keh gaye hain aap
जवाब देंहटाएंin kuch panktiyun me.
badhai
Wah Di, Gzab keh gaye hain aap
जवाब देंहटाएंin kuch panktiyun me.
badhai
यह पंख समझा गए बहुत कुछ ....Ilu...!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रश्मिजी !
जवाब देंहटाएंअपनी चोंच में दबे शब्द
तुम्हारी मेज़ पर रखना
सुकून देता है !
बहुत ही मौलिक और ख़ूबसूरत अभिव्यक्ति ! बधाई स्वीकार करें !
दीदी चरण स्पर्श
जवाब देंहटाएंक्या कहूँ आपकी इस रचना को लेकर , आपने भले ही शब्दो का प्रयोग कम किया हो लेकिन भावार्थ बहुत है , बढिया लगी आपकी ये रचना ।
Itni khoobsoorati se aapne man ki baat rakhi.. pankh hain na apni baat pahunchane ke liye...
जवाब देंहटाएंek bemisaal kavita. kyonki aisa bhav is sandarabh me kahin suna nahin..
वाह ... चंद लाइनों में जीवन का पूरा सार लिख दिया ... खुद ही आना .. प्यार का इज़हार करना .. फिर उड़ जाना लंबी उड़ान के लिए ... बहुत खूब ...
जवाब देंहटाएंrashmi jichand shabdon mein pyar ka falsafa sikha gai... bahut sunder rachna !
जवाब देंहटाएंsankshipt shabdon ka maarak prabhaav....Waah !!! Lajawaab ...jabardast...
जवाब देंहटाएंआपकी तो बात ही कुछ और है
जवाब देंहटाएंkamaal ka lekhan..........adbhut.
जवाब देंहटाएंसक्षमता को बताती खूबसूरत रचना....
जवाब देंहटाएंआपके कुछ शब्द ही इतना बोल देते हैं कि दूसरे निशब्द हो जाएँ ...चोंच में शब्द लेकर आई चिड़िया कुछ जानी पहचानी लग रही है ...
जवाब देंहटाएंसंचयन प्रकाशित करने के आपके सपने के पूरा होने पर बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाये ...
ये पुस्तक पुस्तक मेले के अलावा और कहाँ से (जयपुर में ..??) उपलब्ध हो सकती है ...कृपया बताये...
सुखद एहसास कराती शानदार प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंअपनी चोंच में दबे शब्द
जवाब देंहटाएंतुम्हारी मेज़ पर रखना
सुकून देता है
kaash aese pankh hame mil jaaye ud ud sabse mil aaye ,in panktiyon ka jawab nahi .sundar behad sundar .
लाजवाब...सुकूनदायी कविता.
जवाब देंहटाएंsuperbbbbbbbb
जवाब देंहटाएंमन कि चंचलता से पूर्ण है ये रचना .....
जवाब देंहटाएंKam sabdon mein sundar bhav liye chitramay prastuti ke liye bahut badhai.......
जवाब देंहटाएंgambheerata aur chapalta douno ka samanvay........bahut acchee lagee aapkee ye kavita .
जवाब देंहटाएंऔर अगली लम्बी उड़ान की
जवाब देंहटाएंप्रबल इच्छा होती है
===
लम्बी उड़ान चोंच में दबे शब्दों के सहारे वाकई सुकून देता है
बहुत खूबसूरत भाव की रचना
bahoot koob bhot hee achha
जवाब देंहटाएंअनोखी है
जवाब देंहटाएंभावावेग की स्थिति में अभिव्यक्ति की स्वाभाविक परिणति दीखती है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ----जीवन के लिये एक अच्छा सन्देश देती हुयी रचना। पूनम
जवाब देंहटाएंrashmi ji,
जवाब देंहटाएंadbhut lekhan aur bhaawpurn abhivyakti keliye badhai sweekaren.
...खूबसूरत रचना.... पेंटिंग बहुत ही प्रसंशनीय है जिसने भी बनाई है उसे बहुत बहुत बधाई!!!
जवाब देंहटाएंitna kuch to kah diya hai aapne maa'm in panktiyon me,
जवाब देंहटाएंto mere kahne ko bachta hi kya hai??
lekin itna jrur hai,
jab bhi aapki adbhut lekhni ke jaadu se do-char hota hun,
to mere dil ko 'SUKUN' jarur milta hai.
dhanyawaad maa'm,
in khubsurat panktiyon ke liye.
aadar sahit,
-ROHIT
जितनी अच्छी कविता उतनी अच्छी तश्वीर.
जवाब देंहटाएंचोंच में दबे शब्द असीम गहराई से चुने मोतियों से कम नहीं!
अदभुत..
जवाब देंहटाएंkabhi kabhi sonchta hoon ki kavita ki parisbhasha kya hoti hai... mujhe to jo achha lagta hai likh deta hoon, unhe kuch kavita/nazmsa samjh leta hoon.. Anurag ji se ek word suna hai 'azaad nazm' ....
जवाब देंहटाएंaapse achha humein kaun bata sakta hai..bahut hi pyari kavita hai.. lekin ek kavita likhne ke liye bhi rules hote hain ya wo azaad hoti hai...?
अति सुंदर रचना.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
पंक्तियों ने दिल छू लिया... बहुत सुंदर ....रचना....
जवाब देंहटाएंभावों को इतनी सुंदरता से शब्दों में पिरोया है
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना....
बहुत बढ़िया. बधाई आपको!
जवाब देंहटाएंमम्मी जी...ग़ज़ब कि अभिव्यक्ति के साथ.... बहुत सुंदर लिखा आपने....
जवाब देंहटाएंमाय मॉम इस ग्रेट...
Very nice.... di
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत भाव की रचना !!!पुस्तक प्रकाशन की हार्दिक बधाई!!क्या ये हमारे इधर भी मिल सकेगी?
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar...
जवाब देंहटाएंudan or abhiviyekti ki ye achchi khasi misal hai jeevan ko jo sukoon de shayad vahi se udan ka dayera badta chala jata hai.
अद्भुत रचना...मेरी बधाई स्वीकार करें
जवाब देंहटाएंनीरज
रश्मि जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना के लिए एवम किताब के विमोचन के लिए
बधाइयाँ ...........
is chunni-munni ko hamara bhi address bata digiye...hamko bhi bahut zaroorat hai inki....so sweet :-)
जवाब देंहटाएंWaah!
जवाब देंहटाएंAdbhut!
इच्छा से परे उड़ान को चला जाता कभी मन ... गहरे भावो से परिपूर्ण रचनाये है आपकी ..
जवाब देंहटाएंस्कूल के दिनों के बाद से ही साहित्य से दूर होता चला गया थोरा .. ब्लॉग पर आपकी भाव पूर्ण रचनाये बहुत मन को भायी..