कुछ भी पुराना नहीं
कुछ भी अनजाना नहीं
कुछ भी अनकहा नहीं
कुछ भी अनसुना नहीं
फिर भी क्यूँ हैं हम अजनबी से
क्यूँ ओढ़ ली है हमने
ख़ामोशी की चादरें
क्यूँ हमने अपनी-अपनी सरहदें बना ली हैं
प्यार की बातें भी तो
हमने ही की थीं
एहसास की बातें
हमने ही की थीं
तो फिर क्यूँ
-
आज आँखें वीरान हैं
क्यूँ दिलों की धरती
बाँझ हुई जाती है
मौन तोड़ो
कुछ कह भी दो !
बहुत सुंदर पंक्तियों में पिरोई गई........ एक बहुत ही सुंदर रचना....
जवाब देंहटाएंBahut hi manbhawan rachna.
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! बधाई!
जवाब देंहटाएं"maun todo
जवाब देंहटाएंkuch keh bhi do"
rishton ke beech maun naa apne liye naa samaj ke liye achha hai... vyapak sandarbh ke baat ko kitni sahjta se kehti hain aap !
मम्मी जी......बहुत ही सुंदर शब्दों में पिरोई गई.....एक बहुत सुंदर रचना.....
जवाब देंहटाएंbas shayad vaqt ki kasauti hoti hai....bahut bhavpurn likha hai di!
जवाब देंहटाएंआज के दौर में दिलों में बढती दूरियों से पीड़ित मनःस्थिति को सुन्दर शब्द दिया आपने | सुन्दर कविता |
जवाब देंहटाएंbahut sunder bhav bahut gahari baat.
जवाब देंहटाएंमौन भी तो बहुत कुछ कहता है
जवाब देंहटाएंसुन्दर भाव और अभिव्यक्ति की कविता
maun todo
जवाब देंहटाएंkuch kah bhi do
uff ! ye panktiyan dil cheer gayin ......sab kuch ankah sama gaya hai inhi mein.
"मौन तोड़ो
जवाब देंहटाएंकुछ कह भी दो ....."
क्या बात है. बेहतरीन है. बहुत बढ़िया.
कुछ भी अनकहा नहीं...
जवाब देंहटाएंकुछ भी अनसुना नहीं ..
इसलिए ही तो नहीं खिंच गयी कहीं सरहदें ...
ज्यादा नजदीकियां बन गयी दूरियों का सबक कही ...
भीतर जितना कोलाहल था बाहर उतना घटा मौन ....
घुटने दम लगा मेरा जब गहराया मौन ....!!
बहुत सुंदर रचना ...
जवाब देंहटाएंVery nice poem di, aur ek aajka sach bhi.
जवाब देंहटाएंक्या कहें आपकी कविता ही बहुत कुछ कह रही है। सुन्दर रचना के लिये बधाई
जवाब देंहटाएंक्या कहें आपकी कविता ही बहुत कुछ कह रही है। सुन्दर रचना के लिये बधाई
जवाब देंहटाएंआज कविता और पाठक के बीच दूरी बढ़ गई है। संवादहीनता के इस माहौल में आपकी यह कविता इस दूरी को पाटने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा सकता है।
जवाब देंहटाएंबुद्धिजीवियों की गणना और प्रकार में बढ़ोत्तरी हो गई है ,इसलिए .....
जवाब देंहटाएंus qalam ki tareef karoon ya syahi ki ya un hathon ki jisne ye kavita likhi??? chitra bhi bahut sundar lagaya mammy ji...
जवाब देंहटाएंSambandho ki khamoshi ko
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar dhang se
keh diya di aapne
badhai
hamesha ki tarah uttam kriti, badhai rashmi ji.
जवाब देंहटाएंमौन तोडो
जवाब देंहटाएंकुछ कह भी दो ...
रश्मि जी .. नमस्कार
सच है कभी कभी मौन असहनीय हो जाता है ...... चीख कर सब कुछ कहना और सुनना चाहता है .... बहुत हो गहरे ज़ज्बात लिए रचना ......
अपनों के बीच संवादहीनता के उपजी टीस को बखूबी आपने शब्द दिए हैं...
जवाब देंहटाएंभावुक करती सुन्दर रचना...
मौन रह के ही कुछ कहना चाहूँगा......
जवाब देंहटाएंBahut sunder rachana..........
जवाब देंहटाएंरश्मिजी,
जवाब देंहटाएंआपकी कविताओ मे जो संवेदना है,
जीवन के हर पहलु की अनुभूती की शब्दमाला बनाने क
सामर्थ्य है, वाकई काबिले तारीफ है. हालांकी मै तो उसमे
शब्दस्वामी पन्तजी के आशीर्वाद को ही देखता हू.
मगर आशीर्वाद के साथ् खुद का भी तो कुछ होना चाहिए.
जो ईश्वरने खुले हाथो से दिया है...
- पंकज त्रिवेदी
रश्मिजी,
जवाब देंहटाएंआपकी कविताओ मे जो संवेदना है,
जीवन के हर पहलु की अनुभूती की शब्दमाला बनाने क
सामर्थ्य है, वाकई काबिले तारीफ है. हालांकी मै तो उसमे
शब्दस्वामी पन्तजी के आशीर्वाद को ही देखता हू.
मगर आशीर्वाद के साथ् खुद का भी तो कुछ होना चाहिए.
जो ईश्वरने खुले हाथो से दिया है...
- पंकज त्रिवेदी
संवाद से कई समस्याएं हल हो जाती हैं.
जवाब देंहटाएं...अच्छा सन्देश देती कविता...बधाई.
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंलफ़्जों का पुल हर रिश्ते को बांधे रखता है... एक हँसते खिलखिलाते रिश्ते के बीच ये मौन कब, कैसे, क्यूँ आ जाता है... पता नहीं... पर वो हम ही थे जिसने वो रिश्ता सजाया था और वो हम ही हैं जो उसे बचा सकते हैं इस मौन को तोड़ के...
जवाब देंहटाएंबहुत प्रभावशाली रचना सुंदर दिल को छूते शब्द . सच ही कहा है. कुछ लोग आदतन ही सब कुछ जान कर अनजान बनते हैं या ये सिर्फ एक इत्तिफाक होता है?????????????????
जवाब देंहटाएंbahut sunder abhivayakti
जवाब देंहटाएंkuch kah bhi do
kavita dil tak gahre jaakar chhuti rahi
आदरणीया रश्मि जी, बहुत सुन्दर शब्दों में आपने बेहतरीन रचना लिखी है।---साथ ही चित्र भी आकर्षक लगा है। शुभकामनायें। पूनम
जवाब देंहटाएंaap ka mere blog par aakar utsah baradan karana achcha laga aap ke rachana uttam hai muka mila to ise jaroor padunga
जवाब देंहटाएंaapkee ek aur kavita hi iska javab deti hai...
जवाब देंहटाएंwaah 'kuch kah do'... waah
आज के दौर में संवाद हीनता एक बडी समस्या है क्यूं कि हम रिश्ते में अनबन का सामना करने से बचते हैं ।
जवाब देंहटाएंइसी भाव को शब्दों में ढालती है आपकी यह कविता