गोल-गोल रोटियों पर
आज एक नज़्म लिखा है
दाल में ख़्वाबों का तड़का लगा
सब्जी में ख्वाहिशों का नमक मिलाया है
खाकर देखो तो
ज़िन्दगी क्या कहती है
शोर से अधिक एकांत का असर होता है, शोर में एकांत नहीं सुनाई देता -पर एकांत मे काल,शोर,रिश्ते,प्रेम, दुश्मनी,मित्रता, लोभ,क्रोध, बेईमानी,चालाकी … सबके अस्तित्व मुखर हो सत्य कहते हैं ! शोर में मन जिन तत्वों को अस्वीकार करता है - एकांत में स्वीकार करना ही होता है
मैंने महसूस किया है कि तुम देख रहे हो मुझे अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...
अरे वाह दीदी , खा कर मजा आ गया ।
जवाब देंहटाएंbahut achchha laga .......svadisht
जवाब देंहटाएंबहुत ही लाजवाब ।
जवाब देंहटाएंati sundar.
जवाब देंहटाएंMujhe to padh ke aur dekh ke bhookh lag aayi.. par yahan kahan rotiyaan milengeen???
जवाब देंहटाएं्कविता तो बाद मै पढुंगा, पहले देखूं तो सही सब्जी किस चीज की बनी है, ओर स्वादिष्ट खाना मेरी कमजोरी रहा है..... बहुत सुंदर खुश्बु आ रही है ,आप की यह नज्म भी बहुत अच्छी लगी, धन्यवाद
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया!!आप की कविता पढ़ चंद शब्द जन्म गए..
जवाब देंहटाएंऐसे पकवान खा
जिन्दगी क्या कहेगी..
फिर से एक नयी कविता
किश्ती बन सागर मे बहेगी।
जिंदगी का स्वाद अच्छा है
जवाब देंहटाएंचटपटा सा स्वाद आ गया.....:):)
जवाब देंहटाएंaap to qalam se seedhe fire kar rahi hai....zindgi kaha kya... zindgi to mil rahi hai...baat sirf nazariye ki hai :-)
जवाब देंहटाएंतड़केदार रचना
जवाब देंहटाएंसुन्दर
Didi ji khawab aur khwayeshen ka sundar mixan kiya hai aapne... Yahi to jindagi hai...
जवाब देंहटाएंBahut badhai
behad swadisht rachna !
जवाब देंहटाएंKhwabo aur khwaisho se saji esi bhojan ki thaali ... waah mann tript ho gaya bas...Ilu....!
जवाब देंहटाएंबहुत स्वादिस्ट ....मजा आगया
जवाब देंहटाएंपहली बात तो खाना बहुत स्वादिष्ट लगा और जिंदगी कह रही है,
जवाब देंहटाएं"तुम भी सीख लो ऐसे प्यार से खाने खिलाये जाते हैं."
शुक्रिया !
aap kee kavita dekh kar khane ke ichha karane lagi usapar se tasveer ka tadaka bhoot khoob
जवाब देंहटाएंsunder rachana.......
जवाब देंहटाएंsunder rachana.......
जवाब देंहटाएंsunder rachana.......
जवाब देंहटाएंsunder rachana .
जवाब देंहटाएंBahut kam shabdon men sundar rachana----.
जवाब देंहटाएंPoonam
sabhi parose gaye hain na ek hi thaali mein ..
जवाब देंहटाएंisliye Swad bharaa lagaa...:)
बेहतरीन। लाजवाब।
जवाब देंहटाएंSwaad laajwaab hai ji...aabhar!
जवाब देंहटाएंरश्मि जी,
जवाब देंहटाएंख्वाब और ख्वाहिशों की नज़म का खाना खाकर मन संतुष्ट हुआ, काश सबको ऐसा भोजन नसीब हो! शुभकामनायें!
बेहद लाजवाब नज़्म है ... ख्वाहिशों का नमक और ख्वाबो का तड़का .... क्या ग़ज़ब की कल्पना है ....
जवाब देंहटाएंbahut alag andaaz
जवाब देंहटाएंDidi Nazm khoobsurat likhi hai
....बहुत सुन्दर, स्वादिष्ट व्यंजन!!!
जवाब देंहटाएंजिंदगी जब भी तेरी बज़्म में लाती है मुझे ...
जवाब देंहटाएंये जमीन चाँद से बेहतर नजर आती है मुझे ....
बहुत उलझती हैं अपने शब्दों के जाल में ....!!
Di aapne Pakaya hai , to swadisht hi hoga.
जवाब देंहटाएंtoo good di
वाह वाह वाह...यह हुई न गृहणियों वाली भावोद्गार....
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत सुन्दर....
ज़िन्दगी चख ली.. :)
जवाब देंहटाएंzindagi ka swad is vyanjan me mil gaya bahut khoob .
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा यह देखकर कि आपने रोटी पर नज़्म " लिखी " है ।
जवाब देंहटाएंउम्मीद है कविता संग्रह शीघ्र उपलब्ध " होगा " ।
bhala isse swadisht aur kya hoga!!!
जवाब देंहटाएंgaagar me sagar bharti rachna..
wow,,,, acha hai, sach me bahut acha hai
जवाब देंहटाएं