16 सितंबर, 2010

तेरा सोंधा चेहरा ...


मैं घड़े का पानी हूँ
तेरी प्यास बुझाने को
हर दिन भर जाती हूँ
सोंधी सोंधी खुशबू
सोंधे सोंधे स्वाद में डूबा
तेरा सोंधा सोंधा चेहरा
... कितना अपना लगता है !

32 टिप्‍पणियां:

  1. bahut khub....
    chhoti lekin behtareen bhaw samete.....

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत सुन्दर बात!!!! मैं तो आज भी ज्यदातर घड़े का ही पानी पीती हूँ

    जवाब देंहटाएं
  3. वाह ..सोंधी सोंधी महक तारो ताज़ा कर गयी

    जवाब देंहटाएं
  4. सौंधी खुशबू ,
    सौंधा चेहरा ...
    सुबह भी सौंधी -सौंधी खुशबू से भर गयी है !

    जवाब देंहटाएं
  5. यह सोंधी प्‍यास कभी नहीं बुझती और ऐसे घड़े का पानी कभी नहीं रीतता।
    सात पंक्तियों में आपने जैसे सात जन्‍म की बात कह दी।

    जवाब देंहटाएं
  6. ये खुशबू तो दिल मे उतर गयी।

    जवाब देंहटाएं
  7. कम शब्दों में बहुत कुछ कहती लाजवाब रचना..

    नीरज

    जवाब देंहटाएं
  8. सोंधी सोंधी खुशबू
    सोंधे सोंधे स्वाद में डूबा
    तेरा सोंधा सोंधा चेहरा
    ...vah bahut sundar soundhi soundhi kavita.

    जवाब देंहटाएं
  9. इस सोंधी खुश्बू ने मन मोह लिया। बधाई।

    जवाब देंहटाएं
  10. वाह वाह ...
    गागर में सागर , शुभकामनायें !

    जवाब देंहटाएं
  11. तेरा सोंधा सोंधा चेहरा
    कितना अपना लगता है !
    अच्छी रचना...संदेश से भरी.

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर!!!




    हमारीवाणी को और भी अधिक सुविधाजनक और सुचारू बनाने के लिए प्रोग्रामिंग कार्य चल रहा है, जिस कारण आपको कुछ असुविधा हो सकती है। जैसे ही प्रोग्रामिंग कार्य पूरा होगा आपको हमारीवाणी की और से हिंदी और हिंदी ब्लॉगर के साथ-साथ अन्य भारतीय भाषाओँ और भारतीय ब्लागर के लिए ढेरों रोचक सुविधाएँ और ब्लॉग्गिंग को प्रोत्साहन के लिए प्रोग्राम नज़र आएँगे। अगर आपको हमारीवाणी.कॉम को प्रयोग करने में असुविधा हो रही हो अथवा आपका कोई सुझाव हो तो आप "हमसे संपर्क करें" पर चटका (click) लगा कर हमसे संपर्क कर सकते हैं।

    टीम हमारीवाणी

    आज की पोस्ट-
    हमारीवाणी पर ब्लॉग पंजीकृत करने की विधि

    जवाब देंहटाएं
  13. वाह दीदी ! कोमल भावों के पानी से घड़े बड़े ही करीने से सजाया है आपने, समा जानने को उसकी सौंधी खुशबू के लिए... भावों की तरलता, सघनता में समां कर क्या खूब माया रच रही है...साधुवाद दीदी !!

    जवाब देंहटाएं
  14. Pyaar ki pyaas ese hi bujhti hai, aur jaha pyaar waha sab apna hi apna ... ILu

    जवाब देंहटाएं
  15. इन सौंधी पंक्तियों के क्या कहने? बहुत सुंदर ....

    जवाब देंहटाएं
  16. फ्रिज और मिनरल वाटर की बोतल में ये सोंधी सोंधी खुशबू कहाँ से आएगी ?इसी लिए आज प्यास भी बिकाऊ चीज़ बन गयी है....राजस्थान जैसे सूखे राज्य के हर कसबे में प्याऊ मिल जायेंगे,पर क्या महानगरों में ऐसा संभव है ?

    जवाब देंहटाएं

एहसास

 मैंने महसूस किया है  कि तुम देख रहे हो मुझे  अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में  मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...