28 सितंबर, 2012

प्यार सिर्फ एहसास ही नहीं - अभिव्यक्ति भी है



जो भी नाम दो...
प्यार  
इश्क
मुहब्बत 
ख़ुदा कहो या ईश्वर
शिव कहो या आदिशक्ति ........
एहसास तो है ही यह
रूह से इसे महसूस भी करते हैं
पर जिस तरह ईश्वर 
मंत्र की तरह 
दिल,ज़ुबान,मस्तिष्क से निरंतर प्रवाहित होता है...
प्यार को जितनी बार कहो-
कम लगता है 
जितनी बार सुनो
नशा होता है ...
प्यार एक आग है
जिसमें शब्दों का घृत आँखों से डालो 
या स्वाहा की तरह -प्यार है' कहो
यह बढ़ता है .....
शरीर आत्मा -
सबको अपनी आगोश में 
बिना हाथ बढ़ाये भर लेता है !

तर्क के छींटे 
प्यार में नहीं होते
हो ही नहीं सकते ...
सिर्फ एहसास नहीं है प्यार
पूरी सृष्टि समाहित है इसमें
जिसे देखा भी जाता है
छुआ भी जाता है
मनुहार,तकरार सब होता है प्यार ...

प्यार जताने से विश्वास की लौ बढ़ती है
खामोश विश्वास 
खुद आशंकित होता है 
ख़ामोशी लुप्त हो जाती है 
और आशंका ही एक दिन प्रस्फुटित होती है !
सिंचन न हो तो प्यार 
शुष्कता में शुन्यता से भर जाता है 
सच तो बस इतना है 
कि प्यार  सिर्फ एहसास ही नहीं
अभिव्यक्ति भी है ....

39 टिप्‍पणियां:

  1. और हर अभिव्यक्ति दिल से शुरू हो कर दिल पे ही दस्तक देती है ....एक सुखद अहसास की भांति

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  2. प्यार जताने से विश्वास की लौ बढ़ती है
    जिसकी चमक आंखो में दिखाई देती है ...
    सादर

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  3. प्रेम एहसास भी है, अभिव्यक्ति भी। स्पर्श भी है, शब्द भी। निराकार भी है, साकार भी।

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  4. अभिव्यक्ति ही प्रेम का सुखद अहसास है,,,,

    RECENT POST : गीत,

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  5. सिंचन न हो तो प्यार
    शुष्कता में शुन्यता से भर जाता है
    सच तो बस इतना है
    कि प्यार सिर्फ एहसास ही नहीं
    अभिव्यक्ति भी है ....

    अभिव्यक्ति ही तो अहसास का व्यक्त स्वरूप है और अव्यक्त तो सिर्फ अपने में ही सीमित रहता है. अभिव्यक्ति बताती है सबको कि ये एक ऐसा शाश्वत सत्य है कि जीव से लेकर जीवन तक कभी मिटता नहीं है.

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  6. सिंचन न हो तो प्यार
    शुष्कता में शुन्यता से भर जाता है
    सच तो बस इतना है
    कि प्यार सिर्फ एहसास ही नहीं
    अभिव्यक्ति भी है ....

    हर एक पंक्तियाँ प्रेम पे निसार होना चाहती हैं, प्रेम की परिभाषा एक एक शब्द में दिखाई पड़ रहा है

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  7. सच तो बस इतना है
    कि प्यार सिर्फ एहसास ही नहीं
    अभिव्यक्ति भी है ....
    I LOve U Mmka'mother ♥

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  8. बिलकुल ...बस अभिव्यक्त करना आना चाहिए ऐसे, कि सामने वाले को समझ में आये.

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  9. सचमुच सिर्फ एहसास नहीं है प्यार, पूरी सृष्टि समाहित है इसमें...

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  10. प्यार केवल एहसास नहीं अभिव्यक्ति भी है ... जहां अभिव्यक्त नहीं होता वहाँ प्यार दम तोड़ देता है

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  11. बिलकुल सही कह रही हैं आप ! प्यार केवल अहसास ही नहीं अभिव्यक्ति भी है और उस अभिव्यक्ति की सार्थकता उसकी स्वीकृति में है ! प्रेम की जिस अभिव्यक्ति को सामने वाला अपनी पलकों पर धारण कर लेता है वह दिव्य हो जाता है ! शब्द-शब्द के साथ साँस लेती अद्भुत रचना रश्मिप्रभाजी ! बहुत-बहुत बधाई !

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  12. प्यार केवल अहसास ही नहीं अभिव्यक्ति भी है

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  13. सद्भाव ओर ओर सत्कर्म में जो सम्बन्ध हैं वही प्रेम के अहसास ओर अभिव्यक्ति में भी ....बेहद गहन अभिव्यक्ति.....
    सादर !!!

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  14. प्यार पर लिखी सभी रचनाएँ प्यार की अभिव्यक्ति ही तो हैं...एहसास सदा सुखद किन्तु अभिव्यक्ति पता नहीं कौन सा रूप धारण कर लेः)

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  15. प्रेम जब निराकार ,नि:शब्द है , आत्मिक है, तब वह एहसास है. प्रेम जब पराकाष्ठा पर स्पर्श और शब्द का रूप लेता है तब अभिव्यक्ति है. Aabhar

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  16. अव्यक्त अहसास की सुखद अभिव्यक्ति..

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  17. प्रेम को बहुत ही सुन्दर शब्दों में
    सुसज्जित कर व्यक्त किया है..
    और ये बात तो एकदम सही है
    प्यार सिर्फ अहसास ही नहीं अभिव्यक्ति भी है...
    अभिव्यक्ति से तो प्यार और बढ़ता है...
    बहुत सुन्दर मनभावन रचना...
    :-)

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  18. कौन कहता है मुहब्बत की ज़ुबान होती है,
    ये हकीकत तो निगाहों से अयाँ होती है!

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  19. सच तो बस इतना है
    कि प्यार सिर्फ एहसास ही नहीं
    अभिव्यक्ति भी है ....
    sahi hai ....

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  20. प्रेम को बहुत सुन्दर शब्दों में अभिव्यक्त किया है ..बहुत सुन्दर...

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  21. तर्क के छींटे
    प्यार में नहीं होते
    हो ही नहीं सकते ...
    सिर्फ एहसास नहीं है प्यार
    पूरी सृष्टि समाहित है इसमें

    जी ....सरलता से कही गहरी बात .....

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  22. जिंदगी के हर रंग में रचा-बसा है प्यार ...
    सिर्फ एहसास नहीं है प्यार....
    बहुत ही खूब...|

    सादर नमन |

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  23. बहुत ही सशक्त और गहन पोस्ट.....शानदार।

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  24. बहुत ही सशक्त और गहन पोस्ट.....शानदार।

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  25. सच है....
    गर कहा नहीं तो क्या ख़ाक प्यार किया......
    :-)

    सादर
    अनु

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  26. आज 29/09/2012 को आपकी यह पोस्ट ब्लॉग 4 वार्ता http://blog4varta.blogspot.in/2012/09/4_29.html पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

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  27. तर्क के छींटे
    प्यार में नहीं होते
    हो ही नहीं सकते ...
    सिर्फ एहसास नहीं है प्यार
    पूरी सृष्टि समाहित है इसमें

    Superb!

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  28. प्यार एहसास के साथ अभिवयक्ति भी है...पूर्णतया सहमत .

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  29. सच तो बस इतना है
    कि प्यार सिर्फ एहसास ही नहीं
    अभिव्यक्ति भी है ....

    सही कहा । बहुत सुंदर ।

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  30. प्रेम अहसास के रूप में हमेशा सुखद ही होता है , अभिव्यक्त होने में उसकी परिणिति कैसी हो , कहा नहीं जा सकता ....मगर फिर भी बचते बचाते अभिव्यक्त हो रहता है !

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  31. प्यार अगर है तो अभिव्यक्त हो कर ही मानता है ...मौन मे भी अभिव्यक्त हो जाता है ...

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  32. प्यार जताने से विश्वास की लौ बढ़ती है
    खामोश विश्वास
    खुद आशंकित होता है
    ख़ामोशी लुप्त हो जाती है
    और आशंका ही एक दिन प्रस्फुटित होती है !
    सिंचन न हो तो प्यार
    शुष्कता में शुन्यता से भर जाता है
    सच तो बस इतना है
    कि प्यार सिर्फ एहसास ही नहीं
    अभिव्यक्ति भी है ....
    abhivykti kisi n kisi jariye ho hi zaati hai ..sach kahaa aapne

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  33. वाह मज़ा आगया प्यार पर आधारित आज आपकी यह पोस्ट पढ़कर बहुत ही खूबसूरती से आपने प्यार के एहसास को उकेरा है यहाँ वाकई प्यार सिर्फ एहसास नहीं अभिव्यक्ति भी है जो प्यार में ज़रूर भी है :)

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  34. ढाई आखर...जिन डूबा तिन पाईयां...

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  35. प्यार के अनगिनत रूप हैं...प्यार इतना विस्तृत इतना व्यापक शब्द है की पूरा ब्रह्माण्ड उसमें समां सकता है ..फिर भी उसके किनारे नहीं छू सकता ..बहुत ही व्यापक, विस्तृत विश्लेषण ....अति सुन्दर

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