मैं एक खुली किताब हूँ
लेकिन
वक़्त की चाल से प्रभावित होकर
कुछ पन्ने मैंने इसके फाड़ दिए हैं
और कुछ चिपका दिए हैं
कुछ खुली हुई बातों को
मैने रहस्य का जामा पहना दिया है
ताकि होती रहें कुछ अनुमानित बौद्धिक बातें
काटा जाए उसे तर्क कुतर्क से
क्या होगा
क्या होना चाहिए था
क्या हो सकता था ... एक शगल चलता रहे !
बिल्कुल खुली किताब में भी
अनुमान की अटकलें थीं
और सत्य के आगे - अनुमान
सहन नहीं होता न
तो मैंने
ऐसा ही करना मुनासिब समझा !
क्योंकि,
कचरे की ढेर सा
सच अपनी जगह रहता है
जैसे कोई भूखा
कचरे से अन्न का दाना ढूँढ लेता है
वैसे ही सच समझनेवाले
सच को चुपचाप पढ़ लेते हैं ...
.... किताब खुली हो या पन्ने फ़टे हों
वे पढ़ ही लेते हैं !!!
खुली किताबों के भी कुछ फटे पन्ने होते हैं तो कुछ नये भी...
जवाब देंहटाएंवही तो ... यहाँ मुझे फाड़ना पड़ा
हटाएंचिपकाना पड़ा
कुछ रहस्य बना हुआ है
किताब खुली हो या पन्ने फ़टे हों
जवाब देंहटाएंवे पढ़ ही लेते हैं !!!...बहुत सुन्दर कविता , बधाई
सत्य के आगे - अनुमान
जवाब देंहटाएंसहन नहीं होता .... बिल्कुल सही 👌👌
वैसे ही सच समझनेवाले
सच को चुपचाप पढ़ लेते हैं ...
.... किताब खुली हो या पन्ने फ़टे हों
वे पढ़ ही लेते हैं !!! ख़ामोशी संवाद करती है उन पलों में !!!
सत्य के आगे - अनुमान
जवाब देंहटाएंसहन नहीं होता .... बिल्कुल सही 👌👌
वैसे ही सच समझनेवाले
सच को चुपचाप पढ़ लेते हैं ...
.... किताब खुली हो या पन्ने फ़टे हों
वे पढ़ ही लेते हैं !!! ख़ामोशी संवाद करती है उन पलों में !!!
बहुत सुंदर..जो पढ़ सकते हैं वे पढ़ ही लेंगे..
जवाब देंहटाएंऐसी किताब जो आत्मा में अपने आप खुलती है । अति सुंदर कहा है ।
जवाब देंहटाएंजैसे कोई भूखा
जवाब देंहटाएंकचरे से अन्न का दाना ढूँढ लेता है
वैसे ही सच समझनेवाले
सच को चुपचाप पढ़ लेते हैं ...
सच कहा आपने जब कोई भूखा हो तो वह उसे मिटाने का साधन ढूंढ ही लेता है
बहुत सुन्दर ....
किताब है तो सही और है तो यहीं
जवाब देंहटाएंपन्ने रह गये हैं कहीं किताब कहीं।
सच समझनेवाले
जवाब देंहटाएंसच को चुपचाप पढ़ लेते हैं ...
.... किताब खुली हो या पन्ने फ़टे हों
वे पढ़ ही लेते हैं !!!
बिलकुल सही है...
सुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएंसारगर्भित रचना!
जवाब देंहटाएंखुली किताब होते हुए भी कुछ आवरण भी ज़रूरी है सच सच ही रहता है भले ही लोग कितनी ही अफवाह फैला लें लेकिन निंदा रस के सामने मौन ही बेहतर है और कुछ पन्ने चिपका लिए जाएँ यानि कुछ लीपापोती कर ही ली जाए तो उसमें भी बुराई नहीं .
जवाब देंहटाएंभावों को कम शब्दों में प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया है ...
वाह! सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंNice
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