सारथी आज भी श्रीकृष्ण रहे,
पर महाभारत के दिग्गज यहाँ नहीं थे-
थी एक पत्थर हो गई माँ और उसके मकसद,
विरोध में संस्कारहीन घेरे थे...........
कृष्ण ने गीता का ही सार दिया,
और दुर्गा का रूप दिया,
भीष्म पितामह कोई नहीं था,
ना गुरु द्रोणाचार्य थे कहीं.........
दुर्योधन की सेना थी,
धृतराष्ट्र सेना नायक ,
और साथ मे दुःशासन !
एक नहीं , दो नहीं ,पूरे २४ साल,
चिर-हरण हुआ मान का,
पर श्रीकृष्ण ने साथ न छोड़ा..........
जब-जब दुनिया रही इस मद में ,कि-
पत्थर माँ हार गई , -
तब - तब ईश्वर का घात हुआ ,
और माँ को कोई जीत मिली....
अब जाकर है ख़त्म हुआ,
२४ वर्षों का महाभारत ,
और माँ ने है ख़ुद लिखा,
अपने जीवन का रामायण...........
पर महाभारत के दिग्गज यहाँ नहीं थे-
थी एक पत्थर हो गई माँ और उसके मकसद,
विरोध में संस्कारहीन घेरे थे...........
कृष्ण ने गीता का ही सार दिया,
और दुर्गा का रूप दिया,
भीष्म पितामह कोई नहीं था,
ना गुरु द्रोणाचार्य थे कहीं.........
दुर्योधन की सेना थी,
धृतराष्ट्र सेना नायक ,
और साथ मे दुःशासन !
एक नहीं , दो नहीं ,पूरे २४ साल,
चिर-हरण हुआ मान का,
पर श्रीकृष्ण ने साथ न छोड़ा..........
जब-जब दुनिया रही इस मद में ,कि-
पत्थर माँ हार गई , -
तब - तब ईश्वर का घात हुआ ,
और माँ को कोई जीत मिली....
अब जाकर है ख़त्म हुआ,
२४ वर्षों का महाभारत ,
और माँ ने है ख़ुद लिखा,
अपने जीवन का रामायण...........
pranam hai ma ko
जवाब देंहटाएंus ek jeewan ko
us ke sangharsh ko
Anil
rashni ji
जवाब देंहटाएंmaa ki hamesha jeet hoti hai aur hamesha hi hoti rahegi
bahut achi rachna hai
ek maa ke gahre EHSAAS...maa ki KALAM se.....di Sukhad anubhav....
जवाब देंहटाएं...EHSAAS!
bahut dino baad aana hua.....achhi kavita hai.
जवाब देंहटाएंdil ko chu gayi kavita bahut sundar
जवाब देंहटाएंकुछ संदर्भ भी दे देती तो रचना समझने में आसानी रहती.
जवाब देंहटाएंKhubsurat, Sachchai aur satya anttah jitta hi hai.
जवाब देंहटाएंbahut badiya didi...achchi likhi hai...!!
जवाब देंहटाएंनई रचना ........... बहुत शानदार कृति है ..... मैंने इसे आज कई बार पढा ...... दिल कि गहराईयों में उतरती है एक एक पंक्ति .......... बहुत अच्छा लिखा है आपने ... शुभकामनाएं......
जवाब देंहटाएंbeautiful...aap ne khud ke bare me likha hai na..very nicely express kiya hai apni feelings so...congratulation to u once again...waise bhi maa ki to humesha hi jeet hoti hi hai....
जवाब देंहटाएंek maan jo meri di hai ko shat shat naman!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंएक निजी अनुभव कब अनगिनत जिंदगियों की कहानी और दम तोड़ती
जवाब देंहटाएंआशाओं के लिए प्रेरणा का अमृत बन जाता है...आपकी इस कविता को
पढ़ कर मन में कोई सवाल शेष नहीं रहते बस अनवरत जूझते रहने की
एक असंभव सी दिखने वाली जीवटता के प्रति एक कौतुहल रह जाता है..
यंहा समाज के दोहरे चरित्र के दंश की पीडा तो जरूर नजर आती है पर
आत्मसम्मान और मकसद के सहारे उस दकियानुशी समाज के खोखलेपन
को भी प्रमाणित कीया जा सकता है ....इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है है ये नयी रचना!!!
.....
आदर और शुभकामनाओं के साथ..
..देश.
shukriyaa meri bhawnaaon se judne ke liye.......
जवाब देंहटाएं"अब जाकर है ख़त्म हुआ,
जवाब देंहटाएं२४ वर्षों का महाभारत ,
और माँ ने है ख़ुद लिखा,
अपने जीवन का रामायण"...........
इस महति महासमर की परिणति पर रचित माँ के रामायण को मेरा शत-शत नमन...
अब जाकर है ख़त्म हुआ,
जवाब देंहटाएं२४ वर्षों का महाभारत ,
और माँ ने है ख़ुद लिखा,
अपने जीवन का रामायण...........
kamaal ka likhti hai aap......bahut khoob...
marm shabd ka wohi samjhe...
जवाब देंहटाएंjis par khud sab beeta hai...
shabd bina ya shabd sang hi..
tukdon main jo jeeta hai....
Deepak