कैसे कोई झूठ बोलता है?
झूठ के धरातल पर,
ईश्वर के आगे सर झुकाता है!
क्या ईश्वर की शक्ति का डर नही?
या ईश्वर का भी सम्मान नही?
क्या कान पकड़ लेने से,
भगवान् हिंसक लोगों की हिंसा को
नज़रंदाज़ कर देते हैं?
................
पैसे की जीत कभी नहीं होती,
हो ही नहीं सकती.......
पैसे तो गली-गली बरसते हैं,
सुकून तो अमृत बूंद की तरह,
शरद पूर्णिमा को ही टपकता है.........
मैंने उसे ही इकठ्ठा किया है,
आश्चर्य!
उसने पैसे की आड़ में मेरा सुकून लेना चाहा है....
मेरे विचारों से कोई मुझे अलग कर दे,
ये मुमकिन नहीं!
विश्वास ने ही अब तक मुझे चलाया है,
वरना पैसों की कमी न थी.....
खुद्दारी का सुकून ले,
मैंने लक्ष्य पूरा किया ,
झूठ के धरातल पर,
ईश्वर के आगे सर झुकाता है!
क्या ईश्वर की शक्ति का डर नही?
या ईश्वर का भी सम्मान नही?
क्या कान पकड़ लेने से,
भगवान् हिंसक लोगों की हिंसा को
नज़रंदाज़ कर देते हैं?
................
पैसे की जीत कभी नहीं होती,
हो ही नहीं सकती.......
पैसे तो गली-गली बरसते हैं,
सुकून तो अमृत बूंद की तरह,
शरद पूर्णिमा को ही टपकता है.........
मैंने उसे ही इकठ्ठा किया है,
आश्चर्य!
उसने पैसे की आड़ में मेरा सुकून लेना चाहा है....
मेरे विचारों से कोई मुझे अलग कर दे,
ये मुमकिन नहीं!
विश्वास ने ही अब तक मुझे चलाया है,
वरना पैसों की कमी न थी.....
खुद्दारी का सुकून ले,
मैंने लक्ष्य पूरा किया ,
फेंके पैसों से मैंने अपने 'स्व' को
नहीं गंवाया-
तुम लाख सर पटक लो,
ईश्वर माफ़ नहीं करेगा,
मृत्यु से पहले एक-एक हिसाब करेगा............
Such a nice blog. I hope you will create another post like this.
जवाब देंहटाएंसुकून तो अमृत बूंद की तरह,
जवाब देंहटाएंशरद पूर्णिमा को ही टपकता है.........
advitiy hai
Anil
mam bahut hi badhiya
जवाब देंहटाएंmere hisab se to aapko thode thode din me dehradun ho aaana chahiye
is karan aap mahabahrat or ramayan ko bhool jaatihain
bahut hi acha likha hai
mujhe acha laga
best of luck
आपने बिलकुल सही कहा, इन्सान को अपने किये का फल जीतेजी ही मिल जाया करता है |
जवाब देंहटाएंbhut hi sundar rachana.likhati rhe.
जवाब देंहटाएंखुद्दारी का सुकून ले,
जवाब देंहटाएंमैंने लक्ष्य पूरा किया ,
फेंके पैसों से मैंने अपने 'स्व' को
नहीं गंवाया-
तुम लाख सर पटक लो,
ईश्वर माफ़ नहीं करेगा,
मृत्यु से पहले एक-एक हिसाब करेगा............
bilkul sahi baat,jaane se pehle har karm ka hisaab hota hai,har pankti apneaap meinek sundar sandesa deti,bahut badhai
सही कहा आपने
जवाब देंहटाएंहरेक पल का हिसाब मांगती है जिंदगी
क्या कहे की खुद से शर्मसार है ?
Di...wastav main kisi bhee comment se upar hai aapkee ye kratee....
जवाब देंहटाएंsarwottam!
sangrahneey kavita!!
.....lajawaab!!
"ईश्वर" की "शक्ति" की बातें...
जवाब देंहटाएंसच्चा शख्स ही मानेगा...
"झूठा" तो "ईश्वर" को भी..
खुद झूठा ही तो जानेगा...
दीपक शुक्ल
रश्मि जी आपकी रचना .....'' मृत्यु से पहले '' बहुत शानदार हैं ........... लेखन बड़ा ही शसक्त है ..... शुभकामनाएं......
जवाब देंहटाएंफेंके पैसों से मैंने अपने 'स्व' को
जवाब देंहटाएंनहीं गंवाया-
प्रेरणा श्रोत हैं... ख़याल बहुत...बहुत ही अच्छे हैं..!
"वो" तो बाज़ार में खड़े हैं खुद को ऊँची कीमत में बेचने को...
एक सिक्का उछालो तो सब सुन लेंगे..
वहां बस एक वो फ़कीर है... जिसे अज़ान सुनाई दे जाती है..
क्योंकि वो वही सुनना चाहता है..
सुकून तो अमृत बूंद की तरह,
शरद पूर्णिमा को ही टपकता है......
मैंने उसे ही इकठ्ठा किया है,
आश्चर्य!
"वो" इस आश्चर्य से अवगत नहीं...!!!
रश्मि maa'm.. बहुत सारी सुभकामनायें.. आपको..!
Very nice!
जवाब देंहटाएंThank you.
Happy day
तुम लाख सर पटक लो,
जवाब देंहटाएंईश्वर माफ़ नहीं करेगा,
मृत्यु से पहले एक-एक हिसाब करेगा............
kitna shi kaha hai aapne...........