30 जून, 2008

रिश्ते......


मैं सोचा करती थी,
रिश्ते साथ चलते हैं!
रास्ते एक होते हैं!
हार नहीं मिलती!पर.....
वक्त ने बताया,
वक्त का एक खेल हैं- ये रिश्ते!
बस एक puzzle है...
और उसके लिए पास में होता है-
sand टाइमर!
गर जोड़ लिया तुमने रंगों का ताना-बाना,
तो ठीक-
नहीं तो अनसुलझे प्रश्न रह जाते हैं-
सारे रंग बेरंग हो जाते हैं,
अब जाना-
ये रिश्ते हमें बहुत रुलाते हैं!

12 टिप्‍पणियां:

  1. नहीं तो अनसुलझे प्रश्न रह जाते हैं-
    सारे रंग बेरंग हो जाते हैं,
    अब जाना-
    ये रिश्ते हमें बहुत रुलाते हैं!

    सही कहा आपने रश्मि जी भाव पूर्ण कविता है यह

    जवाब देंहटाएं
  2. di ki bahut sari rachnaon mai se ek, jo not up to the mark hai.....

    waise rishta jaruri nahi khun ka ho, wo iss virtual world main bhi banta hai aur jisse nibhana bhi jaruri nahi hai, par to bhi ham bhartiyon ke liye riste bahut ahmiyat rakhte hain.......

    jiase tum meri didi ho!

    जवाब देंहटाएं
  3. रिश्तों का उलझा ताना-बना ,कौन अपना कौन बेगाना ..
    आज तक ना मैंने जाना ,सच होते है या फ़साना ....

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर !
    घुघूती बासूती

    जवाब देंहटाएं
  5. अब जाना-
    ये रिश्ते हमें बहुत रुलाते हैं!

    Bahut sahi kaha aapne,

    Sirf rishte hi nahi, Isswar ke alawa kishi bhi vyaqti ya vastu vishesh ke prati gahri aasaqti anttah kast hi deti hai.

    जवाब देंहटाएं
  6. kaise sahejoon inhe ye band palkon ke moti hain....
    kaise thaamon inhe ye khule haat ki rekhaayen hain....
    dil main kab tak chupaoon inhe, ye jubaan pe palen wo pehchane naam hain...
    hoton pe saji hansee inhi se hai...
    par ye rishte bahut rulaate hain....

    ....di behtareen ehsaas kitna saty kitna sahaz!

    ...Ehsaas!

    जवाब देंहटाएं
  7. भावपूर्ण कविता, बहुत बधाई.

    जवाब देंहटाएं
  8. रिश्ते कि प्रकृति को बखूबी पेश किया है आपने ....... रश्मि जी शुभकामनाएं,,,,,,,,,,

    जवाब देंहटाएं
  9. sahi hai didi..... vaise abhi main rishto ki parakh karne ke liye bahut chhota hu, lekin ye sahi hai ki ek din sab rang, berang ho jaate hain.........

    जवाब देंहटाएं
  10. sahi kaha aapne maasi ye riste bahut rulate hain...lekin ager ye riste na ho to humara vajud bhi to kuchh nahi hai...inhi se to banta hai humare jivan ka tana bana...jisme uljhe uljhe kab jeevan samapt ho jata hai pata hi nahi chalta...

    जवाब देंहटाएं
  11. bahot sahi kaha aapne ..
    वक्त का एक खेल है - ये रिश्ते!

    जवाब देंहटाएं

एहसास

 मैंने महसूस किया है  कि तुम देख रहे हो मुझे  अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में  मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...