सोच के तूफानों ने कहा
-क्या जीकर करना !
चलो,
इन तूफानों में ही दम तोड़ लें ....
मैं अवाक !
मेरी कलम-
मेरी ऊर्जा,मेरी जिजीविषा बन साथ है....
सुनते ही,
तूफानों ने रुख मोड़ लिया
मंद हवाएँ बहने लगीं !
शोर से अधिक एकांत का असर होता है, शोर में एकांत नहीं सुनाई देता -पर एकांत मे काल,शोर,रिश्ते,प्रेम, दुश्मनी,मित्रता, लोभ,क्रोध, बेईमानी,चालाकी … सबके अस्तित्व मुखर हो सत्य कहते हैं ! शोर में मन जिन तत्वों को अस्वीकार करता है - एकांत में स्वीकार करना ही होता है
मैंने महसूस किया है कि तुम देख रहे हो मुझे अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...
Mom...... bahut achchi kavita ...prernadaayak.... tufaanon ne rukh mod liya ......... bahut achcha lga.....
जवाब देंहटाएंसुन्दर, अतिसुन्दर |
जवाब देंहटाएंसोच सकारात्मक हों तो विपरीत परिस्थितयों से झूझने और काबू पाने के रास्ते निकाल ही आते है |
इस भाव भरी कविता के लिए बधाई!
जवाब देंहटाएंबेहद खूबसूरत रचना। तूफानो ने रुख मोड़ लिया, लाजवाब अभिव्यक्ति.......
जवाब देंहटाएंkalam mei shakti hai toofano ko मोड़ देने kee!
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब!
kalam ki takat hr toofan se takra jaaye,sunder aashapurn kavita.
जवाब देंहटाएंbehad khubsurat bhawana vastivka ke sath.
जवाब देंहटाएंजी सही कहा आपने मनुष्य यदि ठान ले तो फिर क्या है....!हर मुसीबत पर पार पाया जा सकता है...
जवाब देंहटाएंजी हमें तो कोई संदेह नहीं कि आप तूफ़ानों का रुख मोड सकती हैं...आपके ब्लोग के सौवें अनुसरणकर्ता बनने जा रहे हैं जी...
जवाब देंहटाएंक्या खूब लिख दिया आपने
जवाब देंहटाएंवाह !!
तूफानों ने रूख मोड लिया .. मंद हवाएं बहने लगी .. मन में किसी चीज की चाहत हो तो ऐसा ही होता है .. सुंदर रचना के लिए बधाई !!
जवाब देंहटाएंkalm hi nirasha ke andhkar se ak nai kirn ki subh lati hai .aapki chand panktiyo ne bhkhubi abhivykt kae diya hai .
जवाब देंहटाएंabhar
सकारात्मक पहलू जीवन जीने के लिए ,आपकी कविता में परिलक्षित है अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंरश्मि जी
जवाब देंहटाएंसादर अभुवंदन.
आप की अभिव्यक्ति तो सदैव प्रभावित करती रही है.
वाह , कितना प्रेरक लिखा हैं आपने -------
मेरी कलम-
मेरी ऊर्जा,मेरी जिजीविषा बन साथ है....
- विजय
wah..........ati sundar bhav....isi ko kahte hai jijivisha....bahut bahut badhai
जवाब देंहटाएंये सोच का तूफ़ान जिस दिन दम तोड़ देगा, हम सब का अस्तित्व भी ख़त्म हो जाएगा... आशावादी अभिव्यक्ति !!
जवाब देंहटाएंshobhna ji mere blog par aapki rachana ki tarif ki aur utsukta vash main jhankne chali aai aur itni sundar rachana unki wazah se padhne ko mili .shobhna ji ki aabhari hoon .wo nek dil insaan hai jo unki rachana darshati hai .saath hi achchha likhati bhi hai .
जवाब देंहटाएंसोच के तूफानों ने मंद हवाओं का रुख ले लिया ....जिजीविषा का चमत्कार है ये ...कम शब्दों में बहुत शानदार अभियक्ति ...!!
जवाब देंहटाएंman shakti ke samaksh sach hee koi nahee tik sakata
जवाब देंहटाएंItanee sunder rachana kee badhai .
TOOFAN SE DARNE E BAJAY AAPNE USKO JAWAB DIYA... SAKARATMAK SOOCH... SAKARATMAK ABHIVYAKTI !
जवाब देंहटाएंkini taqat hai apki kalam me toofano ne muh modh liya..warna toofano me jeena mushkil hai...namumkin nahi....
जवाब देंहटाएंbehtreen bhavon se saji rachna.............adbhut ,,,,,,,,,,,,badhayi
जवाब देंहटाएंक्या खूब लिख दिया आपने
जवाब देंहटाएंवाह !!
रश्मि जी संत जी टिप्पणी चोरी कर रही हूँ......
जवाब देंहटाएंसुन्दर, अतिसुन्दर |
सोच सकारात्मक हों तो विपरीत परिस्थितयों से झूझने और काबू पाने के रास्ते निकाल ही आते है |
और हाँ पहली बार एक बेटे को माँ के लिए यूँ तारीफ शब्द देख ख़ुशी हुई ....!!
आपकी सोच, आपकी कल्पना कभी कभी अचम्भित सी कर देती है।
जवाब देंहटाएंइस सुंदर भाव को पढकर भी ऐसा ही एहसास हुआ।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
waah didi
जवाब देंहटाएंkya baat hai
padhkar aannad aur josh aa gaya
jeevan ek yuddh hai aur aapki saral abhivyakti ne apne shabdo dwra ek jyot jaga di hai ..
mera pranaam sweekar kare..
regards
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
अरे वाह!!!इतने कम शब्दों में इतनी गहरी बात!!
जवाब देंहटाएंबहुत गहरे कही जीवन से जुडी है इस कविता की तार ...............तुफान भी इंसानी जज़्बे से हार जाते है .........बहुत ही खुब!
जवाब देंहटाएंaapki soch..aapki urja....aapki kalam aur uski jijivisha kabhi ast na ho.....jeevant shabd!
जवाब देंहटाएंउर्जा से भरी जिजीविषा और आपके शब्दों का सकारात्मक साथ अच्छे - अच्छे तुफानो को मोड़ सकता है ...ILu..!
जवाब देंहटाएंdidi .aap bahut achha likhti hai ...
जवाब देंहटाएंmai aapki sabhi kavitaye padti hu or aanand leti hu....
didi,
जवाब देंहटाएंaap bahut achha likhti hai mai hamesha aapki rachan padti hu or aanand leti hu ..
इतनी प्रेरणादायक रचना ...इसी जुझारू प्रवृति की जरूरत है सबको....गागर में सागर समेटे हुए हैं ये पंक्तियाँ
जवाब देंहटाएंरश्मी जी,
जवाब देंहटाएंआपकी हर रचना बहुत सुन्दर होती है| कम शब्दों में गहरी अभिव्यक्ति... जीवन के प्रति सकारात्मक सोच को प्रेरित करती रचना केलिए बधाई स्वीकारें|
bahut sundar
जवाब देंहटाएंsuperb...... aapke liy kuch bhi kahna .....munasib nhi hamare liy ..... aapki kalam ... bahut umda chalti hai
जवाब देंहटाएंवाह! इसे कहते हैं घनघोर आशावाद ।
जवाब देंहटाएंतुफ़ानों में कुछ बदल सकने की ताकत होती है.. मंद हवाय़ें सिर्फ़ कुछ पल का सकून दे पाती हैं..
जवाब देंहटाएंआपकी रचना के भाव सुन्दर हैं ... परन्तु
यह पंक्ति
मेरी ऊर्जा, मेरी जिजीविषा बन साथ है...
एक विरोधाभास सा प्रकट कर रही है..
हो सकता है मेरी समझ का ही फ़ेर हो..
क्योंकि सभी ने.. वाह वाह कही है
सही कहा है..मन के हारे हार है मन के जीते जीत..सोच अपनी जगह बना लेती है..हवा हो या तूफ़ान.
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