13 अक्तूबर, 2009

सिर्फ ख्याल




ख्याल ही ...
हमारा संचित धन है ,
उसी से ख़ुशी मिलती है,
आंसू मिलते हैं,
भूख मिटती है....
ख्यालों में सबकुछ
कभी अपना,
कभी जुदा होता है !
ज़िन्दगी तो अक्सर
रेत की तरह फिसलती रहती है,
ख्यालों का दामन ना पकड़ें
तो फिर गूंगे , बहरे हो जाएँगे
ख्याल अपने होते हैं,
सिर्फ अपने......

47 टिप्‍पणियां:

  1. Jee mummy......... aapne sahi kaha hai......... khyaal sirf apne hote hain....... inka daaman chhod denge to goonge , bahre ho jayenge........

    bahut achchi lagi yeh rachna MOM..

    जवाब देंहटाएं
  2. रश्मि जी,
    सच है हम अपने ख्यालों में ही सब कुछ पाते हैं..
    और यही ख्याल हैं जो हमें जिन्दा रखे हुए हैं.
    आपने बहुत खूबी से ख्यालों को परिभाषित किया है..
    बधाई

    जवाब देंहटाएं
  3. जीवन में वास्‍तविक खुशी और गम से तो कभी कभी पाला पडता है .. सच तो यह है कि ख्‍याल में ही हम अधिक खुश और दुखी होते आए हैं .. सुंदर रचना के लिए बधाई !!

    जवाब देंहटाएं
  4. सच कहा आपने.
    बहुत खूब परिभाषित किया आपने.

    जवाब देंहटाएं
  5. रश्मी जी नमस्कार ,

    आपका लिखना और हमारा पढ़ना दोनों सुखद रहा

    जवाब देंहटाएं
  6. khayal apne hote hai sach,khayalon ke bina jeevan adhura sa lagega.khayalon se hokar hi haqiqat murt roop dharan karti hai.sunder rachana

    जवाब देंहटाएं
  7. khyal to sirf aapane hote hai par kabhi kabhi tut bhi jate hai .......sundara rachana...........badhayi.

    जवाब देंहटाएं
  8. ख़याल ही अपने होते - बहूत खुबसूरत ख़याल ...
    यह तेरा ख़याल ही तो है -
    जो कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता है ,
    दूर होकर भी पास होने का एहसास देता है,
    गम को ख़ुशी में
    और
    ना-उम्मीदी को उम्मीद में बदल देता है...ILu...!

    जवाब देंहटाएं
  9. कल्पना की उडान ही ,
    ख्याल है .
    जिंदगी एक ,
    सच्चाई है.
    कल्पना रेत का महल है ,
    जिंदगी नींव का पत्थर .

    जवाब देंहटाएं
  10. ख्यालों में ज़िन्दगी के मायने बदलने का हुनर है, ये आप ही कह सकती हैं.......
    बहुत खूब!!
    प्रणाम के साथ हार्दिक शुभकामनायें........
    रश्मि दी!

    जवाब देंहटाएं
  11. बहुत सुन्दर ख़याल है रश्मिजी !!

    जवाब देंहटाएं
  12. खयाल अपने होते है,
    सिर्फ अपने --
    बेहतरीन खयाल -- बेह्तरीन रचना

    जवाब देंहटाएं
  13. khyal...jo sirf apna hai jo hamesh mere pas hota use na to koi chhin sakta hai or na hi bat sakta hai ...so khyal se apna or kon ho sakta hai.... bhut hi sunfer rachna likhi hai..


    http://aikash.blogspot.com

    yaha bhi aaiye n...

    जवाब देंहटाएं
  14. बहुत सूंदर लिखा आप ने इन ख्यालो को.
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  15. Ji Rashmi ji

    bahut hi umda khayal..
    kahte haina Ki'Manusya tu bada mahan hain teri muthiyon mai ye jahan hain"

    yanha Sankalp ki bat hain jo is poore jahan ko chala rahi hain ..

    or shankalp ki Garbhawastha ko hi khyal kahty hain meri samjh main to khayal se hi esh srishty ki khud ki suruat huyee hain.......


    jab sari kaynat ka mool hi khayal hain to fir hamara to wo hona hi haina ......

    ...adi se pehle khayal ki ye srijan hoga or uske bad bhi khayal hi ki na hoga or nahi hi hogaa to ye to sada rahne ki bat hain khayal .....

    ....jinke ache hoty hain wo jaker bhi dilon se ja nahi paty hain ..........bahut achaa laga padhker..

    जवाब देंहटाएं
  16. आपकी कविता अपनी आत्मीयता से पाठक को आकृष्ट कर लेती है। कविता में कल्पना के संवेदनशील पहलुओं को दिखाया गया है।

    जवाब देंहटाएं
  17. रश्मि जी चरण स्पर्श

    क्या बात है , बहुत ही खूबसूरत रचना। आपके शब्दो का संयोजन लाजवाब लगता है। और शब्दो को पिरोना तो कोई आपसे सीखे

    जवाब देंहटाएं
  18. बहुत गहरी सोच और उम्दा अभिव्यक्ति!

    जवाब देंहटाएं
  19. KHYAL...YAANI YAADEN .... ZINDGI KO YADAN JITNA INSPIRE KARTI HAIN.... KOI AUR NAHI.... AADMI KO AADMI BANE REHNE KE LIYE KHYAL JARURI HAI.... EAK SUNDAR RACHNA KE LIYE BADAHI!
    CHARAN SPARSH
    ARUN C ROY

    जवाब देंहटाएं
  20. बड़े पते की बात कही है ...ख्यालों का साथ न हो तो हमारे पास कुछ भी न रहें...ख्याल ही हमें आसमान कि ऊँचाइयों तक ले जाते हैं...

    जवाब देंहटाएं
  21. सुंदर अभिव्यक्ति।
    ख्याल ही हमें औरों से अलहदा बनाते हैं और ख्याल ही हमें आगे बढने का हौसला दिलाते हैं।
    ----------
    डिस्कस लगाएं, सुरक्षित कमेंट पाएँ

    जवाब देंहटाएं
  22. VAAH . KITNA KUCH KAH DIYA EK HI KHYAL MEIN IS KHYAAL KE BAARE MEIN ... SACH MEIN AGAR SOCH NA HO TO JEEVAN MUSHKIL HAI ...

    जवाब देंहटाएं
  23. यही विडम्बना है कि अब इस दुनिया को खयाल यानि विचार से रिक्त करने का प्रयास किया जा रहा है ,विचार ही नहीं होंगे तब यह दुनिया कैसी भयावह होगी । विचार के समर्थन मे लिखी इस कविता के लिये धन्यवाद और बधाई ।

    जवाब देंहटाएं
  24. khyal ke bina .....zindgi kaha? ye khyaal hi to hai...jo kabhi rang de jate hai to kabhi berang kar jaate hai.....iske baawjood bhi aate hai

    जवाब देंहटाएं
  25. ख्यालों का दामन ना पकड़ें
    तो फ़िर गूंगे, बहरे हो जायेंगे
    ख्याल अपने होते हैं
    सिर्फ़ अपने----

    एकदम सच लिखा है आपने ख्याल ही हमारा सचित धन है-----
    पूनम

    जवाब देंहटाएं
  26. मन के हारे हार है, मन के जीते जीत....
    ................

    शायद "ख्याल" मन के "खुद" से उदगार ही हैं...............

    वस्तुतः इसके विना तो जीना ही मुश्किल है..........

    विलक्षण भावों से रची-बसी बढ़िया प्रस्तुति.

    चन्द्र मोहन गुप्त
    जयपुर
    www.cmgupta.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  27. कहने को जिन्दगी हंसती रही
    पर आँखों में आंसू तैर जाते है |

    बहुत करीने से भावनात्मक सैलाब ला दिया............

    दीपावली की आपको हार्दिक मंगल शुभकामनाएं

    चन्द्र मोहन गुप्त
    जयपुर
    www.cmgupta.blogspot.com

    जवाब देंहटाएं
  28. दीपावली पर्व की आपको एवं समस्‍त परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं वैभव लक्ष्‍मी आप सभी पर कृपा बरसाएं। लक्ष्‍मी माता अपना आर्शिवाद बरसाएं

    जवाब देंहटाएं
  29. रश्मि जी,
    सच कहा ख्याल हीं तो अपने होते हैं, इनके बिना हम गूंगे बहरे हो जायेगे| शायद जीवन जीने की एक राह है ''ख्याल'' जिससे ज़िन्दगी आसान बनती है| सुन्दर रचना के लिए बधाई स्वीकारें|

    जवाब देंहटाएं
  30. सुंदर व्यंजनाएं।
    दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
    आप ब्लॉग जगत में महादेवी सा यश पाएं।

    -------------------------
    आइए हम पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।

    जवाब देंहटाएं
  31. bina khyal..zindagi ret ki tarah fisalti....

    umda rachna..
    Rashmi ji,आप सहित पूरे परिवार को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ.

    जवाब देंहटाएं
  32. बहुत सही कहा आपने...
    दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनायें

    जवाब देंहटाएं
  33. बहुत सुंदर प्रस्तुती आशंकाएं और चिंताएँ है !
    काश ये भावनाए मूर्त रूप ले पाती !!!!!

    जवाब देंहटाएं

एहसास

 मैंने महसूस किया है  कि तुम देख रहे हो मुझे  अपनी जगह से । खासकर तब, जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में  मेरा ही मन कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता...