(तमाम सुधिजनों को दीपावली की शुभकामनाओं के साथ एक सत्य की सौगात )
साप्ताहिक योजना में
घर की सफाई हो रही है
हर कोने की गन्दगी हटाई जा रही है
छोटी-बड़ी हर दुकानें
सज गई हैं
एक साल की धूल हटाकर
लक्ष्मी की प्रतीक्षा है सबको !
.............................................
पर जो गंदगियाँ पोखर,तालाबों,
नदियों,पहाड़ों, सड़कों के किनारे हैं
उनका क्या होगा?
जो ईर्ष्या,द्वेष,घृणा,उपेक्षा की परतें
हमारे अन्दर हैं
उनका क्या होगा?
इन गंदगियों को पारकर
लक्ष्मी कैसे आएँगी?
क्यूँ आएँगी?
............................
साप्ताहिक सफाई का
सारा नज़ारा लक्ष्मी ने भी देखा है
मंद मुस्कान लिए
मन की परतों को भी जाना है
साप्ताहिक योजना में
घर की सफाई हो रही है
हर कोने की गन्दगी हटाई जा रही है
छोटी-बड़ी हर दुकानें
सज गई हैं
एक साल की धूल हटाकर
लक्ष्मी की प्रतीक्षा है सबको !
.............................................
पर जो गंदगियाँ पोखर,तालाबों,
नदियों,पहाड़ों, सड़कों के किनारे हैं
उनका क्या होगा?
जो ईर्ष्या,द्वेष,घृणा,उपेक्षा की परतें
हमारे अन्दर हैं
उनका क्या होगा?
इन गंदगियों को पारकर
लक्ष्मी कैसे आएँगी?
क्यूँ आएँगी?
............................
साप्ताहिक सफाई का
सारा नज़ारा लक्ष्मी ने भी देखा है
मंद मुस्कान लिए
मन की परतों को भी जाना है
दीये की लौ
कितनी ईमानदार है
और कितनी भ्रष्ट....
सबकुछ पहचाना है !
.........जहाँ ईमानदारी है
वहां लक्ष्मी वैभव बनकर आएँगी
भ्रष्टाचार की दुनिया में
जहाँ उनको उछाला जाता है
वहां तांडव ही करके जाएँगी !
पटाखों की शोर में
स्व की मद में
शायद तुम्हें अभी पता न चले
पर सारा हिसाब लक्ष्मी करके जाएँगी
चुटकी बजाते
दीवालेपन की घंटी बजाकर जाएँगी !
कितनी ईमानदार है
और कितनी भ्रष्ट....
सबकुछ पहचाना है !
.........जहाँ ईमानदारी है
वहां लक्ष्मी वैभव बनकर आएँगी
भ्रष्टाचार की दुनिया में
जहाँ उनको उछाला जाता है
वहां तांडव ही करके जाएँगी !
पटाखों की शोर में
स्व की मद में
शायद तुम्हें अभी पता न चले
पर सारा हिसाब लक्ष्मी करके जाएँगी
चुटकी बजाते
दीवालेपन की घंटी बजाकर जाएँगी !
ghar saaf ho jaata hai, mann waise ka waisa
जवाब देंहटाएंSHUBH SANDESH DETEE HUEE SASHAKT
जवाब देंहटाएंKAVITA HAI.
bahut hi bhav pradhaan rachna....lakshmi ji se agrah hai ki wo bilkul waisa hi karen jaisa ki aapne varnit kiya hai....
जवाब देंहटाएंdeewali ki hardik shubhkamnayen
sahi likha hae aapane
जवाब देंहटाएंआपकी इस कविता में निराधार स्वप्नशीलता और हवाई उत्साह न होकर सामाजिक बेचैनियां और सामाजिक वर्चस्वों के प्रति गुस्सा, क्षोभ और असहमति का इज़हार बड़ी सशक्तता के साथ प्रकट होता है।
जवाब देंहटाएंसफाई अभियान यहाँ भी जोरों पर है. :)
जवाब देंहटाएंसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
बिलकुल सही और सत्य कहाँ आपने..आपको और आपके सहपरिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये.
जवाब देंहटाएंman ki gandagi vaisi hi rah jati hai sahi likha...
जवाब देंहटाएंhappy diwali
man ki safaye ejaruri hai ghar ke sath
bahut shandar rachanaa hai .......
जवाब देंहटाएंrashmi ji DIPAWALI KI HARDIK SHUBHKAMANAYEN....
दीपो के इस त्यौहार में आप भी दीपक की तरह रोशनी फैलाए इस संसार में
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाये
पंकज मिश्र
लक्ष्मी के प्रवेश के लिए अंदर को साफ रखना आवश्यक है !!
जवाब देंहटाएंपल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!
सही कहा जी
जवाब देंहटाएंस स्नेह दीपावली की शुभकामनाएं
आपके परिवार के सभी के लिए
- लावण्या
स्वर्ग न सही धरा को धरा तो बनाये..
जवाब देंहटाएंदीप इतने जलाएं की अँधेरा कही न टिक पाए..
इस दिवाली इन परिन्दों के लिए पटाके न चलायें....
"आओ मिल कर फूल खिलाएं, रंग सजाएं आँगन में
जवाब देंहटाएंदीवाली के पावन में , एक दीप जलाएं आंगन में "
......दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ |
behtreen........satya ko ujagar karti rachna.
जवाब देंहटाएंdiwali ki hardik shubhkamnayein
दीपावली की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंबहुत ही सार्थक लिखा है......
जवाब देंहटाएंसाधुवाद!!!!!!!!!
kaash! laxmi ji aisa kar den .....gande logon aur gandki ki safai...deepparv ki shubhkaamnaye
जवाब देंहटाएंरश्मि,
जवाब देंहटाएंदीपावली के शुभ अवसर पर तुम्हारी यह रचना स्व के धरातल से ऊपर उठ कर रची गयी है.पूर्ण विश्वास है कि इसका प्रभाव पाठकों के माध्यम से और लोगों पर भी पडेगा.
कोई तो इस दिशा में सोंच रहा है.
___ किरण दीदी.
भीतर की सफाई कुछ लोग साप्ताहिक और मासिक क्या ज़िन्दगी भर नही करते ।
जवाब देंहटाएंस्व की मद में
जवाब देंहटाएंशायद तुम्हें अभी पता न चले
पर सारा हिसाब लक्ष्मी कर के जायेगीं
चुटकी बजाते
दिवलेपन की घंटी बजाकर जायेगीं.
सत्य वचन
बढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
दीपावली और भाई-दूज पर आपको और आपके परिवार को अनंत हार्दिक शुभकामनाएं.
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com
"एक साल की धूल हटाकर
जवाब देंहटाएंलक्ष्मी की प्रतीक्षा है सबको"
"साप्ताहिक सफाई का
सारा नज़ारा लक्ष्मी ने भी देखा है
मंद मुस्कान लिए
मन की परतों को भी जाना.."
अद्भुत..प्रस्तुति रश्मिजी..अद्भुत..
superb!!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंबढ़िया प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई.
जवाब देंहटाएंभाई दूज की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने!
बहुत बड़ी बात कही है आपने बाहर की गंदगी तो सब साफ कर लेते हैं परजो मन की अंदर बसी है उसका क्या
जवाब देंहटाएंbahut achchhi kavita jo sundar dharan kiye hai ,
जवाब देंहटाएंबिलकुल ठीक है जी लक्ष्मी जी तो हिसाब किताब करके ही जावेगी | लक्ष्मी कि महिमा में कहा भी है -
जवाब देंहटाएंपत्राभ्यागवदानमान चरण प्रक्षालनं भोजनम्|
सत्सेवा पितृदेववार्चन विधि :सत्यमगवां पालनम् ||
धान्या नामपि संग्रहो न कलहशिचता त्ररुपा प्रिया|
द्रष्टा प्रहा हरि वसामि कमला तस्मिन् गृहे निश्चला ||
संस्कृत में कुछ गलती हो सकती है ,इसीलिए अनुवाद कर देती हूँ
जहाँ मेहमान कि आवभगत करने में आती है ,उनको भोजन कराया जाता है ,जहाँ सज्जनों कि सेवा कि जाती है ,जहाँ निरंतर भावः से भगवान कि पूजा और धर्म कार्य किये जाते है ,जहाँ सत्य का पालन किया जाता है ,जहा गलत कार्य नहीं होते ,जहाँ gaayo कि रक्षा होती है जहाँ दान देने के लिए धान्य का संग्रह किया जाता है जहाँ क्लेश नही होता जहाँ पत्नी संतोषी और विनयी होती है ,ऐसी जगह पर मै सदा निश्चल रहती हूँ \बाकि जगह पर कभी कभार ही द्रष्टि डालती हूँ |
सुन्दर कविता के लिये बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत खूब...
जवाब देंहटाएंआपके शब्दों में किसी भी बात को निचोड़ से कहना का माद्दा है।
पढ़कर अच्छा लगा।